Up Election 2022: प्रियंका गांधी लड़ सकती हैं विधानसभा चुनाव!

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calendar22 Jan 2022 07:07 PM
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नईदिल्ली (राष्ट्रीय ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी को फिर से स्थापित करने में लगी प्रियंका गांधी सूबे में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में पार्टी का प्रत्याशी बन सकती हैं। इसके लिए सुरक्षित सीट की तलाश हो रही है। हालांकि पार्टी का मुख्यमंत्री का चेहरा होने के बयान को उन्होंने खारिज कर दिया है। एक एजेंसी के साथ बातचीत में प्रियंका गांधी ने कहाकि उनके विधानसभा चुनाव में उतरने की चर्चा चल रही है। पार्टी के अंदर इसको लेकर विचार हो रहा है। इस बारें में पार्टी जो भी फैसला लेगी वे उसका पालन करेंगी। माना जा रहा है कि कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए वे विधानसभा चुनाव लड़ सकती हैं,बशर्ते इसके लिए उन्हें किसी सुरक्षित सीट की तलाश रहेगी,जहां से वे आसानी से चुनाव जीत सकें। इससे पहले शुक्रवार को उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए 'भर्ती विधान,युवा घोषणा पत्रÓ जारी करते समय एक सवाल के जवाब में कहा था कि वे ही सूबे में पार्टी का चेहरा हैं। इसके बाद प्रदेश का राजनीतिक तापमान गरमा गया था। हालांकि बाद में उन्हें इसका खंडन करते हुए कहाकि उनका यह बयान मजाकिया लहजे में था,क्योंकि हर दूसरा सवाल इसी को लेकर किया जा रहा था। उन्होंने कहाकि पार्टी किसी एक चेहरे को मुख्यमंत्री के रूप में आधिकारिक रूप से घोषणा नहे करेगी। चुनाव बाद गठबंधन को लेकर उन्होंने साफ किया कि भाजपा को छोड़कर कांग्रेस किसी से भी गठबंधन कर सकती है। लेकिन शर्त युवाओं व महिलाओं से जुड़ें पार्टी के एजेंडे को लागू करना होगा। मायावती की चुप्पी पर प्रियंका हैरान प्रियंका गांधी ने मायावती को लेकर कहा कि छह-सात महीने पहले हम सोचते थे कि उनकी पार्टी सक्रिय नहीं है, शायद वह चुनाव के करीब शुरू हो जाएं लेकिन अब हम भी बहुत हैरान हैं कि चुनाव शुरू हो चुका है। हम तो चुनावों के बीच में हैं, लेकिन इसके बाद बावजूद मायावती सक्रिय नहीं हैं। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के चुनाव में मैं तो मायावती की चुप्पी से हैरान हूं। उन्होंने कहा कि बसपा का इतना लो प्रोफाइल चुनाव अभियान तो कभी भी नहीं रहा है। इससे पहले 2012 तथा 2017 में भी बसपा इतनी शांत कभी भी नहीं रही।
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Inspiration सपा के एक ऐसे नेता जिन्होंने अपने बेटे तक की सिफारिश नहीं की

Inspiration सपा के एक ऐसे नेता जिन्होंने अपने बेटे तक की सिफारिश नहीं की
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 05:45 PM
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Inspiration सहारनपुर। राजनीति में परिवार के सदस्यों को आगे बढ़ाने के लिए आज के नेता क्या कुछ नहीं करते हैं। यहां कि अपनी ही राजनीतिक दलों के प्रमुखों से अपने परिवार के सदस्यों को टिकट देने की सिफारिश करते हैं। लेकिन सहारनपुर में सपा के एक ऐसे बड़े नेता भी रहे हैं, जिन्होंने अपने बेटे को सदन में भेजने की बा​बत सिफारिश तक नहीं की बल्कि अपने ही बेटे को नसीहत दी ​थी कि यदि सदन में जाना है तो मेहनत करें। जी हां, हम बात कर रहे हैं सपा के आजीवन प्रदेश अध्यक्ष रहे चौधरी रामशरण दास की है। आज चौधरी रामशरण दास इस दुनिया में नहीं है, लेकिन चुनाव का माहौल चल रहा है तो उन्हें कैसे भुला जा सकता है। उत्तर प्रदेश के सियासी इतिहास में चौधरी रामशरण दास गुर्जर का नाम आज भी हर किसी की जुबान पर रहता है। रामशरण दास के सियासी योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। रामशरण दास उन दिनों संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी में थे।

