वोटर लिस्ट से नाम गायब? घबराएं नहीं,इस तरह से फिर जुड़ जाएगा नाम
उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश की ड्राफ्ट मतदाता सूची से करीब 2.89 करोड़ नाम हटाए जाने की बात सामने आई है, जो कुल मतदाता संख्या का लगभग 18.7% बताया जा रहा है। ऐसे में अगर आपका नाम सूची में नजर नहीं आ रहा, तो घबराने के बजाय तय प्रक्रिया अपनाकर आप अपना नाम फिर से दर्ज करा सकते हैं।

UP News : उत्तर प्रदेश में विधानसभा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के बीच वोटर लिस्ट में बड़े बदलावों ने सियासी हलकों से लेकर आम मतदाताओं तक हलचल बढ़ा दी है। कई जिलों में ड्राफ्ट रोल से नाम गायब होने या हटाए जाने की चर्चा के बाद लोग अपने मतदान अधिकार को लेकर बेचैन हैं। लेकिन राहत की खबर यह है कि निर्वाचन आयोग ने पात्र मतदाताओं के लिए फॉर्म-6 के जरिए नाम दोबारा जोड़ने का साफ और वैधानिक रास्ता खुला रखा है। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश की ड्राफ्ट मतदाता सूची से करीब 2.89 करोड़ नाम हटाए जाने की बात सामने आई है, जो कुल मतदाता संख्या का लगभग 18.7% बताया जा रहा है। ऐसे में अगर आपका नाम सूची में नजर नहीं आ रहा, तो घबराने के बजाय तय प्रक्रिया अपनाकर आप अपना नाम फिर से दर्ज करा सकते हैं।
कानपुर देहात का उदाहरण
उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में SIR प्रक्रिया के तहत मतदाता सूची में बड़ा अपडेट सामने आया है। जिले में विभिन्न कारणों से 2,03,966 मतदाताओं के नाम सूची से हटाने के लिए चिन्हित किए गए हैं। इनमें मृतक मतदाता, लंबे समय से अनुपस्थित, स्थानांतरित हो चुके लोग और मैपिंग/सत्यापन पूरा न होने जैसे मामले बताए जा रहे हैं। इतना ही नहीं, जिले में वर्ष 2003 की मतदाता सूची से जुड़े 1,24,065 मतदाताओं की मैपिंग अब तक पूरी नहीं हो सकी है। प्रशासनिक स्तर पर यह भी तय किया गया है कि अनंतिम सूची के प्रकाशन के बाद ऐसे मतदाताओं को नोटिस जारी किए जाएंगे, ताकि वे समय रहते आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन कर अपने नाम को कटने से बचा सकें।
नाम कट गया या ड्राफ्ट लिस्ट में नहीं दिख रहा? यही करें
उत्तर प्रदेश में SIR के दौरान अगर आपका नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में नहीं दिख रहा या कट गया है, तो घबराने के बजाय सही फॉर्म के जरिए तुरंत कार्रवाई करें। नाम जोड़ने या दोबारा जोड़ने के लिए फॉर्म-6 भरें, यह आवेदन आप अपने क्षेत्र के बीएलओ (BLO) को जमा कर सकते हैं और बूथ स्तर पर तय समय-सीमा में सत्यापन के बाद नाम जोड़ने की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाती है। वहीं, अगर आपका नाम सूची में मौजूद है लेकिन नाम, पता, उम्र या फोटो जैसी जानकारी में त्रुटि है, तो फॉर्म-8 के जरिए सुधार कराना सही विकल्प है। और यदि सूची में किसी नाम को लेकर आपत्ति दर्ज करनी हो - जैसे गलत एंट्री, अपात्रता या डुप्लीकेट नाम तो फॉर्म-7 के माध्यम से आपत्ति दाखिल की जा सकती है।
कौन-कौन से दस्तावेज लग सकते हैं?
उत्तर प्रदेश में SIR प्रक्रिया के तहत मैपिंग से छूटे या सत्यापन के दायरे में आए मतदाताओं को लेकर निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट दिशा-निर्देश तय किए हैं। ऐसे मतदाता आयोग द्वारा मान्य 12 पहचान पत्रों में से किसी एक के आधार पर आवेदन कर सकते हैं। आपके क्षेत्र के बीएलओ या निर्वाचन कार्यालय से यह अधिकृत सूची आसानी से प्राप्त की जा सकती है। आवेदन से पहले जरूरी है कि पहचान से जुड़े दस्तावेजों की फोटो-कॉपी के साथ मूल प्रति भी तैयार रखें, ताकि सत्यापन के दौरान किसी तरह की अड़चन न आए और आपका नाम समय रहते मतदाता सूची में सुरक्षित रह सके।
नोटिस और समयसीमा पर क्या कहा गया?
सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी गिरवर प्रसाद के मुताबिक, मैपिंग से बाहर रह गए 1,24,065 मतदाताओं को 31 दिसंबर के बाद निर्धारित तिथि पर नोटिस जारी किए जाएंगे। नोटिस मिलने के बाद संबंधित मतदाता आयोग द्वारा मान्य किसी एक पहचान पत्र के साथ आवेदन कर सकेंगे, ताकि उनका नाम मतदाता सूची से कटने से बचाया जा सके। अधिकारियों ने यह भी साफ किया है कि यदि किसी कारणवश नाम सूची से हट चुका है, तो फॉर्म-6 भरकर मतदाता सूची में नाम दोबारा दर्ज कराया जा सकता है। इसी बीच, उत्तर प्रदेश के जिला निर्वाचन अधिकारियों ने नागरिकों से अपील की है कि वे समय रहते अपनी एंट्री जांच लें। वोटर लिस्ट में नाम खोजें, EPIC नंबर और दस्तावेजों का मिलान करें, और जरूरत पड़ने पर फॉर्म-6/8/7 के जरिए आवेदन करें ताकि आगामी चुनाव में उत्तर प्रदेश का कोई भी पात्र मतदाता अपने लोकतांत्रिक अधिकार से वंचित न रह जाए। UP News
UP News : उत्तर प्रदेश में विधानसभा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के बीच वोटर लिस्ट में बड़े बदलावों ने सियासी हलकों से लेकर आम मतदाताओं तक हलचल बढ़ा दी है। कई जिलों में ड्राफ्ट रोल से नाम गायब होने या हटाए जाने की चर्चा के बाद लोग अपने मतदान अधिकार को लेकर बेचैन हैं। लेकिन राहत की खबर यह है कि निर्वाचन आयोग ने पात्र मतदाताओं के लिए फॉर्म-6 के जरिए नाम दोबारा जोड़ने का साफ और वैधानिक रास्ता खुला रखा है। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश की ड्राफ्ट मतदाता सूची से करीब 2.89 करोड़ नाम हटाए जाने की बात सामने आई है, जो कुल मतदाता संख्या का लगभग 18.7% बताया जा रहा है। ऐसे में अगर आपका नाम सूची में नजर नहीं आ रहा, तो घबराने के बजाय तय प्रक्रिया अपनाकर आप अपना नाम फिर से दर्ज करा सकते हैं।
कानपुर देहात का उदाहरण
उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में SIR प्रक्रिया के तहत मतदाता सूची में बड़ा अपडेट सामने आया है। जिले में विभिन्न कारणों से 2,03,966 मतदाताओं के नाम सूची से हटाने के लिए चिन्हित किए गए हैं। इनमें मृतक मतदाता, लंबे समय से अनुपस्थित, स्थानांतरित हो चुके लोग और मैपिंग/सत्यापन पूरा न होने जैसे मामले बताए जा रहे हैं। इतना ही नहीं, जिले में वर्ष 2003 की मतदाता सूची से जुड़े 1,24,065 मतदाताओं की मैपिंग अब तक पूरी नहीं हो सकी है। प्रशासनिक स्तर पर यह भी तय किया गया है कि अनंतिम सूची के प्रकाशन के बाद ऐसे मतदाताओं को नोटिस जारी किए जाएंगे, ताकि वे समय रहते आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन कर अपने नाम को कटने से बचा सकें।
नाम कट गया या ड्राफ्ट लिस्ट में नहीं दिख रहा? यही करें
उत्तर प्रदेश में SIR के दौरान अगर आपका नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में नहीं दिख रहा या कट गया है, तो घबराने के बजाय सही फॉर्म के जरिए तुरंत कार्रवाई करें। नाम जोड़ने या दोबारा जोड़ने के लिए फॉर्म-6 भरें, यह आवेदन आप अपने क्षेत्र के बीएलओ (BLO) को जमा कर सकते हैं और बूथ स्तर पर तय समय-सीमा में सत्यापन के बाद नाम जोड़ने की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाती है। वहीं, अगर आपका नाम सूची में मौजूद है लेकिन नाम, पता, उम्र या फोटो जैसी जानकारी में त्रुटि है, तो फॉर्म-8 के जरिए सुधार कराना सही विकल्प है। और यदि सूची में किसी नाम को लेकर आपत्ति दर्ज करनी हो - जैसे गलत एंट्री, अपात्रता या डुप्लीकेट नाम तो फॉर्म-7 के माध्यम से आपत्ति दाखिल की जा सकती है।
कौन-कौन से दस्तावेज लग सकते हैं?
उत्तर प्रदेश में SIR प्रक्रिया के तहत मैपिंग से छूटे या सत्यापन के दायरे में आए मतदाताओं को लेकर निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट दिशा-निर्देश तय किए हैं। ऐसे मतदाता आयोग द्वारा मान्य 12 पहचान पत्रों में से किसी एक के आधार पर आवेदन कर सकते हैं। आपके क्षेत्र के बीएलओ या निर्वाचन कार्यालय से यह अधिकृत सूची आसानी से प्राप्त की जा सकती है। आवेदन से पहले जरूरी है कि पहचान से जुड़े दस्तावेजों की फोटो-कॉपी के साथ मूल प्रति भी तैयार रखें, ताकि सत्यापन के दौरान किसी तरह की अड़चन न आए और आपका नाम समय रहते मतदाता सूची में सुरक्षित रह सके।
नोटिस और समयसीमा पर क्या कहा गया?
सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी गिरवर प्रसाद के मुताबिक, मैपिंग से बाहर रह गए 1,24,065 मतदाताओं को 31 दिसंबर के बाद निर्धारित तिथि पर नोटिस जारी किए जाएंगे। नोटिस मिलने के बाद संबंधित मतदाता आयोग द्वारा मान्य किसी एक पहचान पत्र के साथ आवेदन कर सकेंगे, ताकि उनका नाम मतदाता सूची से कटने से बचाया जा सके। अधिकारियों ने यह भी साफ किया है कि यदि किसी कारणवश नाम सूची से हट चुका है, तो फॉर्म-6 भरकर मतदाता सूची में नाम दोबारा दर्ज कराया जा सकता है। इसी बीच, उत्तर प्रदेश के जिला निर्वाचन अधिकारियों ने नागरिकों से अपील की है कि वे समय रहते अपनी एंट्री जांच लें। वोटर लिस्ट में नाम खोजें, EPIC नंबर और दस्तावेजों का मिलान करें, और जरूरत पड़ने पर फॉर्म-6/8/7 के जरिए आवेदन करें ताकि आगामी चुनाव में उत्तर प्रदेश का कोई भी पात्र मतदाता अपने लोकतांत्रिक अधिकार से वंचित न रह जाए। UP News












