बड़ा खुलासा: उत्तर प्रदेश में पुनर्विवाह के बाद भी ‘विधवा’ बन उठा रही थी लाभ

अब सरकार ने साफ कर दिया है कि उत्तर प्रदेश में कल्याणकारी योजनाओं की राशि गलत तरीके से लेने वालों से एक-एक पैसा वसूला जाएगा इसी के तहत रिकवरी की प्रक्रिया शुरू कराने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

विधवा पेंशन में ‘डबल खेल’ उजागर
विधवा पेंशन में ‘डबल खेल’ उजागर
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar27 Dec 2025 11:25 AM
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UP News : उत्तर प्रदेश के कानपुर से विधवा पेंशन को लेकर एक बड़ा मामला सामने आया है। जिला प्रोबेशन विभाग की सत्यापन कार्रवाई में सामने आया कि जिले की 33 महिलाएं दूसरी शादी के बाद भी खुद को “विधवा” बताकर सरकारी पेंशन का लाभ ले रही थीं। जैसे ही नाम जांच की रडार पर आए, विभाग ने बिना देरी किए उनकी पेंशन तत्काल रोक दी। अब सरकार ने साफ कर दिया है कि उत्तर प्रदेश में कल्याणकारी योजनाओं की राशि गलत तरीके से लेने वालों से एक-एक पैसा वसूला जाएगा इसी के तहत रिकवरी की प्रक्रिया शुरू कराने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

सत्यापन में खुली पोल

उत्तर प्रदेश के कानपुर में विधवा पेंशन योजना के सत्यापन अभियान ने विभाग के लिए कई चौंकाने वाले तथ्य खोल दिए हैं। जिले में पात्र महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये की सहायता दी जाती है और विभागीय रिकॉर्ड के मुताबिक 73,436 महिलाएं इस योजना से लाभान्वित हैं। लेकिन इसी जांच के दौरान पता चला कि 33 महिलाओं ने पुनर्विवाह कर लिया था, फिर भी वे लगातार पेंशन लेती रहीं। ब्लॉकवार आंकड़ों में बिल्हौर, बिधनू और पतारा से 6-6 मामले सामने आए, जबकि कल्याणपुर और घाटमपुर में 5-5, शिवराजपुर में 4 और सरसौल में 1 मामला दर्ज हुआ। विभाग का कहना है कि दस्तावेज़ी जांच और स्थानीय रिपोर्टिंग के आधार पर अनियमितता पकड़ी गई, जिसके बाद संबंधित लाभार्थियों पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

“एक-एक पाई वसूली जाएगी” – प्रशासन का सख्त संदेश

जिला प्रोबेशन अधिकारी विकास सिंह के अनुसार, जिन महिलाओं के खिलाफ पुनर्विवाह के बाद भी विधवा पेंशन लेने की पुष्टि हुई, उनके नाम तत्काल लाभार्थी सूची से हटाकर पेंशन बंद कर दी गई है। विभाग ने दो टूक कहा है कि नियमों का उल्लंघन कर उठाई गई राशि अब रिकवरी के जरिए वापस ली जाएगी। इसे उत्तर प्रदेश सरकार की ‘पारदर्शिता और पात्रता’ नीति के तहत सख्त संदेश के तौर पर देखा जा रहा हैकल्याणकारी योजनाओं का लाभ सिर्फ वास्तविक हकदारों तक पहुंचे और फर्जीवाड़े पर जीरो टॉलरेंस रहे। विभागीय सूत्रों के मुताबिक, इस प्रकरण के बाद सत्यापन को नियमित बनाने, फील्ड स्तर पर निगरानी बढ़ाने और रिकॉर्ड अपडेट की प्रक्रिया को और कसने की तैयारी है, ताकि आगे किसी भी स्तर पर फर्जी लाभार्थियों के लिए जगह न बचे।

आवास विकास में भी रिकवरी की तैयारी

उधर, उत्तर प्रदेश में आवास विकास से जुड़े एक अलग प्रकरण में भी भ्रष्टाचार पर शिकंजा कसने की तैयारी तेज हो गई है। आवास विकास परिषद ने 50 से अधिक सेवानिवृत्त अधिकारियों और इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई को हरी झंडी दे दी है। चूंकि कई आरोपी अब रिटायर हो चुके हैं, इसलिए कहीं सीधे रिकवरी की जाएगी तो कहीं नियमों के तहत पेंशन से 50 प्रतिशत तक कटौती का रास्ता अपनाया जाएगा। विभागीय जानकारी के मुताबिक, एक मामले में करीब 5.87 करोड़ रुपये की गंभीर अनियमितता सामने आई थी, जिसमें प्रॉपर्टी डीलर जगत नारायण शुक्ला को बिना रकम जमा कराए ही भुगतान/रिफंड का लाभ दे दिया गया। अब इस फाइल पर भी वसूली के आदेश जारी कर दिए गए हैं और जिम्मेदारों की भूमिका की परत-दर-परत जांच आगे बढ़ाई जा रही है। UP News

