Tuesday, 13 May 2025

विज्ञान से साहित्य तक का सफर – हरिवंश राय बच्चन के नाम हुई प्रयागराज की ऐतिहासिक विरासत!

प्रयागराज, उत्तर प्रदेश – इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अपने पुराने विज्ञान परिषद भवन का नाम बदलकर…

विज्ञान से साहित्य तक का सफर – हरिवंश राय बच्चन के नाम हुई प्रयागराज की ऐतिहासिक विरासत!

प्रयागराज, उत्तर प्रदेश – इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अपने पुराने विज्ञान परिषद भवन का नाम बदलकर अब प्रसिद्ध कवि और साहित्यकार हरिवंश राय बच्चन के नाम पर “हरिवंश राय बच्चन सांस्कृतिक केंद्र” रख दिया है। यह फैसला विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा 18 अप्रैल को लिया गया, जिसका उद्देश्य न केवल कवि की साहित्यिक विरासत को सम्मान देना है, बल्कि इस भवन को फिर से शैक्षिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र बनाना है।

हरिवंश राय बच्चन का विश्वविद्यालय से गहरा नाता

हरिवंश राय बच्चन न केवल हिंदी कविता जगत के चमकते सितारे रहे हैं, बल्कि वे इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अंग्रेज़ी विभाग में प्रोफेसर के रूप में भी कार्यरत रहे थे। उनकी साहित्यिक साधना और शिक्षण जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा इसी विश्वविद्यालय से जुड़ा रहा है।

विज्ञान परिषद की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

1913 में स्थापित यह विज्ञान परिषद भवन कभी वैज्ञानिक सोच और नवाचार का केंद्र हुआ करता था। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इसकी गतिविधियाँ मुख्यतः वाणिज्यिक हो गई थीं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने हाल ही में इसे पुनः अपने अधीन लेते हुए इसका नामकरण हरिवंश राय बच्चन के नाम पर करने का निर्णय लिया। इसके साथ ही भवन में अब एक गेस्ट हाउस भी बनाया गया है, जिसका नाम भी कवि के नाम पर रखा गया है।

सांस्कृतिक गतिविधियों का नया केंद्र

अब यह भवन साहित्यिक चर्चाओं, सांस्कृतिक आयोजनों और विश्वविद्यालय के शैक्षिक कार्यक्रमों का प्रमुख स्थल बनेगा। विश्वविद्यालय प्रशासन का मानना है कि यह कदम विद्यार्थियों को भारतीय साहित्य, संस्कृति और विरासत से जोड़ने में मदद करेगा।

बच्चन परिवार की विरासत को सम्मान

इससे पहले प्रयागराज में एक खेल परिसर का नाम हरिवंश राय बच्चन के सुपुत्र, सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के नाम पर रखा गया था। अब उनके पिता को यह सम्मान देकर शहर ने दोनों पीढ़ियों के योगदान को मान्यता दी है।

प्रशासन का बयान

विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा, “हरिवंश राय बच्चन केवल एक कवि नहीं थे, वे एक विचारधारा थे। उनका नाम इस भवन से जोड़कर हम आने वाली पीढ़ियों को उनकी साहित्यिक यात्रा से परिचित कराना चाहते हैं।”

इलाहाबाद विश्वविद्यालय का यह निर्णय प्रयागराज के साहित्यिक गौरव को और भी प्रखर बनाएगा। “हरिवंश राय बच्चन सांस्कृतिक केंद्र” न केवल विश्वविद्यालय के लिए गर्व का विषय है, बल्कि यह समूचे हिंदी साहित्य प्रेमियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगा।

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