नीतीश कुमार ने किया महिला आरक्षण बिल का खुला समर्थन, कहा तुरंत हो जाति जनगणना

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 01:32 AM
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Women Reservation Bill: केंद्र सरकार ने विशेष सत्र के दूसरे दिन महिला आरक्षण बिल को सदन के पटल पर रखा। मंगलवार को केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में यह बिल पेश किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 33% आरक्षण के प्रस्ताव पर कहा कि इससे लोकसभा मजबूत होगी। महिला आरक्षण बिल को केंद्र सरकार ने 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' विधेयक कहा। हालांकि केंद्र सरकार की इस पहल पर सियासत गर्म हो गई। कुछ लोगो ने इसे चुनावी प्रोपेगेंडा का नाम से दिया। अब केंद्र सरकार के इस पहल का बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) ने समर्थन किया है।

बिहार के मुख्यमंत्री ने Women Reservation Bill को बताया स्वागत योग्य :

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए महिला आरक्षण बिल (Women Reservation Bill) को स्वागत योग्य बताते हुए ट्विटर पर लिखा है कि - "संसद में जो महिला आरक्षण बिल लाया गया है, वह स्वागत योग्य कदम है। हम शुरू से ही महिला सशक्तीकरण के हिमायती रहे हैं और बिहार में हमलोगों ने कई ऐतिहासिक कदम उठाये हैं। वर्ष 2006 से हमने पंचायती राज संस्थाओं और वर्ष 2007 से नगर निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया।" आगे उन्होंने लिखा है -" वर्ष 2006 से ही प्रारंभिक शिक्षक नियोजन में महिलाओं को 50 प्रतिशत और वर्ष 2016 से सभी सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। वर्ष 2013 से बिहार पुलिस में भी महिलाओं कोे 35 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। आज बिहार पुलिस में महिला पुलिसकर्मियों की भागीदारी देश में सर्वाधिक है। बिहार में मेडिकल एवं इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी के अन्तर्गत नामांकन में न्यूनतम 33 प्रतिशत सीटें छात्राओं के लिये आरक्षित की गयी हैं। ऐसा करनेवाला बिहार देश का पहला राज्य है।" नीतीश कुमार ने आगे लिखा है कि-"हम लोगों ने वर्ष 2006 में राज्य में महिला स्वयं सहायता समूहों के गठन के लिए परियोजना शुरू की जिसका नामकरण ‘‘जीविका‘‘ किया। बाद में तत्कालीन केन्द्र सरकार द्वारा इसकी तर्ज पर महिलाओं के लिए आजीविका कार्यक्रम चलाया गया। बिहार में अब तक 10 लाख 47 हजार स्वयं सहायता समूहों का गठन हो चुका है जिसमें 1 करोड़ 30 लाख से भी अधिक महिलाएँ जुड़कर जीविका दीदियाँ बन गयी हैं। " इन्होंने आगे लिखा कि -"हमारा मानना है कि संसद में महिला आरक्षण के दायरे में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की तरह पिछड़े और अतिपिछड़े वर्ग की महिलाओं के लिये भी आरक्षण का प्रावधान किया जाना चाहिये। प्रस्तावित बिल में यह कहा गया है कि पहले जनगणना होगी तथा उसके पश्चात निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन होगा तथा इसके बाद ही इस प्रस्तावित बिल के प्रावधान लागू होंगे। इसके लिए जनगणना का काम शीघ्र पूरा किया जाना चाहिए। जनगणना तो वर्ष 2021 में ही हो जानी चाहिए थी परन्तु यह अभी तक नही हो सकी है। जनगणना के साथ जातिगत जनगणना भी करानी चाहिए तभी इसका सही फायदा महिलाओं को मिलेगा। यदि जातिगत जनगणना हुई होती तो पिछड़े एवं अतिपिछड़े वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था को तुरंत लागू किया जा सकता था।"

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महिला आरक्षण बिल पर तेज हुई सियासत, सपा विधायक बोलीं- ये है सरकार का चुनावी प्रोपेगेंडा

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userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 04:39 AM
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लखनऊ: केंद्र की मोदी सरकार ने विशेष सत्र के दूसरे दिन महिला आरक्षण बिल (women reservation bill) को सदन के पटल पर रखा है। महिला आरक्षण बिल को 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' नामक विधेयक कहा गया है। मंगलवार को केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में यह बिल पेश किया। पीएम मोदी ने 33 प्रतिशत आरक्षण के प्रस्ताव पर कहा कि इससे लोकसभा मजबूत होगी। हालांकि, अब इसपर सियासत भी शुरू हो गई है। विपक्ष इसमें संशोधन करके पास करने की बात कह रहा है। सपा विधायक ने कहा कि सरकार अगर दलित, पिछड़ा और आदिवासी समाज की महिलाओं के लिए अलग से आरक्षण व्यवस्था लागू नहीं होती है तो ऐसे में यह सिर्फ चुनावी प्रोपेगेंडा ही माना जायेगा।

