बड़ा खुलासा: उत्तर प्रदेश में पुनर्विवाह के बाद भी ‘विधवा’ बन उठा रही थी लाभ
अब सरकार ने साफ कर दिया है कि उत्तर प्रदेश में कल्याणकारी योजनाओं की राशि गलत तरीके से लेने वालों से एक-एक पैसा वसूला जाएगा इसी के तहत रिकवरी की प्रक्रिया शुरू कराने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

UP News : उत्तर प्रदेश के कानपुर से विधवा पेंशन को लेकर एक बड़ा मामला सामने आया है। जिला प्रोबेशन विभाग की सत्यापन कार्रवाई में सामने आया कि जिले की 33 महिलाएं दूसरी शादी के बाद भी खुद को “विधवा” बताकर सरकारी पेंशन का लाभ ले रही थीं। जैसे ही नाम जांच की रडार पर आए, विभाग ने बिना देरी किए उनकी पेंशन तत्काल रोक दी। अब सरकार ने साफ कर दिया है कि उत्तर प्रदेश में कल्याणकारी योजनाओं की राशि गलत तरीके से लेने वालों से एक-एक पैसा वसूला जाएगा इसी के तहत रिकवरी की प्रक्रिया शुरू कराने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
सत्यापन में खुली पोल
उत्तर प्रदेश के कानपुर में विधवा पेंशन योजना के सत्यापन अभियान ने विभाग के लिए कई चौंकाने वाले तथ्य खोल दिए हैं। जिले में पात्र महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये की सहायता दी जाती है और विभागीय रिकॉर्ड के मुताबिक 73,436 महिलाएं इस योजना से लाभान्वित हैं। लेकिन इसी जांच के दौरान पता चला कि 33 महिलाओं ने पुनर्विवाह कर लिया था, फिर भी वे लगातार पेंशन लेती रहीं। ब्लॉकवार आंकड़ों में बिल्हौर, बिधनू और पतारा से 6-6 मामले सामने आए, जबकि कल्याणपुर और घाटमपुर में 5-5, शिवराजपुर में 4 और सरसौल में 1 मामला दर्ज हुआ। विभाग का कहना है कि दस्तावेज़ी जांच और स्थानीय रिपोर्टिंग के आधार पर अनियमितता पकड़ी गई, जिसके बाद संबंधित लाभार्थियों पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
“एक-एक पाई वसूली जाएगी” – प्रशासन का सख्त संदेश
जिला प्रोबेशन अधिकारी विकास सिंह के अनुसार, जिन महिलाओं के खिलाफ पुनर्विवाह के बाद भी विधवा पेंशन लेने की पुष्टि हुई, उनके नाम तत्काल लाभार्थी सूची से हटाकर पेंशन बंद कर दी गई है। विभाग ने दो टूक कहा है कि नियमों का उल्लंघन कर उठाई गई राशि अब रिकवरी के जरिए वापस ली जाएगी। इसे उत्तर प्रदेश सरकार की ‘पारदर्शिता और पात्रता’ नीति के तहत सख्त संदेश के तौर पर देखा जा रहा हैकल्याणकारी योजनाओं का लाभ सिर्फ वास्तविक हकदारों तक पहुंचे और फर्जीवाड़े पर जीरो टॉलरेंस रहे। विभागीय सूत्रों के मुताबिक, इस प्रकरण के बाद सत्यापन को नियमित बनाने, फील्ड स्तर पर निगरानी बढ़ाने और रिकॉर्ड अपडेट की प्रक्रिया को और कसने की तैयारी है, ताकि आगे किसी भी स्तर पर फर्जी लाभार्थियों के लिए जगह न बचे।
आवास विकास में भी रिकवरी की तैयारी
उधर, उत्तर प्रदेश में आवास विकास से जुड़े एक अलग प्रकरण में भी भ्रष्टाचार पर शिकंजा कसने की तैयारी तेज हो गई है। आवास विकास परिषद ने 50 से अधिक सेवानिवृत्त अधिकारियों और इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई को हरी झंडी दे दी है। चूंकि कई आरोपी अब रिटायर हो चुके हैं, इसलिए कहीं सीधे रिकवरी की जाएगी तो कहीं नियमों के तहत पेंशन से 50 प्रतिशत तक कटौती का रास्ता अपनाया जाएगा। विभागीय जानकारी के मुताबिक, एक मामले में करीब 5.87 करोड़ रुपये की गंभीर अनियमितता सामने आई थी, जिसमें प्रॉपर्टी डीलर जगत नारायण शुक्ला को बिना रकम जमा कराए ही भुगतान/रिफंड का लाभ दे दिया गया। अब इस फाइल पर भी वसूली के आदेश जारी कर दिए गए हैं और जिम्मेदारों की भूमिका की परत-दर-परत जांच आगे बढ़ाई जा रही है। UP News
