नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों (Petrol Price) में लगातार तेजी देखने को मिल रही है। रूस और यूक्रेन में हुए युद्ध के बाद क्रूड ऑयल ने 2014 के बाद पहली बार 100 डॉलर प्रति बैरल (Per Barrel) उछाल के बाद पहुंच गया है। यहाँ पर भी सीमित नहीं हुआ है।
कई देशों द्वारा इससे बचने के लिए स्ट्रेटजिक रिजर्व की मदद लिया गया है। बावजूद क्रूड ऑयल चढ़ता हुआ दिख रहा है। बुधवार को ग्लोबल मार्केट की बात करें तो ब्रेंट क्रूड 110 डॉलर प्रति बैरल से ज्याया हो गया है।
इसकी वजह से भारत में जल्दी ही डीजल और पेट्रोल की कीमतों (Petrol Price) की बढ़ोतरी तय होती दिख रही है।आंकड़ों पर गौर किया जाए तो पेट्रोल की कीमतों कुछ दिनों के बाद 30 रुपये से अधिक की बढ़ोतरी हो सकती है।
यूक्रेन संकट (Ukraine Crisis) की वजह से पिछले दिनों क्रूड ऑयल की कीमतों (Crude Oil Prices) तेजी देखी जा रही है। क्रूड ऑयल 02 दिसंबर 2021 को 70 डॉलर के पास पहुंच गयाथा, लेकिन फिलहास ये 110 डॉलर प्रति बैरल पर निकल गया है।
दिल्ली में डीजल-पेट्रोल के दाम 02 दिसंबर के बाद से कोई बदलाव नहीं हुआ है। दिल्ली सरकार ने एक दिसंबर को डीजल और पेट्रोल पर वैट (VAT) में कटौती कर दिया था। तब से दिल्ली में डीजल और पेट्रोल के दाम स्थिर बने हुए हैं। लेकिन क्रूड आयल (Crude Oil) की कीमत में 57 फीसदी से अधिक बढ़ोतरी हो गई है। इसके बाद घरेलू बाजार में डीजल और पेट्रोल के दाम में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है।
सरकारी तेल कंपनियां क्रूड ऑयल की वैश्विक कीमतों के अनुसार डीजल-पेट्रोल की खुदरा दरों में बदलाव नहीं किया जाता है। उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत 5 राज्यों में जारी विधानसभा चुनाव की वजह से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं हो रही है।
करीब 3 महीने पहले देखा जाए तो देश के बहुत सारे राज्यों में पेट्रोल और डीजल के भाव 100 रुपये प्रति लीटर के स्तर से अधिक हो गए थे। इसके बाद केंद्र सरकार ने 03 नवंबर 2021 को पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम करने की घोषणा कर दिया था।
केंद्र सरकार ने ये फैसला लेने के बाद कई राज्य सरकारों ने भी वैट में कटौती किया था। इससे आम लोगों को रिकॉर्ड महंगे डीजल-पेट्रोल से काफी समय के बाद राहत हुई थी।