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उत्तर प्रदेश की अयोध्या में रिकॉर्ड भीड़, VIP स्लॉट फुल

इस अभूतपूर्व आवागमन का असर मंदिर व्यवस्था पर भी साफ दिख रहा है। राम मंदिर में 1 जनवरी तक वीआईपी दर्शन के सभी पास पूरी तरह फुल हो चुके हैं, और अब भीड़ प्रबंधन उत्तर प्रदेश प्रशासन व ट्रस्ट के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गया है।

अयोध्या में श्रद्धालुओं का सैलाब
अयोध्या में श्रद्धालुओं का सैलाब
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar27 Dec 2025 10:50 AM
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UP News : उत्तर प्रदेश की आस्था-राजधानी अयोध्या इन दिनों श्रद्धा के विराट सागर में बदल चुकी है। कड़ाके की ठंड के बीच भी रामनगरी में भक्तों का सैलाब लगातार उमड़ रहा है देश के कोने-कोने से लेकर विदेशों तक से श्रद्धालु प्रभु श्रीराम के दर्शन को पहुंच रहे हैं। रामपथ, घाटों और प्रमुख मंदिर मार्गों पर इतनी भीड़ है कि शहर का दृश्य किसी महाकुंभ से कम नहीं लगता। इस अभूतपूर्व आवागमन का असर मंदिर व्यवस्था पर भी साफ दिख रहा है राम मंदिर में 1 जनवरी तक वीआईपी दर्शन के सभी पास पूरी तरह फुल हो चुके हैं, और अब भीड़ प्रबंधन उत्तर प्रदेश प्रशासन व ट्रस्ट के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गया है।

रोज बढ़ रही श्रद्धालुओं की संख्या : ट्रस्ट का दावा

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा के अनुसार, पिछले एक महीने से श्रीराम मंदिर में श्रद्धालुओं की आमद लगातार रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ रही है। नए साल की दस्तक और आने वाले धार्मिक कार्यक्रमों के चलते यह रफ्तार फिलहाल थमने वाली नहीं दिखती। ट्रस्ट का आकलन है कि अगले कुछ दिनों में उत्तर प्रदेश की रामनगरी अयोध्या में भीड़ और ज्यादा घनी होगी, ऐसे में दर्शन-व्यवस्था और भीड़ प्रबंधन को लेकर तैयारियों को और मजबूत किया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश सरकार की बड़ी तैयारी

डॉ. अनिल मिश्रा के मुताबिक, उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से अयोध्या में सड़क चौड़ीकरण और ट्रैफिक मैनेजमेंट में किए गए सुधारों का सीधा लाभ अब श्रद्धालुओं को दिख रहा है। बेहतर कनेक्टिविटी, तय रूट प्लान और प्रशासन की मुस्तैदी के कारण भारी भीड़ के बावजूद दर्शन-व्यवस्था काफी हद तक सुचारु बनी हुई है। ट्रस्ट ने साफ किया कि पास जारी करने की संख्या पहले से तय है रोजाना 6 स्लॉट में पास बनाए जाते हैं और हर स्लॉट में 400 पास निर्धारित हैं। इसी वजह से बढ़ती भीड़ के बीच 1 जनवरी तक सभी स्लॉट पहले ही फुल हो चुके हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए ट्रस्ट ने मंदिर परिसर और आसपास व्यवस्थाओं को और मजबूत किया है। आरती पास से लेकर विशिष्ट पास तक सभी तरह के पास पूरी तरह निशुल्क रखे गए हैं। यात्रियों के लिए यात्री सुविधा केंद्र, बैठने की समुचित व्यवस्था, और बुजुर्गों, दिव्यांगों व जरूरतमंद श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क व्हीलचेयर की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।

प्लिंथ पर उकेरे गए रामकथा प्रसंग

डॉ. अनिल मिश्रा के अनुसार, श्रीराम मंदिर का निर्माण कार्य अब पूर्ण हो चुका है और मंदिर-परिसर के परकोटे का निर्माण भी पूरा कर लिया गया है। खास बात यह है कि मंदिर के प्लिंथ (आधार भाग) पर प्रभु श्रीराम के जीवन से जुड़े प्रमुख प्रसंगों को बेहद कलात्मक और जीवंत शिल्प में उकेरा गया है जिसे देखते ही श्रद्धालु ठहर जाते हैं और भाव-विभोर हो उठते हैं। उत्तर प्रदेश की रामनगरी अयोध्या में उमड़ती यह अपार श्रद्धा यही संकेत दे रही है कि श्रीराम मंदिर अब केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि देश के साथ-साथ दुनिया भर के भक्तों के लिए एक स्थापित आध्यात्मिक केंद्र बन चुका है, जहां आस्था के साथ संस्कृति और कला भी एक साथ बोलती नजर आती है। UP News


