Government: भूकंप की पूर्व चेतावनी प्रदान करने के लिए देश में अभी कोई स्थापित प्रणाली मौजूद नहीं है, हालांकि विभिन्न अनुसंधान किए जा रहे हैं।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा, ‘‘वर्तमान में, भूकंप की पूर्व चेतावनी प्रदान करने के लिए देश में कोई स्थापित प्रणाली मौजूद नहीं है(Government)। अभी तक, विश्व में कहीं भी ऐसी कोई वैज्ञानिक तकनीक उपलब्ध नहीं है जिससे समय, स्थान और इसकी तीव्रता के संदर्भ में सटीक पूर्वानुमान लगाया जा सके।’’
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सिंह ने हालांकि कहा कि राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केन्द्र विभिन्न राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रयोगशाला एवं विश्वविद्यालयों के सहयोग से भूकंप पूर्व चेतावनी प्रणाली पर अनुसंधान कर रहा है।
उन्होंने कहा कि देश में दर्ज इतिहास को देखते हुए, भारत के कुल भूभाग का 59 प्रतिशत भाग विभिन्न तीव्रता वाले भूकंप का संभावित क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण हर साल समय-समय पर प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया के माध्यम से भूकंप पर नियमित जागरूकता अभियान चला रहा है, जिसमें भूकंपों से सुरक्षा के लिए सावधानियां शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि भूकंप के कारण होने वाली जनधन हानि को कम करने के लिए भारतीय मानक ब्यूरो, भवन निर्माण सामग्री और प्रौद्योगिकी संवर्धन परिषद एवं आवास और शहरी विकास निगम आदि द्वारा भूकंप प्रतिरोधी संरचनाओं के डिजाइन और निर्माण हेतु दिशानिर्देश प्रकाशित किए गए हैं।