Wednesday, 27 November 2024

चेतना मंच स्पेशल : काला धन ज्वैलरी में खपाने वालों की अब खैर नहीं, हर ज्वैलर रखेगा जासूस

Chetna Manch Special नोएडा / नई दिल्ली। काला धन कमाने अथवा रखने वाले अब बचने नहीं है। वें भी नहीं…

चेतना मंच स्पेशल : काला धन ज्वैलरी में खपाने वालों की अब खैर नहीं, हर ज्वैलर रखेगा जासूस

Chetna Manch Special नोएडा / नई दिल्ली। काला धन कमाने अथवा रखने वाले अब बचने नहीं है। वें भी नहीं बचेंगे जो काला धन ज्वैलरी में बदल लेते हैं। सरकार ने व्यवस्था बनाई है कि अब ज्वैलरी का कारोबार करने वाले कारोबारियों को अपने यहां जासूस तैनात करने होंगे। ये सारे जासूस सीधे सरकार के संपर्क में रहेंगे। इन जासूसों को नोडल अधिकारी कहा जाएगा।

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क्या है सरकार की योजना ?

भारत सरकार की एक खास एजेंसी काले धन पर नजर रख सकती है। इस एजेंसी का नाम वित्तीय सूचना इकाई (FIU) है। इसी एजेंसी ने एक नई व्यवस्था शुरू की है। एजेंसी का साफ मत है कि काला धन कमाने, छुपाने व मनी लांड्रिंग करने वाले ज्वैलरी की आड़ में काला धन छुपाते हैं। सोना, चांदी व कीमती रत्नों की ओड़ में काले धन को सफेद किया जाता है। ऐसा करने वालों की घेराबंदी के लिए FIR ने अपने जासूस यानि नोडल ​अधिकारियों का दायरा बढ़ाने का फैसला किया है।

क्या है नया सिस्टम ?

नए निर्देशों के मुताबिक जिन सराफा कारोबारियों का सालाना टर्नओवर 500 करोड़ से ज्यादा है, उन्हें अनिवार्य रूप से नोडल अधिकारी रखना होगा। इससे कम टर्नओवर वाले कारोबारियों के यहां नोडल अफसर रखने की जिम्मेदारी संबंधित एसोसिएशन या काउंसिल की होगी। अधिकारी की जिम्मेदारी कारोबारी, इंडस्ट्रियल काउंसिल, एसोसिएशन व FIU के बीच एक सेतु की होगी। छोटे सर्राफ नोडल अधिकारी को लेनदेन की सूचना देंगे, जांच के बाद उसे एफआईयू को भेजा जाएगा। नोडल अफसर का राजस्व विभाग की वेबसाइट फिनगेट- 2.0 व फिनगेट एप में पंजीकरण कराना होगा। संदिग्ध लेनदेन या ग्राहकों की जानकारी इस वेबसाइट एप से ही – एफआईयू को देनी होगी।

कर्मचारी की गलती का खामियाजा भुगतेंगे कारोबारी

सर्राफा कारोबारियों की जिम्मेदारी होगी कि अपने यहां किसी भी कर्मचारी की नियुक्ति से पहले उसकी अच्छी तरह पड़ताल कर लें। ग्राहक की पहचान और संदिग्ध लेनदेन की सूचना तत्काल दें। हीरा, रत्न, सोना-चांदी के कारोबारी अपने अपने क्षेत्र के हिसाब से प्रत्येक कर्मचारी को प्रशिक्षित करेंगे। FIU में डीलरों को पंजीकरण भी कराना होगा।

तीन चरणों का मॉडल तैयार : सराफा कारोबार में पारदर्शिता लाने के लिए तीन चरणों का मॉडल तैयार किया गया है- शिक्षा, जागरुकता और बचाव। कारोबारियों में शिक्षा और जागरुकता के लिए अभियान चलाया जाएगा, वहीं बचाव मॉडल में लेखापरीक्षा महानिदेशालय की गाइडलाइंस के मुताबिक डीलरों को एंटी मनी लांड्रिंग एक्ट के बारे में बताया जाएगा। डीलरों और वित्तीय खुफिया इकाइयों के बीच इंटेलीजेंस का लिंक विकसित किया जाएगा, ताकि कारोबारी लेनदेन को साझा किया जा सके। Chetna Manch Special

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