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"बादशाह कहने वाला औरंगजेब आज इतिहास में गुम" लखनऊ से सीएम योगी का बड़ा संदेश

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक संदर्भों के जरिए औरंगजेब पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि जो खुद को “हिंदुस्तान का बादशाह” कहता था, आज उसकी कब्र तक पर पूछने वाला कोई नहीं और गुरु तेगबहादुर जी को चुनौती देना उसकी बड़ी भूल थी।

सीएम योगी
सीएम योगी
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar27 Dec 2025 10:28 AM
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UP News : वीर बाल दिवस और श्री गुरु तेगबहादुर जी के 350वें शहीदी वर्ष के मौके पर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित 5, कालिदास मार्ग शुक्रवार को श्रद्धा और इतिहास-बोध का केंद्र बन गया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित शबद-पाठ व कीर्तन समागम में सिख गुरुओं और साहिबजादों के अद्वितीय बलिदान को नमन किया। कार्यक्रम की शुरुआत उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब को माथे लगाकर प्रणाम करने से की, फिर शबद-कीर्तन के बीच साहिबज़ादों की अमर शहादत की गाथा सुनी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक संदर्भों के जरिए औरंगजेब पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि जो खुद को “हिंदुस्तान का बादशाह” कहता था, आज उसकी कब्र तक पर पूछने वाला कोई नहीं और गुरु तेगबहादुर जी को चुनौती देना उसकी बड़ी भूल थी। योगी ने कहा कि इतिहास उसी को याद रखता है, जिसके भीतर त्याग और बलिदान की लौ जलती है; सिख गुरुओं की परंपरा भारत की भक्ति और शक्ति की जीवंत मिसाल है।

सीएम आवास पर हुआ कीर्तन समागम

लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास पर हुए इस आयोजन में कीर्तन प्रस्तुत करने वाले बच्चों को पटका पहनाकर सम्मानित किया गया और उन्हें पुरस्कार भी प्रदान किए गए। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने ‘छोटे साहिबजादे’ नामक पुस्तिका का भी विमोचन किया, जिसे नई पीढ़ी तक शौर्य और शहादत का संदेश पहुंचाने की दिशा में अहम पहल बताया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी के चारों साहिबजादों बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के शहीदी दिवस को वीर बाल दिवस के रूप में मनाना, देश के लिए उनके स्वदेश और स्वधर्म हेतु दिए गए सर्वोच्च बलिदान को याद करने और उससे प्रेरणा लेने का राष्ट्रीय अवसर है।

देशभर में नई पीढ़ी तक पहुंचे साहिबजादों का संदेश

सीएम योगी ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में वीर बाल दिवस सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि नई पीढ़ी के लिए चरित्र-निर्माण का संदेश बनकर सामने आया है। स्कूलों और कॉलेजों से लेकर दफ्तरों तक साहिबजादों की गाथाएं पढ़ी और सुनाई जा रही हैं, और उन्हें शिक्षा के माध्यम से बच्चों तक पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे युवाओं में धैर्य, साहस, कर्तव्यबोध और बलिदान जैसी मूल्य-चेतना मजबूत होगी, जो राष्ट्र निर्माण की सबसे बड़ी पूंजी है।

लंगर परंपरा को बताया सामाजिक समरसता का प्रतीक

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सिख धर्म की लंगर परंपरा का उल्लेख करते हुए कहा कि यह परंपरा सामाजिक समरसता का सबसे मजबूत संदेश देती है। उन्होंने कहा कि लंगर में किसी की जाति, धर्म या पहचान नहीं पूछी जाती हर व्यक्ति को एक ही पंक्ति में, एक ही भाव से भोजन कराया जाता है। मुख्यमंत्री के मुताबिक, यही वह संस्कार है जो उत्तर प्रदेश सहित पूरे भारत की साझी संस्कृति को मजबूती देता है और भारतीय समाज की एकता व मानवता की असली पहचान बनता है।

डबल इंजन सरकार का सहयोग

सीएम योगी ने गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज, माता गुजरी देवी और चारों साहिबज़ादों की स्मृतियों को नमन करते हुए कहा कि वीर बाल दिवस हर भारतीय युवा के लिए प्रेरणा का दिन है। उन्होंने गुरु तेगबहादुर जी के 350वें शहीदी वर्ष से जुड़े आयोजनों में डबल इंजन सरकार की ओर से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। कार्यक्रम के अंत में आनंद साहिब का पाठ और अरदास हुई। इसके बाद मुख्यमंत्री ने मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ और असीम अरुण के साथ लंगर में सहभागिता भी की। UP News

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