अचानक क्यों भागने लगा सोना? आज हो सकती है तगड़ी कमाई
US फेड के पॉलिसी फैसले से पहले आज सोने और चांदी की कीमतों में तेजी देखने को मिली है जबकि तांबे में कमजोरी बनी हुई है। MCX Gold–Silver के ताज़ा भाव, फेड की ब्याज दरों की उम्मीदें, बॉन्ड यील्ड का असर और कमोडिटी मार्केट में आज कमाई कहां हो सकती है। यहां जानिए सबकुछ।

US फेडरल रिजर्व की होने वाली पॉलिसी मीटिंग ने ग्लोबल कमोडिटी मार्केट में हलचल मचा दी है। निवेशक बड़े फैसले का इंतजार कर रहे हैं और इसी बीच सोने से लेकर तांबे तक कई कमोडिटी की कीमतों में तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। महंगाई अभी भी फेड के 2% लक्ष्य से ऊपर है और लेबर मार्केट धीमा पड़ चुका है। ऐसे में फेड का फैसला निवेशकों की भावना और कीमतों दोनों को सीधे तौर पर प्रभावित करेगा। इसी अनिश्चित माहौल में आज सोने में शुरुआती बढ़त देखी गई है जबकि तांबा अपने रिकॉर्ड लेवल से नीचे फिसलता दिख रहा है।
US फेड की मीटिंग से पहले सोने में मजबूत शुरुआत
बुधवार सुबह MCX पर गोल्ड फरवरी वायदा में बढ़त दिखी और यह 0.20% चढ़कर ₹1,30,369 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। बाजार में यह तेजी इसलिए दिख रही है क्योंकि निवेशक इस उम्मीद में हैं कि US फेड इस बार ब्याज दरों में कटौती की तैयारी कर सकता है। महंगाई 2% लक्ष्य के ऊपर टिके रहने के बावजूद अमेरिकी लेबर मार्केट की धीमी रफ्तार फेड को नरम रुख अपनाने पर मजबूर कर सकती है। ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें हमेशा से सोने को सपोर्ट करती रही हैं क्योंकि कम ब्याज दर वाले दौर में गोल्ड एक आकर्षक सुरक्षित निवेश बन जाता है।
चांदी में भी उछाल
सोने के साथ-साथ चांदी में भी तेजी देखने को मिली। MCX सिल्वर मार्च कॉन्ट्रैक्ट 1.14% बढ़कर ₹1,90,210 प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंच गया। चांदी आमतौर पर गोल्ड के साथ ट्रेंडिंग रहती है और ब्याज दरों में नरमी की उम्मीदों से इसे भी मजबूत सपोर्ट मिला है। हालांकि, बढ़ती बॉन्ड यील्ड कीमतों पर हल्का दबाव भी बना रही है जिससे निवेशकों में मिक्स सेंटिमेंट रहा है।
अमेरिकी आर्थिक डेटा फेड के मूड की दिशा
अमेरिका में 29 नवंबर को खत्म हुए हफ्ते में शुरुआती बेरोजगारी के दावे घटकर 1,91,000 पर आ गए। यह आंकड़ा 2,20,000 के अनुमान से काफी बेहतर है लेकिन लेबर मार्केट में नरमी के अन्य संकेत फेड के लिए चिंताजनक बने हुए हैं। कोमेरिका इकोनॉमिक्स का मानना है कि फेड बुधवार को अपनी आखिरी मीटिंग में फेडरल फंड्स रेट 25 बेसिस पॉइंट घटाकर 3.50%–3.75% कर सकता है। यही उम्मीदें सोने को लगातार सपोर्ट दे रही हैं।
बॉन्ड यील्ड बढ़ने से गोल्ड पर दबाव भी बरकरार
जहां ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें गोल्ड को ऊपर ले जा रही हैं वहीं दूसरी ओर US 10-ईयर ट्रेजरी यील्ड में तेजी सोने की रैली को हल्का कमजोर कर रही है। सोमवार को यील्ड ढाई महीने के ऊपरी स्तर पर पहुंच गई थी जो गोल्ड की कीमतों के लिए नकारात्मक संकेत है। यही वजह है कि आज की तेजी उत्साह जरूर बढ़ा रही है लेकिन गोल्ड में तेज उछाल फिलहाल सीमित दिखाई दे रहा है।
तांबे की कीमतों में दबाव
सोने की रौनक जहां बढ़ी है, वहीं तांबे की कीमतों में ठंडापन लौटा है। शंघाई फ्यूचर्स एक्सचेंज पर ट्रेड होने वाला सबसे लोकप्रिय कॉपर कॉन्ट्रैक्ट 0.37% गिरकर 91,720 युआन प्रति मीट्रिक टन पर आ गया। निवेशक फेड की पॉलिसी मीटिंग के बाद सख्त गाइडेंस का अनुमान लगा रहे हैं, जिसके कारण कॉपर पर दबाव बना हुआ है। हालांकि लंदन मेटल एक्सचेंज में तांबें में थोड़ा सुधार दिखा और यह 0.67% बढ़कर $11,564 प्रति टन पर पहुंच गया, लेकिन बाजार की धारणा अभी भी कमजोर ही बनी हुई है।
