Odisha Train Accident : हादसे पर जवाबदेही तय करने से ध्यान न भटकाए सरकार : खरगे

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Government should not divert attention from fixing accountability on the accident: Kharge
locationभारत
userचेतना मंच
calendar05 Jun 2023 06:41 PM
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नयी दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ओडिशा के बालासोर रेल हादसे के बाबत सरकार को आगाह किया है। उन्होंने कहा कि सरकार जवाबदेही तय करने के किसी भी प्रयास को नाकाम करने एवं ध्यान भटकाने की कोशिश ना करे। दुर्घटना के सभी पहलुओं की जांच कर सच्चाई सामने लाई जानी चाहिए।

सरकार के फैसलों से असुरक्षित हो गई है रेल यात्रा

मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे पत्र में इस हादसे की सीबीआई जांच के फैसले के औचित्य पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने दावा किया कि यह एजेंसी आपराधिक मामलों की छानबीन के लिए बनी है। यह ऐसे मामले में तकनीकी, संस्थागत और राजनीतिक विफलता की जवाबदेही तय नहीं कर सकती। खरगे ने पत्र में कहा कि ओडिशा के बालासोर में हुई भारतीय इतिहास की भयावह रेल दुर्घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। रेल लोगों के लिए परिवहन का सबसे भरोसेमंद और सस्ता साधन है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के कई ऐसे फैसले इस बीच लिए गए हैं, जिनसे रेलयात्रा असुरक्षित हो गयी है और जनता की समस्याएं बढ़ती गई हैं।

Odisha Train Accident

रेलवे में खाली पड़े हैं तीन लाख से अधिक पद

पूर्व रेल मंत्री खरगे ने कहा कि रेलवे में क़रीब तीन लाख़ पद खाली हैं। जिस क्षेत्र में यह दुर्घटना हुई, उस पूर्व तट रेलवे में 8,278 पद ख़ाली हैं। यही हाल उच्च पदों का है, जिनकी भर्ती में प्रधानमंत्री कार्यालय और कैबिनेट कमेटी की भूमिका होती है। उनका कहना है कि 1990 के दशक में 18 लाख से अधिक रेल कर्मचारी थे, जो अब 12 लाख हैं और इनमें से 3.18 लाख कर्मचारी ठेके पर हैं। रिक्तियों के कारण अनुसूचित जाति जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग के युवाओं के लिए सुनिश्चित नौकरियों को भी खतरा पैदा होता है। रेलवे बोर्ड ने हाल ही में खुद माना है कि रिक्तियों के कारण लोको पायलटों को लंबे समय तक काम करना पड़ा है। फिर भी ये पद क्यों नहीं भरे गये?

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सिर्फ 8 से 10 फीसदी रेल हादसों की ही जांच करता है सीआरएस

खरगे ने कहा कि संसद की परिवहन, पर्यटन और संस्कृति संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने अपनी 323वीं रिपोर्ट (दिसंबर 2022) में रेलवे संरक्षा आयोग (सीआरएस) की सिफारिशों पर रेलवे बोर्ड द्वारा दिखाई जाने वाली बेरूखी और उपेक्षा के लिए रेलवे बोर्ड की आलोचना की है। रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ कि सीआरएस केवल 8 से 10 प्रतिशत रेल हादसों की ही जांच करता है। उन्होंने सवाल किया कि सीआरएस को और मज़बूत तथा स्वायत्त बनाने का प्रयास क्यों नहीं किया गया?

कैग की रिपोर्ट की अनदेखी

कांग्रेस अध्यक्ष का कहना है कि कैग की ताज़ा ऑडिट रिपोर्ट में इस बात का खास उल्लेख है कि 2017-18 से 2020-21 के बीच 10 में से करीब सात रेल दुर्घटनाएं रेलगाड़ियों के पटरी से उतरने की वजह से हुईं। लेकिन इस तरफ ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने दावा किया कि कैग की रिपोर्ट में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया है कि राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष में 79 प्रतिशत फंडिंग कम की गई।

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महज चार प्रतिशत रेल मार्ग ही 'कवच' से रक्षित

खरगे ने सवाल किया कि अभी तक भारतीय रेल के महज चार प्रतिशत रेल मार्गों को ही 'कवच' से रक्षित क्यों किया जा सका है? उन्होंने यह भी पूछा कि क्या कारण है कि 2017-18 में रेल बजट को आम बजट के साथ जोड़ा गया? क्या इससे भारतीय रेल की स्वायत्तता और निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित नहीं हुई? क्या ऐसा काम रेलवे की स्वायत्तता को दरकिनार कर निजीकरण को बढ़ावा देने के लिए किया गया था? उन्होंने बालासोर रेल हादसे का उल्लेख करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आप और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव जैसे जिम्मेदार लोग इस बात को स्वीकार नहीं करना चाहते कि समस्याएं मौजूद हैं।

