गंदा धंधा : नेस्ले कम्पनी कर रही है बच्चों की जिंदगी से खिलवाड

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Nestle Products
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 01:07 AM
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Nestle Products : पैसा कमाने के लालच में गंदा धंधा चलाने का एक मामला सामने आया है। खबर यह है कि चर्चित नेस्ले ( Nestle) कंपनी शिशु के दूध में चीनी मिलाकर बेच रही है। इस खबर का भारत सरकार ने संज्ञन लिया है। भारत सरकार ने नेस्ले ( Nestle) कंपनी द्वारा बेचे जाने वाले शिशु दूध के सैंपल लेकर जांच पड़ताल शुरू कर दी है। सरकार का काहना है कि यदि नेस्ले कंपनी दोषी पाई जाती है तो नेस्ले के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।

भारत सरकार के सामने आई है रिपोर्ट

नेस्ले कंपनी किस प्रकार बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रही है। यह पूरा मामला भारत सरकार के सामने आ गया है। भारत सरकार में उच्च अधिकारियों ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। भारत सरकार के अधिकारियों का कहना है कि हमने Nestle के संबंध में रिपोर्ट का संज्ञान लिया है और मामले की जांच करेंगे. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि सरकार केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) से नेस्ले के शिशु आहार के नमूनों की जांच करने के लिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों का पालन करेगी। साथ ही उपभोक्ता मामलों के विभाग और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) के वरिष्ठ अधिकारी जल्द ही इस मामले पर चर्चा करेंगे।

शिशु दूध में चीनी

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 2022 के दौरान नेस्ले की बिक्री $250 मिलियन से ऊपर हो गई थी. इसके सभी सेरेलैक बेबी अनाज में अतिरिक्त चीनी एवरेज 3 ग्राम प्रति सर्विंग मिलाई जाती है. यह पैटर्न दक्षिण अफ्रीका में भी स्पष्ट है, जो अफ्रीका का प्राथमिक बाजार है, जहां सभी सेरेलैक बेबी अनाज उत्पादों में प्रति सर्विंग में 4 ग्राम या अधिक अतिरिक्त चीनी होती है। इसी तरह, 2022 में लगभग 150 मिलियन डॉलर की बिक्री के साथ दुनिया के दूसरे सबसे बड़े बाजार ब्राजील में, तीन-चौथाई सेरेलैक बेबी अनाज (जिसे म्यूसिलॉन के नाम से जाना जाता है) में प्रति सर्विंग औसतन 3 ग्राम अतिरिक्त चीनी होती है। यह मामला तेजी से चर्चा का विषय बन रहा है।

पश्चिम बंगाल में शुरू हुआ धार्मिक खेला ,रामनवमी के जुलूस पर हुआ पथराव

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पश्चिम बंगाल में शुरू हुआ धार्मिक खेला ,रामनवमी के जुलूस पर हुआ पथराव

West Bengal News
West Bengal News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 05:11 AM
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West Bengal News : पश्चिम बंगाल में चुनाव से पहले धार्मिक खेला शुरू हो गया है। भारतीय जनता पार्टी हो या विपक्ष दोनों तरफ से धार्मिक ध्रुवीकरण के प्रयास शुरू हो गए हैं। इस बीच रामनवमी के जुलूस पर पत्थर बाजी से पूरे पश्चिम बंगाल में बवाल मचा हुआ है। झड़प के दौरान सात लोग घायल हो गए, जिन्हें मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि सभी घायलों को मामूली चोटें आई हैं। इस बीच इलाके में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी है। साथ ही अतिरिक्त सुरक्षाबलों को भी मौके पर तैनात कर दिया गया है। आपको बता दें यह घटना पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई थी।

इलाके में लगी धारा 144

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई इस झड़प के बारे में पुलिस ने बताया कि यह झड़प पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के शक्तिपुर इलाके में हुई थी। इस इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है। तनाव की स्थिति के मद्देनजर अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। हालांकि, रात में झड़प की कोई नई घटना नहीं हुई। फिलहाल स्थिति को नियंत्रण कर लिया गया है।

क्या था पूरा मामला?