(डिस्क्लेमर: चेतना मंच पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को चेतना मंच की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।)
US फेडरल रिजर्व की होने वाली पॉलिसी मीटिंग ने ग्लोबल कमोडिटी मार्केट में हलचल मचा दी है। निवेशक बड़े फैसले का इंतजार कर रहे हैं और इसी बीच सोने से लेकर तांबे तक कई कमोडिटी की कीमतों में तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। महंगाई अभी भी फेड के 2% लक्ष्य से ऊपर है और लेबर मार्केट धीमा पड़ चुका है। ऐसे में फेड का फैसला निवेशकों की भावना और कीमतों दोनों को सीधे तौर पर प्रभावित करेगा। इसी अनिश्चित माहौल में आज सोने में शुरुआती बढ़त देखी गई है जबकि तांबा अपने रिकॉर्ड लेवल से नीचे फिसलता दिख रहा है।
US फेड की मीटिंग से पहले सोने में मजबूत शुरुआत
बुधवार सुबह MCX पर गोल्ड फरवरी वायदा में बढ़त दिखी और यह 0.20% चढ़कर ₹1,30,369 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। बाजार में यह तेजी इसलिए दिख रही है क्योंकि निवेशक इस उम्मीद में हैं कि US फेड इस बार ब्याज दरों में कटौती की तैयारी कर सकता है। महंगाई 2% लक्ष्य के ऊपर टिके रहने के बावजूद अमेरिकी लेबर मार्केट की धीमी रफ्तार फेड को नरम रुख अपनाने पर मजबूर कर सकती है। ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें हमेशा से सोने को सपोर्ट करती रही हैं क्योंकि कम ब्याज दर वाले दौर में गोल्ड एक आकर्षक सुरक्षित निवेश बन जाता है।
चांदी में भी उछाल
सोने के साथ-साथ चांदी में भी तेजी देखने को मिली। MCX सिल्वर मार्च कॉन्ट्रैक्ट 1.14% बढ़कर ₹1,90,210 प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंच गया। चांदी आमतौर पर गोल्ड के साथ ट्रेंडिंग रहती है और ब्याज दरों में नरमी की उम्मीदों से इसे भी मजबूत सपोर्ट मिला है। हालांकि, बढ़ती बॉन्ड यील्ड कीमतों पर हल्का दबाव भी बना रही है जिससे निवेशकों में मिक्स सेंटिमेंट रहा है।
अमेरिकी आर्थिक डेटा फेड के मूड की दिशा
अमेरिका में 29 नवंबर को खत्म हुए हफ्ते में शुरुआती बेरोजगारी के दावे घटकर 1,91,000 पर आ गए। यह आंकड़ा 2,20,000 के अनुमान से काफी बेहतर है लेकिन लेबर मार्केट में नरमी के अन्य संकेत फेड के लिए चिंताजनक बने हुए हैं। कोमेरिका इकोनॉमिक्स का मानना है कि फेड बुधवार को अपनी आखिरी मीटिंग में फेडरल फंड्स रेट 25 बेसिस पॉइंट घटाकर 3.50%–3.75% कर सकता है। यही उम्मीदें सोने को लगातार सपोर्ट दे रही हैं।
बॉन्ड यील्ड बढ़ने से गोल्ड पर दबाव भी बरकरार
जहां ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें गोल्ड को ऊपर ले जा रही हैं वहीं दूसरी ओर US 10-ईयर ट्रेजरी यील्ड में तेजी सोने की रैली को हल्का कमजोर कर रही है। सोमवार को यील्ड ढाई महीने के ऊपरी स्तर पर पहुंच गई थी जो गोल्ड की कीमतों के लिए नकारात्मक संकेत है। यही वजह है कि आज की तेजी उत्साह जरूर बढ़ा रही है लेकिन गोल्ड में तेज उछाल फिलहाल सीमित दिखाई दे रहा है।
तांबे की कीमतों में दबाव
सोने की रौनक जहां बढ़ी है, वहीं तांबे की कीमतों में ठंडापन लौटा है। शंघाई फ्यूचर्स एक्सचेंज पर ट्रेड होने वाला सबसे लोकप्रिय कॉपर कॉन्ट्रैक्ट 0.37% गिरकर 91,720 युआन प्रति मीट्रिक टन पर आ गया। निवेशक फेड की पॉलिसी मीटिंग के बाद सख्त गाइडेंस का अनुमान लगा रहे हैं, जिसके कारण कॉपर पर दबाव बना हुआ है। हालांकि लंदन मेटल एक्सचेंज में तांबें में थोड़ा सुधार दिखा और यह 0.67% बढ़कर $11,564 प्रति टन पर पहुंच गया, लेकिन बाजार की धारणा अभी भी कमजोर ही बनी हुई है।
(डिस्क्लेमर: चेतना मंच पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को चेतना मंच की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।)