दुर्घटना के करण की तलाश कर ली फिर सीबीआई जांच क्यों

उन्होंने कहा कि रेल मंत्री यह दावा करते हैं कि उन्होंने दुर्घटना के असली कारण की तलाश कर ली है, फिर भी सीबीआई से जांच करने का अनुरोध कर दिया। सीबीआई रेल दुर्घटनाओं की जांच के लिए नहीं है, वह अपराधों की छानबीन करती है। सीबीआई या दूसरी कानून प्रवर्तन एजेंसी तकनीकी, संस्थागत या राजनीतिक विफलताओं की जवाबदेही नहीं तय कर सकती है। 2016 में हुए कानपुर रेल हादसे के समय सरकार ने एनआईए से उसकी जांच करने को कहा। इसके बाद, आपने स्वयं 2017 में एक चुनावी रैली में इसे साजिश करार दिया था, और देश को ये भरोसा दिलाया था कि घटना में शामिल लोगों को सख्त से सख्त सजा दी जाएगी। 2018 में एनआईए ने जांच बंद कर दी और आरोपपत्र दाखिल करने से इनकार कर दिया। देश अभी भी जानना चाहता है कि उन 150 मौतों के लिए कौन जिम्मेदार है, जिनको टाला जा सकता था?

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सरकार का सुरक्षा को चाक-चौबंद करने का इरादा नहीं

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि यह भी संदेह उत्पन्न होता है कि आपकी सरकार का प्रणाली के भीतर की खामियों को दूर कर सुरक्षा को चाक चौबंद करने का कोई इरादा नहीं है। इसके बजाय सरकार जवाबदेही तय करने के किसी भी प्रयास को नाकाम करने और लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है।

ओडिशा की इस रेल दुर्घटना ने हम सबकी आंखें खोल दी हैं। रेल मंत्री और सरकार के सुरक्षा के तमाम दावों की पोल खुल गयी है। आम मुसाफिरों में इस दशा को लेकर काफी चिंता है। इस नाते इस दुर्घटना की सभी पहलुओं से जांच करके वास्तविक कारणों को प्रकाश में लाया जाये। उन्होंने प्रधानमंत्री से यह भी आग्रह किया कि आज यह सबसे जरूरी है कि रेल सुरक्षा के लिए अनिवार्य सुरक्षा मानक और उपकरण मिशन मोड में प्राथमिकता के आधार पर रेल मार्गों पर लगाये जाने का निर्देश दिया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटना की पुनरावृत्ति न हो सके।

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Odisha Train Accident : मौत के आंकड़ों को छिपाने का कोई इरादा नहीं : ओडिशा सरकार

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No intention to hide death toll: Odisha government
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:56 AM
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भुवनेश्वर। ओडिशा के मुख्य सचिव पीके जेना ने कहा कि उनकी सरकार का बालासोर ट्रेन हादसे में मौत के आंकड़ों को छिपाने का कोई इरादा नहीं है। पूरा बचाव अभियान सभी की नजरों के सामने चल रहा है। मृतकों की संख्या में हेरफेर के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि ओडिशा सरकार पारदर्शिता में विश्वास रखती है।

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शुरुआत से ही दुर्घटनास्थल पर मीडियाकर्मी मौजूद

पीके जेना ने कहा कि दुर्घटनास्थल पर शुरुआत से ही मीडियाकर्मी मौजूद हैं। सब कुछ कैमरों के सामने हो रहा है। रेलवे ने मृतकों की संख्या 288 बतायी है। हमने भी यही कहा है। यह संख्या रेलवे से मिली सूचना पर आधारित है। लेकिन, हमारे बालासोर के जिलाधिकारी ने मृतकों की संख्या की पुष्टि की और रविवार सुबह 10 बजे तक यह संख्या 275 थी। मृतकों की संख्या में बदलाव के बारे में पूछे जाने पर मुख्य सचिव ने कहा कि कुछ शवों को दो बार गिन लिया गया था। उन्होंने कहा कि दुर्घटनास्थल पर मीडियाकर्मियों के प्रवेश पर भी कोई पाबंदी नहीं थी। बचाव और यहां तक कि मरम्मत का काम भी सभी के सामने किया गया।

