Ahmedabad News: वैसे तो दोस्तों या परिवार के लोगों के साथ बाहर टी स्टाल्स पर जाकर चाय की चुस्कियाँ लेना हर किसी को पसंद होता है लेकिन अगर आपसे यह कहा जाए कि क्या आप कब्रों के बीच बैठकर चाय पीना एन्जॉय कर सकते हैं? आप कहेंगे एन्जॉय तो छोड़िये हम डर के कारण वहाँ जा ही नहीं सकते। लेकिन अहमदाबाद के एक अजीबोग़रीब रेस्टोरेंट में हर रोज़ ऐसा होता है। जी हाँ लगभग 73 सालों से यहाँ पर 26 कब्रों के बीच बैठ कर चाय पीने की सर्विस देने वाला यह रेस्टोरेंट लकी टी स्टॉल डाइन विद द डेड रेस्तरां के नाम से बेहद लोकप्रिय है।
कब्रिस्तान के बाहर चाय की दुकान से हुई शुरुआत
अगर आप ऐसा सोच रहें हैं कि शुरू से यह रेस्टोरेंट (Ahmedabad News) कब्रों के बीच में बना हुआ था तो यह गलत है। इसकी शुरुआत वर्ष 1950 में एक साधारण से टी स्टॉल से हुई थी। जिसे के एच मुहम्मद कब्रिस्तान के बाहर लगाते थे।
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उनकी टी स्टॉल के चाय और बन मस्का इतने ज्यादा लोकप्रिय हुए कि लोगों का वहाँ ताँता लगने लगा। बढ़ती हुई भीड़ को देख कर के एच मुहम्मद ने कब्रों के आस पास कुर्सियां डाल कर लोगों को चाय पिलाना शुरु कर दिया। कई वर्षों तक ऐसा ही चलता रहा फिर एक दिन के एच मुहम्मद ने यह टी स्टाल और जमीन कृष्णन कुट्टी नायर को बेच दी।
नहीं बदला गया कब्रों वाले इस रेस्टोरेंट का स्वरुप
कृष्णन नायर को यह जगह बेच देने के बाद भी इस अनोखे रेस्टोरेंट (Ahmedabad News) का स्वरूप नहीं बदला गया। रेस्टोरेंट के नये मालिक ने कहा कि यह टी स्टॉल और रेस्टोरेंट इन्हीं कब्रों के कारण फल -फूल रहा है तो वे इन्हें नहीं हटाना चाहते हैं। अहमदाबाद के लाल दरवाजा में स्थित यह रेस्टोरेंट और टी स्टॉल आज भी वैसे ही चल रहा है और लोग अपने दोस्तों के साथ बड़े मजे यहाँ कब्रों के बीच बैठ कर चाय पीते हैं।
रोज़ होती है कब्रों की सफाई
आपको बता दें कि इस रेस्टोरेंट में मौजूद 26 कब्रों को काफी अहमियत दी जाती है। हर रोज़ रेस्टोरेंट खुलने के बाद इन कब्रों को ऊपर से साफ़ किया जाता है और इन पर ताज़े फूल चढ़ाये जाते हैं। कब्रों के चारों तरफ एक बैरीकैड बना दिया है जिससे इन्हें कोई नुकसान न पहुंचे।
सुकून की तलाश में पहुँचते हैं लोग
कब्रों से घिरा हुआ यह टी स्टॉल किसी भी तरह से लोगों को डराता नहीं है बल्कि यहाँ (Ahmedabad News) के सुकून के लोग दीवाने हैं। आम लोगों की बात तो छोड़िये, इस कैफ़े या टी स्टॉल ने मशहूर आर्टिस्ट एमएफ हुसैन को भी अपनी तरफ आकर्षित करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने लकी टी स्टॉल डाइन विद द डेड रेस्तरां को अपने द्वारा बनाई गयी एक पेंटिंग भी तोहफ़े में दी जिसे आज भी रेस्टोरेंट की दीवारों पर मौजूद देखा जा सकता है।