Pakistan Economy: सोमवार को जिनेवा में क्लाइमेट रेजिलिएंट पाकिस्तान (आईसीसीआरपी) पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन मे पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने सहायता की मांग की । इस मौके पर पाकिस्तानी प्रतिनिधियों ने आईएमएफ के अधिकारियों से इसके वर्तमान में रुके हुए ईएफएफ के संबंध में मुलाकात भी की।
पाकिस्तान की 2022 मे आई विनाशकारी बाढ़ को लेकर बात की जाए तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था 2022 से पहले भी अच्छी स्थिति नहीं थी, लेकिन बाढ़ ने उसे आपदा के कगार पर पहुंचा दिया है। 2019 में, पाकिस्तान ने IMF के अलावा $6 बिलियन के EFF के बारे में एक समझौता किया था, जो बाद में बढ़ाने के बाद $7 बिलियन हो गया था।
आईएमएफ के प्रेस वक्तव्य (Pakistan Economy) में जानकारी दी गई कि “पाकिस्तान एक चुनौतीपूर्ण आर्थिक माहौल का सामना कर रहा है, जिसमें कमजोर विकास, उच्च मुद्रास्फीति, उच्च ऋणग्रस्तता और कमजोर बाहरी स्थिति लगना शुरु हो चुकी है। हाल के वर्षों में विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य की बात करें तो असमान और चक्रीय आर्थिक नीतियों की विरासत दिखने लगी है।
इससे पहले से संकट वाली स्थिति बनी हुई थी, बाढ़ की वजह से भी आर्थिक हालात काफी खराब हो गये थे। इसे जलवायु परिवर्तन का परिणाम माना जा रहा है। बाढ़ से देश को $3 बिलियन नुकसान होने का अनुमान है 1,700 से अधिक लोगों की मृत्यु भी हो गई थी।
बाढ़ की वजह से हालात और हो रहे खराब
पाकिस्तान में 2022 में आई बाढ़ की वजह से संकट अभी भी बना हुआ है। इससे कई जगह पर झील भी नजर आ रही है। इनसे ठहरे हुए पानी में मच्छर पैदा होना शुरु हो जाते हैं, जो बीमारियों को पैदा कर रहे हैं। वहीं, गंदा पानी पीने से लोगों को पेट की कई बीमारियां भी होना शुरु हो गई हैं। हजारों लोगों के खेत रुके हुए पानी में समा चुके हैं। लोगों को खेत मे जाने में परेशानी है।लोगों के पास खाने को अनाज भी नहीं है।
FOOD CRISIS IN PAKISTAN
पाकिस्तान में गेहूं की कमी के चलते आटे के दाम में काफी बढ़ोतरी हुई है। सरकारी डेटा के मुताबिक, पाकिस्तान में थोक में 1 किलो आटे की कीमत 225 रुपये तक पहुंच गई है। पाकिस्तान में कभी भी आटे की कीमत में इतना उछाल नहीं हुआ है। वहीं, लोगों को खाना पकाने के लिए रसोई गैस प्राप्त करने में भी परेशानी हो रही है।