Ahmedabad : अहमदाबाद। वर्ष-2002 के सांप्रदायिक दंगों के संबंध में बेगुनाह लोगों को गलत तरीके से फंसाने की साजिश के मामले में पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट को गुजरात की विशेष जांच दल ;एसआईटीद्ध ने गिरफ्तार किया है। मामले की जांच से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि ट्रांसफर वारंट के जरिये संजीव भट्ट को पालनपुर जेल से अरेस्ट किया गया है। संजीव भट्ट को पूर्व में अहमदाबाद पुलिस की अपराध शाखा द्वारा दर्ज मामले में गुजरात के बनासकांठा जिले के पालनपुर जेल से मंगलवार को गिरफ्तार किया गया था और इसके बाद ‘ट्रांसफर वारंट’ पर अहमदाबाद लाया गया।
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी को यहां एक महानगरीय अदालत में पेश किया गया, जहां उन्हें 20 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और गुजरात के पूर्व पुलिस महानिदेशक आरबी श्रीकुमार के बाद इस मामले में गिरफ्तार भट्ट तीसरे आरोपी हैं। वह 27 साल पुराने एक मामले में बनासकांठा जिले की पालनपुर जेल में 2018 से बंद थे। यह मामला राजस्थान के एक वकील को गलत तरीके से फंसाने से जुड़ा है। मुकदमे के दौरान पूर्व आईपीएस अधिकारी को जामनगर में हिरासत में मौत के एक मामले में उम्रकैद की सजा भी सुनायी गयी। अहमदाबाद अपराध शाखा के पुलिस उपायुक्त चैतन्य मांडलिक ने बाद में कहा कि हमने ट्रांसफर वारंट पर पालनपुर जेल से संजीव भट्ट को हिरासत में लिया और फिर उन्हें औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया।
गुजरात सरकार ने 2002 में गोधरा ट्रेन अग्निकांड के बाद हुए दंगों से संबंधित विभिन्न मामलों में झूठे सबूत के मामले में भट्ट, श्रीकुमार और सीतलवाड़ की भूमिकाओं की जांच के लिए पिछले महीने एसआईटी का गठन किया था। अपराध शाखा ने पिछले महीने सीतलवाड़ और श्रीकुमार को गिरफ्तार किया था और वे अभी जेल में हैं। उच्चतम न्यायालय ने 2002 दंगा मामले में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को एसआईटी द्वारा दी गयी क्लीन चिट बरकरार रखा था, जिसके बाद दोनों को गिरफ्तार किया गया। उन पर बेगुनाह लोगों को फंसाने की साजिश में जाली सबूत पेश करने की साजिश रचकर कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग करने का आरोप है।