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रामशरणदास ने 1971 में रायबरेली के चुनाव में राज नारायण के लिए प्रचार किया था। हालांकि इस चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जीत हुई थी और राज नारायण हार गए थे। 1971 के चुनाव को लेकर कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी, जिसमें रामशरण दास की गवाही हुई थी। रामशरण दास को उन दिनों कई तरह के प्रलोभन भी दिए गए थे, लेकिन वो डिगे नहीं और अदालत में गवाही दी थी। जिसके बाद हाईकोर्ट ने 1971 के चुनाव को खारिज कर दिया था। तख्तापलट की आशंका के चलते देश में इमरजेंसी लगा दी गई थी। इमरजेंसी में रामशरण दास जेल भी गए थे। रामशरण दास दो बार विधानसभा सदस्य भी रहे। इसके अलावा वे चार बार विधान परिषद के सदस्य व योजना आयोग के उपाध्यक्ष रहे। उत्तर प्रदेश उपभोक्ता सहकारी संघ के अध्यक्ष भी रहे थे।

अपने बेटे से कहा था मेहनत करें रामशरण दास की ईमानदारी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है उन्होंनें अपने पुत्र जगपाल के लिए कभी सिफारिश नहीं की। बताया जाता है कि 2006 में विधानसभा परिषद सदस्यों का चुनाव होना था। किसी ने कहा कि बलराम यादव ने सुझाव दिया है कि उनके पुत्र जगपाल दास को विधान परिषद भेज दिया जाए। इस बात पर चौधरी रामशरण दास उखड़ गए और बोले कि जगपाल को सदन में जाना है तो काम करे व चुनाव लड़े। रामशरण दास का लड़का होने के कारण विधानसभा परिषद नहीं जाएंगे।

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UP Election 2022 : चाय और समोसे के 20, खाने के चुकाने होंगे 40 रुपये

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UP Election 2022
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 12:44 AM
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UP Election 2022 : सहारनपुर। विधानसभा चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी के चुनावी खर्च पर प्रशासन की नजर रहेगी। प्रत्याशी चाय और समोसे के 20 और खाने के लिए 40 रुपये चुकाने होंगे। टोपी के लिए 30 रुपये निर्धारित किए गए हैं। जनसभाओं में कितने माइक, साउंड सिस्टम, कुर्सियां हैं। कितनी बैरीकेडिंग हैं। कितने ट्रैक्टर-ट्रॉली, बसें और वाहन आए हैं। कितनी टोपी और गमछे बांटे गए हैं। इससे अलग प्रत्याशी खर्च नहीं कर सकेंगे। जिला प्रशासन ने विधानसभा चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के लिए चुनावी खर्च की अधिकतम सीमा 40 लाख रुपये तय की है। लेकिन इस बात की संभावना रहती है कि प्रत्याशी खर्चा अधिक करते हैं, पर बताते हैं कम। इसी पर लगाम कसने को प्रशासन ने चुनाव प्रचार से जुड़ी हरेक चीजों का किराया तय कर दिया है। चुनाव कार्यालय के चाय नाश्ते से लेकर जनसभाओं, वाहनों से प्रचार-प्रसार और जनसभाओं से संबंधित तमाम चीजों का किराया खर्चा निर्धारित किया है। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व रजनीश कुमार मिश्र ने बताया कि प्रत्याशियों के चुनावी खर्च की रेट लिस्ट जारी कर दी गई है। प्रशासन द्वारा जो रेट लिस्ट जारी की गई हैं, उसके अनुसार ही प्रत्याशियों को खर्च करना होगा। इसके इतर खर्च पर प्रशासन की नजर रहेगी।

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खानपान का खर्चा

चाय - 10 रुपये समोसा - 10 रुपये नाश्ता - 20 रुपये कोल्डड्रिंक - 15 रुपये सोफ्ट कोल्डड्रिंग - 40 रुपये भोजन पैकेट - 55 रुपये नॉनवेज भोजन - 150 रुपये स्पेशल होटल - 250 रुपये होटल - 80 रुपये तख्त - 30 रुपये दरी - 25 रुपये कालीन - 3 रुपये

प्रचार - प्रसार

पोस्टर - पांच हजार होर्डिंग - 30 रुपये प्रति फुट कटआउट लकड़ी के - 55 रुपये कटआउट कपड़े के - 13 रुपये वीडियो प्रसार सामग्री - 120 रुपये प्रति सीडी ऑडियो प्रचार सामग्री - 120 रुपये प्रति सीडी

वाटर प्रुफ पंडाल - 300 रुपये वर्ग मीटर गद्दे - 30 रुपये मेज - 50 रुपये टोपी - 30 रुपये