How to Protect SIM Card : साइबर ठगी (Cyber fraud) के बारे में आजकल हर कोई जानता है, लेकिन इसके बावजूद हर दिन कोई-न-कोई साइबर क्रिमिनल (Cyber Criminal) के चंगुल में फंसता हुआ नजर आ रहा है। साइबर ठगी आए दिन किसी न किसी को बेवकूफ बनाकर अपने चंगुल में फंसा लेते हैं और फलां जगह पर फलां तरीके से बैंक खाता (Bank Account) खाली कर देते हैं। जहां एक ओर टेक्नोलॉजी (Technology) ने हमारी ज़िन्दगी को आसान बनाया है, वहीं दूसरी ओर हमारे सामने दिक्कतों के बड़े-बड़े पहाड़ खड़े कर दिए हैं। बेवकूफ बनाने के किस्सों की भरमार के बीच कम पढ़े-लिखे लोखों का ठगा जाना तो हैरान करता ही है लेकिन लोगों को उस समय ज्यादा हैरानी होती है जब साइबर अपराधी (Cyber criminals) पढ़े-लिखे लोगों को भी अपने जाल में फंसा लेते हैं।
SIM Card के जरिए गायब हो सकते हैं पैसे
साइबर ठग लोगों को अपने जाल में फंसाने के अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं। जिसमें साइबर अपराधी बैंक खाता बनाने से लेकर सिम कार्ड तक के जरिए लाखों-करोड़ों रुपए साफ कर देते हैं और मौके से भाग निकलते हैं। आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिए बताएंगे कि आपका सिम कार्ड कैसे हैकिंग (जिसे SimJacking भी कहा जाता है) हो सकता है और आपको इससे बचने के लिए किन-किन उपायों का प्रयोग करना चाहिए। क्योंकि साइबर अपराधियों द्वारा उठाए जा रहे ये कदम आपके लिए काफी खतरनाक हो सकता है। जिसके जरिए ठग आपके व्यक्तिगत डेटा (Personal Data) और खातों तक आसानी से पहुंच सकते हैं।
Sim Jacking क्या होता है? What is Sim Jacking?
हमें सबसे पहले Sim Jacking के बारे में समझ लेना चाहिए। दरअसल Sim Jacking में ठग आपके सिम कार्ड को कब्जाकर आपके फोन नंबर, सोशल मीडिया अकाउंट्स और बैंक खातों तक पहुंच जाते हैं। हैकर्स आमतौर पर एक स्पाईवेयर लिंक के साथ SMS भेजते हैं, जिस पर क्लिक करने से वायरस आपके फोन में इंस्टॉल हो जाता है और ठग आपके फोन के कॉल, मैसेज, लोकेशन, और कॉन्टैक्ट्स तक पहुंच सकते हैं।
Sim Jacking से बचने के उपाय
Unknown Links से रहें सावधान
ज्यादातर लोगों की ये आदत होती है कि वो फोन पर आई हुई किसी भी लिंक पर एकदम से क्लिक कर देते हैं। जो हैकर्स को आसानी से दावत देने के लिए काफी है। इसलिए अगर आपके फोन में कोई भी लिंक आती है और आप उसके बारे में कुछ नहीं जानते हैं तो आपको उससे बचकर रहना चाहिए। खासकर जब वह बैंक या किसी संस्था से संबंधित हो क्योंकि बैंक वेरिफिकेशन के लिए कभी भी लिंक नहीं भेजते हैं।
पर्सनल जानकारी से बचने में है भलाई
सोशल मीडिया पर कई लोग अपनी Personal Information धड़ल्ले से शेयर कर देते हैं और बाद में रोते रह जाते हैं। ऐसे में आपको इस बात का ख्याल रखना है कि आप सोशल मीडिया पर अपनी पर्सनल जानकारी जैसे जन्मतिथि, पता या फिर तस्वीरें शेयर करने से किनारा करें क्योंकि आपकी पर्सनल जानकारी ही ठग के लिए आप तक पहुंचने का जरिए है।
हमेशा Strong Password का उपयोग करें
जब भी आप अपने अकाउंट्स के लिए पासवर्ड का इस्तेमाल करते हैं तो कोशिश करें कि स्ट्रॉग पासवर्ड (Strong Password) चुनें। सरल पासवर्ड जैसे नाम या जन्मतिथि से बचें। 2FA और सुरक्षा सवालों का उपयोग करें जो कठिन और आपके लिए ही जानने योग्य हों।
सावधान रहें (Be careful)
इनके आलावा आपको हमेशा साइबर सुरक्षा (Cyber security) के मामलों पर अपडेट रहना चाहिए। क्योंकि साइबर अपराधी (Cyber criminals) आए दिन अपराध को अंजाम देने के लिए नए-नए तरीकों को खोज निकालते हैं। ऐसे में आपको ठगी के नए तरीकों के बारे में जानकारी रखना चाहिए। इन सावधानियों को ध्यान में रखकर आप सिम कार्ड हैकिंग (SIM card hacking) और अन्य साइबर ठगों (Cyber Thug) से बच सकते हैं।
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