UP News : उत्तर प्रदेश के कानपुर से विधवा पेंशन को लेकर एक बड़ा मामला सामने आया है। जिला प्रोबेशन विभाग की सत्यापन कार्रवाई में सामने आया कि जिले की 33 महिलाएं दूसरी शादी के बाद भी खुद को “विधवा” बताकर सरकारी पेंशन का लाभ ले रही थीं। जैसे ही नाम जांच की रडार पर आए, विभाग ने बिना देरी किए उनकी पेंशन तत्काल रोक दी। अब सरकार ने साफ कर दिया है कि उत्तर प्रदेश में कल्याणकारी योजनाओं की राशि गलत तरीके से लेने वालों से एक-एक पैसा वसूला जाएगा इसी के तहत रिकवरी की प्रक्रिया शुरू कराने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
सत्यापन में खुली पोल
उत्तर प्रदेश के कानपुर में विधवा पेंशन योजना के सत्यापन अभियान ने विभाग के लिए कई चौंकाने वाले तथ्य खोल दिए हैं। जिले में पात्र महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये की सहायता दी जाती है और विभागीय रिकॉर्ड के मुताबिक 73,436 महिलाएं इस योजना से लाभान्वित हैं। लेकिन इसी जांच के दौरान पता चला कि 33 महिलाओं ने पुनर्विवाह कर लिया था, फिर भी वे लगातार पेंशन लेती रहीं। ब्लॉकवार आंकड़ों में बिल्हौर, बिधनू और पतारा से 6-6 मामले सामने आए, जबकि कल्याणपुर और घाटमपुर में 5-5, शिवराजपुर में 4 और सरसौल में 1 मामला दर्ज हुआ। विभाग का कहना है कि दस्तावेज़ी जांच और स्थानीय रिपोर्टिंग के आधार पर अनियमितता पकड़ी गई, जिसके बाद संबंधित लाभार्थियों पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
“एक-एक पाई वसूली जाएगी” – प्रशासन का सख्त संदेश
जिला प्रोबेशन अधिकारी विकास सिंह के अनुसार, जिन महिलाओं के खिलाफ पुनर्विवाह के बाद भी विधवा पेंशन लेने की पुष्टि हुई, उनके नाम तत्काल लाभार्थी सूची से हटाकर पेंशन बंद कर दी गई है। विभाग ने दो टूक कहा है कि नियमों का उल्लंघन कर उठाई गई राशि अब रिकवरी के जरिए वापस ली जाएगी। इसे उत्तर प्रदेश सरकार की ‘पारदर्शिता और पात्रता’ नीति के तहत सख्त संदेश के तौर पर देखा जा रहा हैकल्याणकारी योजनाओं का लाभ सिर्फ वास्तविक हकदारों तक पहुंचे और फर्जीवाड़े पर जीरो टॉलरेंस रहे। विभागीय सूत्रों के मुताबिक, इस प्रकरण के बाद सत्यापन को नियमित बनाने, फील्ड स्तर पर निगरानी बढ़ाने और रिकॉर्ड अपडेट की प्रक्रिया को और कसने की तैयारी है, ताकि आगे किसी भी स्तर पर फर्जी लाभार्थियों के लिए जगह न बचे।
आवास विकास में भी रिकवरी की तैयारी
उधर, उत्तर प्रदेश में आवास विकास से जुड़े एक अलग प्रकरण में भी भ्रष्टाचार पर शिकंजा कसने की तैयारी तेज हो गई है। आवास विकास परिषद ने 50 से अधिक सेवानिवृत्त अधिकारियों और इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई को हरी झंडी दे दी है। चूंकि कई आरोपी अब रिटायर हो चुके हैं, इसलिए कहीं सीधे रिकवरी की जाएगी तो कहीं नियमों के तहत पेंशन से 50 प्रतिशत तक कटौती का रास्ता अपनाया जाएगा। विभागीय जानकारी के मुताबिक, एक मामले में करीब 5.87 करोड़ रुपये की गंभीर अनियमितता सामने आई थी, जिसमें प्रॉपर्टी डीलर जगत नारायण शुक्ला को बिना रकम जमा कराए ही भुगतान/रिफंड का लाभ दे दिया गया। अब इस फाइल पर भी वसूली के आदेश जारी कर दिए गए हैं और जिम्मेदारों की भूमिका की परत-दर-परत जांच आगे बढ़ाई जा रही है। UP News