अगर ऐसा हो जाए तो स्वागत करने योग्य होगा ये बिल

यूपी के सिराथू से सपा विधायक पल्लवी पटेल ने कहा कि ये अच्छी बात है महिलाओं को विधानसभा और लोकसभा में 33% आरक्षण मिल रहा है। इससे राजनीति के क्षेत्र में महिलाओं को आगे आने का अवसर प्राप्त होगा। वहीं देश की संसद में बैठकर अपने विचार रखने का अवसर मिलेगा। वहीं सपा विधायक ने यह भी कहा कि उच्च वर्ग की महिलाओं की तुलना में दलित, पिछड़ा और आदिवासी समाज की महिलाओं की स्थितियां काफी खराब हैं। इसलिए अगर सरकार उनकी भागीदारी सुनिश्चित करती है तो यह बिल स्वागत योग्य है। लेकिन फिलहाल ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा है।

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OBC महिलाओं का निर्धारित हो आरक्षण

सपा सांसद डिंपल यादव के लेकर तमाम नेताओं ने इस बिल पर सवाल खड़ा किया है। सरकार को 9 साल पूरे हो गए हैं। अगर इन्हें महिला आरक्षण बिल (Women Reservation Bill) लाना था तो ये पहले चुनाव से पहले ला सकते थे। ये इसे आखिरी साल में ला रहे हैं। सपा ने हमेशा इसका समर्थन किया है और हम सभी चाहते हैं कि OBC महिलाओं का भी इसमें आरक्षण निर्धारित हो क्योंकि जो आखिरी पंक्ति में खड़ी महिलाएं हैं उन्हें उनका हक मिलना चाहिए।

27 साल बाद मिली मंजूरी

बता दें कि नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने 27 साल से अटके महिला आरक्षण बिल को मंजूरी दे दी है। इससे पहले इसे 1996 में पेश किया गया था। इस बिल के पास हो जाने पर लोकसभा और राज्यों की विधानसभा में महिलाओं के लिए 33 फीसदी सीट आरक्षित हो जाएंगी। आंकड़ों के मुताबिक, लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या 15 फीसदी से कम है जबकि विधानसभाओं में उनका प्रतिनिधित्व 10 फीसदी से भी कम है। महिला आरक्षण बिल (Women Reservation Bill) पास हो जाने पर सदन में आधी आबादी बढ़ जाएगी।

सदन में हो जायेगी इतनी संख्या

कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने (नारी शक्ति वंदन अधिनियम) बिल को लोकसभा में पेश किया। बिल पेश करते हुए उन्होंने कहा कि इस बिल को दोनों सदनों से पारित किए जाने और कानून बनने के बाद लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या 181 हो जाएगी। लोकसभा में फिलहाल 82 महिला सांसद हैं। कानून बनने के बाद निचले सदन और राज्य के विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित हो जाएगी।
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Women's Reservation Bill : लोकसभा और विधानसभाओं में 33 फीसदी सीटें होंगी महिलाओं के लिए आरक्षित

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Women's Reservation Bill
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calendar01 Dec 2025 10:08 PM
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Women's Reservation Bill / नई दिल्ली। नए संसद भवन (new parliament building) में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बहुप्रतीक्षित महिला ​आरक्षण बिल 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' पेश किया। इस बिल में लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित रखने का सुझाव दिया गया है। बिल पेश होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि महिला आरक्षण बिल (Women's Reservation Bill) को जल्द कानून बनाया जाएगा और इसे सर्व सम्मति से पास भी कराया जाएगा।

Women's Reservation Bill

आपको बता दें कि नए संसद भवन (new parliament building) में आज सबसे पहला बिल महिला आरक्षण को लेकर पेश किया गया। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' पेश करते हुए कहा कि इस बिल में लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी सीटें आरक्षित होंगी।

महिला आरक्षण पास होने के बाद लोकसभा में महिलाओं के लिए 181 सीटें आरक्षित हो जाएंगी। उन्होंने बताया कि महिला आरक्षण बिल की सीमा 15 वर्ष होगी। 15 साल के बाद इस बिल पर फिर से विचार किया जाएगा। इस बिल की समय सीमा बढ़ाने का अधिकार संसद के पास होगा तथा 2027 में परिसीमन के बाद सीटें बढ़ेगी।

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