Noida : नोएडा । देश भर की सडक़ों पर दौडऩे वाले ट्रकों से हो रहे हादसों के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। इस खुलासे में पता चला है कि ट्रक (Truck) चलाने वाले 50 फीसदी से अधिक ड्राइवर (Driver) किसी न किसी दृष्टि दोष की समस्या से ग्रस्त हैं। 34 हजार ट्रक चालकों के परीक्षण से यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
नोएडा स्थित अस्पताल आई केयर हॉस्पिटल (Eye Care Hospital) ने साइटसेवर्स इंडिया की मदद से 34,000 ट्रक ड्राइवरों की आंखों (Eyes) का परीक्षण किया। इनमें से 38 प्रतिशत ट्रक ड्राइवरों में नज़दीकी तौर पर देखने में समस्या पाई गई तो वहीं 8 प्रतिशत ट्रक ड्राइवरों को दूर की दृष्टी संबंधित समस्याओं से ग्रस्त पाया गया जबकि इनमें से 4 प्रतिशत लोग ऐसे थे जिनमें दूर और नज़दीक दोनों तरह का दृष्टि दोष था।
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उल्लेखनीय है कि इनमें से कोई भी ट्रक ड्राइवर (Truck Driver) चश्मे का इस्तेमाल करता हुआ नहीं पाया गया।
आई केयर हॉस्पिटल Eye Care Hospital) के सीईओ डॉ. सौरभ चौधरी (Dr. Saurabh Chowdhary) ने एक प्रेसवार्ता में बताया कि एक नेत्र चिकित्सा अस्पताल होने के नाते हम इस बात से अच्छी तरह से वाकिफ़ हैं कि भारत में बड़ी तादाद में होने वाले सडक़ हादसों में ड्राइवरों में व्याप्त दृष्टि दोष की समस्या एक बड़ी वजह होती है। हमने जिन भी ट्रक ड्राइवरों ने नेत्रों की जांच की, वे इस बात से कतई वाकिफ़ नहीं थे कि उनमें किसी को भी किसी तरह का कोई दृष्टि दोष है। इतना ही नहीं, इनमें से किसी ने कभी भी अपनी आंखों का परीक्षण नहीं कराया था।
डॉ. सौरभ चौधरी (Dr. Saurabh Chowdhary) ने बताया कि ट्रक ड्राइवरों की आंखों की अच्छी तरह से पड़ताल करने के बाद हमारे सामने यह तथ्य सामने आया कि इनमें से ज़्यादातर ट्रक ड्राइवर ‘रिफ्रैक्टिव एरर’ (दूर और नज़दीकी वस्तुओं को ठीक से नहीं देख पाने की स्थिति) की समस्या से ग्रसित हैं। ऐसे में हमने अपने पार्टनर साइटसेवर्स इंडिया (SiteSavers India) के साथ मिलकर पीडि़त ट्रक ड्राइवरों को मौके पर ही विभिन्न तरह के रेडी टू क्लिप चश्मे मुहैया कराए. जिन भी ट्रक ड्राइवरों में ‘रिफ्रैक्टिव एरर’ जटिल किस्म का पाया गया।
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