Buddha Purnima : बुद्ध के द्वारा जीवन के मार्ग को प्रशस्त करने के लिए कई अमूल्य उपदेश संसार को दिए गए और उन्हीं में से एक है, ” अप्प दीपो भव “, इस सूक्ष्म सूत्र वाक्य का तात्पर्य है कि आपको अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए किसी और पर निर्भर करने की आवश्यकता नहीं है बल्कि आपको अपने जीवन का प्रकाश स्रोत खुद ही बनना चाहिए। यही नहीं ज़ब आप अपने जीवन को प्रकाशित करने का जिम्मा खुद उठाते हैं तो अनजाने में ही सही आप कई और जरूरतमंदो की सहायता भी करते हुए आगे बढ़ते हैं। अतः आप स्वयं के लिए प्रकाश तो प्रसारित कर ही रहे हैं लेकिन अन्य लोगों के लिए भी एक प्रकाश स्तम्भ की तरह जगमगा रहे हैं।
Buddha Purnima
गौतम बुद्ध के अनुयायियों में से एक आंनद ने ज़ब अपने इष्ट गुरु बुद्ध से यह प्रश्न पूछा कि,” ज़ब मेरे जीवन को प्रशस्त करने के लिए आप यहाँ मौजूद नहीं रहेंगे तो मैं अपने जीवन को दिशा कैसे दे सकूंगा? ” इस पर बुद्ध ने यही सूत्र वाक्यआनंद को बताया और कहा, “अप्प दीपो भव “। उन्होंने कहा कि अपने जीवन में आगे का रास्ता खोजने के लिए तुम्हें किसी अन्य के ज्ञान और अनुभव की आवश्यकता नहीं होगी। तुम्हारे लिए तुम्हारी अंतरआत्मा का ज्ञान और प्रकाश ही तुम्हें आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त होगा।
Buddha Purnima
उन्होंने आगे कहा कि,” अगर तुम लंगड़े हो तो मेरी बैसाखी के सहारे मत चलना। मेरा और तुम्हारा साथ कुछ देर का ही रहेगा। मेरा साथ छूट जाने पर फिर तुम मंजिल तक कैसे पहुँच सकोगे? अगर तुम मेरे प्रकाश में ही सदैव चलते रहोगे तो कुछ देर बाद मेरे और तुम्हारे रास्ते अलग हो जाएंगे.. मेरे साथ मेरी रोशनी होगी और तुम्हारे साथ तुम्हारा अंधेरा। इसलिए अपनी रोशनी खुद पैदा करो। अपना प्रकाश स्वयं बनो। अप्प दीपो भव। ”