Bengal : वर्तमान में पश्चिम बंगाल में बढ़ती हिंसा और कानून व्यवस्था को लेकर राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग जोर पकड़ रही है। सुप्रीम कोर्ट में भी इस मामले पर सुनवाई होनी है। ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि संविधान के अनुच्छेद-356 के तहत किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन कब लगाया जाता है, और सबसे पहले किस राज्य में इस अनुच्छेद का प्रयोग किया गया था।
अनुच्छेद-355 और 356 क्या हैं?
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अनुच्छेद 355: यह केंद्र सरकार को यह ज़िम्मेदारी देता है कि वह किसी राज्य में बाहरी आक्रमण या आंतरिक अशांति की स्थिति में उस राज्य की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
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अनुच्छेद 356: जब किसी राज्य में संवैधानिक तंत्र विफल हो जाता है, तो केंद्र सरकार इस अनुच्छेद के तहत उस राज्य की सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लागू कर सकती है।
क्यों उठ रही है पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग?
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हाल ही में मुर्शिदाबाद जिले में हिंसा की घटनाओं ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से केंद्र को निर्देश देने की मांग की है कि वह अनुच्छेद 355 के तहत राज्यपाल से स्थिति की रिपोर्ट मांगे।
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यदि यह पाया गया कि राज्य में संवैधानिक तंत्र विफल हो चुका है, तो अनुच्छेद 356 लागू हो सकता है। Bengal
राष्ट्रपति शासन: कब और क्यों?
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जब राज्य सरकार संविधान के अनुसार शासन चलाने में असफल हो जाती है।
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जब राज्य सरकार केंद्र से मिलने वाले दिशा-निर्देशों को लागू करने में विफल रहती है।
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इस स्थिति में राज्य की सभी प्रशासनिक शक्तियाँ राष्ट्रपति के अधीन चली जाती हैं। Bengal
पहली बार कब और कहां लगा था राष्ट्रपति शासन?
भारत के संवैधानिक इतिहास में पहली बार अनुच्छेद-356 का इस्तेमाल पंजाब में 1951 में हुआ।
तत्कालीन कम्युनिस्ट सरकार ने खुद राष्ट्रपति शासन की मांग की थी क्योंकि वे आंतरिक विवादों से जूझ रहे थे।
कितनी बार टूटी संवैधानिक व्यवस्था? जानिए राष्ट्रपति शासन के आंकड़े
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देश में अब तक 134 बार टूट चुका है संवैधानिक तंत्र, लगी है राष्ट्रपति शासन की मुहर।
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मणिपुर में सबसे ज्यादा बार (11 बार) यह लागू हुआ है।
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उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है, जहां 10 बार राष्ट्रपति शासन लगाया गया।
राष्ट्रपति शासन के बाद कौन संभालता है राज्य की बागडोर?
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मुख्यमंत्री और मंत्रीमंडल को पद छोड़ना पड़ता है।
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राज्य की सभी प्रशासनिक जिम्मेदारियां राज्यपाल के हाथों में चली जाती हैं।
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केंद्र सरकार द्वारा निर्देशित योजनाएं और कार्यवाही लागू की जाती हैं।
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राज्यपाल कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्र सरकार से तालमेल बनाकर काम करता है। Bengal :
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