Lucknow News: उत्तर प्रदेश में इन दिनों हरी सब्जियों की डिमांड बढ़ गई है। इसकी वजह भी कहीं न कहीं डेंगू और बुखार की बीमारी होना बताया जा रहा है क्योंकि डॉक्टर्स भी बदलते मौसम में हरी सब्जी का सेवन करने की सलाह दे रहे हैं। ऐसे में लखनऊ शहर की मंडियों की बात करें तो यहां की मंडियों में पहले की अपेक्षा कई हरी सब्जियों की कीमतें कम हुई हैं और खरीदारों की संख्या में भी इज़ाफा हुआ है। दुबग्गा सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि त्यौहार आते ही हरी सब्जियों की डिमांड पहले से बढ़ गई है डिमांड ज्यादा होने से कीमतों में तेजी आई है। लहसुन, हरी मिर्च, अदरक, धनिया और नीबू की कीमतों में तेजी बरकरार है।
मंडी में इस दाम में बिक रही सब्जियां
परवल- 50 रुपये किलो, शिमला- 80 रुपये किलो, तोराई- 40 रुपये किलो, करेला- 30 रुपये किलो, गाजर- 40 रुपये किलो, सेम- 80 रुपये किलो, लहसुन- 180 रुपये किलो, फूल गोभी- 30 रुपये/प्रति पीस, घुइयां- 20 रुपये किलो, हरी मिर्च- 80 रुपये किलो, अदरक- 60 रुपये किलो, नीबू- 80 रुपये किलो, धनिया- 160 रुपये किलो, भिंडी- 30 रुपये किलो, पालक- 30 रुपये किलो, आलू- 25 रुपये किलो, प्याज 35 रुपये किलो, लौकी- 15 रुपये किलो, कद्दू- 20 रुपये किलो, टमाटर- 20 रुपये किलो, खीरा- 20 रुपये किलो है।
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डिमांड बढ़ी इसलिए महंगी हुई सब्जियां
फुटकर सब्जी बेचने वाले दुकानदारों का कहना है कि हरी सब्जियों की कीमतें बढ़ी हैं। ऐसा डिमांड बढ़ने की वजह से है। हालांकि सब्जियों के दामों में लगातार उतार-चढ़ाव के कारण उम्मीद के अनुसार दुकानदारी नहीं हो रही है। वहीं सब्जी खरीदने आई सुनीता ने बताया कि लगभग सभी सब्जियों के दाम 40 रुपये के आसपास ही हैं। ऐसा लगता है कि फुटकर दुकानदारों और फेरीवालों के बीच कोई समझौता हो गया है। यही वजह है कि मंडी में सब्जियों की कीमतें कम होने के बाद भी इन लोगों के भाव बढ़े हुए रहते हैं। सब्जियों के दाम में लगातार वृद्धि से गृहस्थी संभालने में काफी परेशानी हो रही है। घर का बजट बिगड़ा हुआ है। सब्जियां महंगी होने की वजह से दूसरी जरूरतें पूरी करने में हालत खराब हो रही है।
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