ममता ने मौत के आंकड़ों पर उठाए सवाल

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मौत के आंकड़ों पर सवाल उठाते हुए कहा था कि उनके राज्य के 61 लोगों की मौत हुई है और 182 अब भी लापता हैं। उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूछा कि अगर एक राज्य के ही 182 लोग लापता हैं और 61 लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है, तो आंकड़े कैसे सही हैं? वहीं, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बनर्जी के आरोपों के संबंध में पत्रकारों के किसी भी सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया।

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अब तक सिर्फ 108 शवों की पहचान

मुख्य सचिव जेना ने कहा कि 275 शवों में केवल 108 की शिनाख्त हो सकी है। राज्य सरकार सभी शवों की पहचान करना चाहती है, ताकि उनका अंतिम संस्कार उनके परिवार के सदस्यों द्वारा किया जाए। भीषण गर्मी के कारण शव तेजी से क्षत-विक्षत हो रहे हैं। अत: कानून के अनुसार राज्य अंतिम संस्कार के लिए अधिकतम दो और दिन का इंतजार कर सकता है।

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Odisha Train Accident : पता लगा दुर्घटना का कारण, शीघ्र दौड़ेंगी ट्रेनें : वैष्णव

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Balasore Train Accident
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 08:53 AM
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बालासोर (ओडिशा)। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ओडिशा के बालासोर जिले में ट्रेन हादसे की असल वजह की पहचान कर ली गई है। हादसे से प्रभावित हुई पटरियों की सामान्य सेवाओं के लिए बुधवार तक मरम्मत कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि हादसे की वजह प्वाइंट मशीन और इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली से संबंधित है। वैष्णव ने इस घटना का ‘कवच’ प्रणाली से कोई संबंध होने से इनकार किया।

Odisha Train Accident

‘कवच’ प्रणाली उपलब्ध कराने की प्रक्रिया में है रेलवे रेलवे अपने नेटवर्क में ‘कवच’ प्रणाली उपलब्ध कराने की प्रक्रिया में है, ताकि रेलगाड़ियों के आपस में टकराने से होने वाले हादसों को रोका जा सके। गौरतलब है कि बालासोर में बाहानगा बजार रेलवे स्टेशन के पास शुक्रवार शाम करीब सात बजे कोरोमंडल एक्सप्रेस मुख्य लाइन के बजाय लूप लाइन में प्रवेश करने के बाद वहां खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई थी। इस हादसे की चपेट में बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस भी आ गई थी। इस दुर्घटना में कम से कम 288 लोगों की मौत हुई है और 1,100 से अधिक लोग घायल हुए हैं।

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दुर्घटना की जांच पूरी, विशेष ट्रेनें चलाईं रेल मंत्री ने कहा कि दुर्घटना की जांच पूरी कर ली गई है। रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) जैसे ही अपनी रिपोर्ट देंगे, सभी जानकारियां पता चलेंगी। उन्होंने कहा कि इस भीषण दुर्घटना की असल वजह की पहचान कर ली गई है। मैं इस पर विस्तार से बात नहीं करना चाहता। रिपोर्ट आने दीजिए। मैं सिर्फ यह कहूंगा कि असल वजह और इसके लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान कर ली गई है। रेल दुर्घटना के करीब 300 पीड़ितों को मुआवजा दिया गया है। हमने सोरो हॉस्पिटल में मरीजों और चिकित्सकों से मुलाकात की। हैदराबाद, चेन्नई, बेंगलुरु, रांची, कोलकाता तथा अन्य स्थानों से विशेष ट्रेन चलाई जा रही है, ताकि मरीज इलाज के बाद घर लौट सकें।

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युद्ध स्तर पर हो रहा मरम्मत का काम दुर्घटनास्थल पर पत्रकारों से बातचीत में वैष्णव ने कहा कि मरम्मत का काम युद्धस्तर पर किया जा रहा है। मुख्य लाइन पर पटरियां पहले ही बिछाई जा चुकी हैं। हमने सभी संसाधनों को काम पर लगाया है। मैं यह भी कहना चाहता हूं कि कवच प्रणाली का इस दुर्घटना से कोई संबंध नहीं है। यह हादसा इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली में बदलाव की वजह से हुआ। ममता बनर्जी (पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री) की टिप्पणी सही नहीं है।

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शुक्रवार को हुई थी भयानक दुर्घटना प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि सिग्नल दिया गया था और ट्रेन संख्या 12841 (कोरोमंडल एक्सप्रेस) को अप मेन लाइन के लिए रवाना किया गया था, लेकिन ट्रेन अप लूप लाइन में प्रवेश कर गई और लूपलाइन पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई तथा पटरी से उतर गई। इस बीच, ट्रेन संख्या 12864 (बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस) डाउन मेन लाइन से गुजरी और उसके दो डिब्बे पटरी से उतर गए तथा पलट गए। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।