मिली जानकारी के अनुसार पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के शक्तिपुर इलाके में 17 अप्रैल को रामनवमी शोभायात्रा निकाली जा रही थी। इस दौरान कुछ लोगों ने अपनी छतों से जुलूस पर पथराव करना शुरू कर दिया। जिससे रामनवमी शोभायात्रा के दौरान बवाल हो गया। देखते ही देखते बवाल इस कदर हुआ कि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे। इस दौरान एक धमाका भी हुआ जिसमें एक महिला घायल हो गई।

कई इलाकों में हुई थी झडप

आपको बता दें रामनवमी के मौके पर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद ही नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदिनीपुर में भी झड़प की घटना हुई है। यहां रामनवमी शोभायात्रा के दौरान हुई झड़प में चार लोग घायल हो गए। वहीं इस झडप को लेकर बीजेपी का आरोप है कि शोभायात्रा पर पथराव किया गया था। पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले दागने पड़े। साथ ही बीजेपी का आरोप है कि इस दौरान पुलिस ने पार्टी के पांचकार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया है। इस बीच बीजेपी की उम्मीदवार अग्निमित्रा पॉल मौके पर पहुंची और पार्टी कार्यकर्ताओं को रिहा करने की मांग की। पॉल की अगुवाई में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने टायर जलाए और बेल्डा-कांठी राजमार्ग को ब्लॉक कर रातभर प्रदर्शन किया। वहीं, नंदीग्राम में बीजेपी दफ्तर जलाने का भी आरोप है। West Bengal News

दुकानों में भी की गई तोड़फोड़

इसके अलावा बंगाल बीजेपी की ओर से आरोप है कि रामनवमी शोभायात्रा की रैली पर पथराव किया गया और रास्तों पर मौजूद दुकानों में तोड़फोड़ की गई। बंगाल में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि प्रशासन से मंजूरी मिलने के बाद शांतिपूर्ण ढंग से रामनवमी की शोभायात्रा निकाली जा रही थी। लेकिन कुछ शरारती तत्वों ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के शक्तिपुर में शोभायात्रा पर पथराव किया। लेकिन हैरान करने की बात यह है कि इस बार ममता सरकार की पुलिस भी इन शरारती तत्वों के साथ मिल गई और रामभक्तों पर आंसू गैस के गोले दागने लगी। ऐसा इसलिए किया गया ताकि इस रामनवमी की शोभायात्रा को रोका जा सके। https://twitter.com/SuvenduWB/status/1780806213883797946?ref_src=twsrc%5Etfw%7Ctwcamp%5Etweetembed%7Ctwterm%5E1780806213883797946%7Ctwgr%5Ed35c14ef1bded042ef15407ea6f1250441f298ac%7Ctwcon%5Es1_&ref_url=https%3A%2F%2Fwww.aajtak.in%2Findia%2Fnews%2Fstory%2Fram-navami-procession-murshidabad-west-bengal-stone-pelting-many-injured-mamta-banerjee-ntc-1923215-2024-04-18 वहीं इस मामले को लेकर सुवेंदु अधिकारी ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर राज्य में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हस्तक्षेप करने और रामनवमी शोभायात्रा के दौरान हुई हिंसा की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से जांच कराने की मांग की है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री के भड़काऊ भाषण की वजह से पश्चिम बंगाल के इलाकों में रामनवमी शोभायात्रा पर हमला किया गया। सीएम के भड़काऊ भाषण की वजह से कुछ शरारती तत्वों को इतना हौंसला मिल रहा है। इन लोगों को ये भरोसा मिल गया कि प्रशासन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगा। मैंने राज्यपाल सीवी आनंद बोस को पत्र लिखकर उनसे तत्काले मामले में हस्तक्षेप करने को कहा है और घटना की एनआईए जांच की मांग की है। साथ ही मैंने चुनाव आयोग से भी आग्रह किया है कि वे इस तरह के भड़काऊ भाषण को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ कार्रवाई करे।

ममता बनर्जी ने दी थी पहली ही चेतावनी

आपको बता दें यह घटना मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में रामनवमी पर दंगे भड़कने की चेतावनी के कुछ दिनों बाद हुई है। इस दौरान उन्होंने कहा था कि रामनवमी के मौके पर राज्य में दंगे भड़काने की साजिश रची जा रही है। ममता बनर्जी ने एक चुनावी रैली में आरोप लगाया था कि वे आज दंगे में शामिल होंगे। दंगा होने की संभावना है और वे दंगा करके और वोट लूटकर चुनाव जीतेंगे। पिछले साल बंगाल में रामनवमी समारोह में भी हिंसा हुई थी, जिससे भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच बड़े पैमाने पर टकराव हुआ था। इस दौरान पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा था कि आज भी, सिर्फ बीजेपी के निर्देश पर मुर्शिदाबाद के DIG को बदल दिया गया। अब अगर मुर्शिदाबाद और मालदा में दंगे होते हैं, तो उसकी जिम्मेदारी चुनाव आयोग को लेनी होगी। बीजेपी दंगे और हिंसा भड़काने के लिए पुलिस अधिकारियों को बदलना चाहती थी। अगर एक भी दंगा होता है, तो ईसीआई जिम्मेदार होगा क्योंकि वे यहां कानून व्यवस्था की देखभाल कर रहे हैं। West Bengal News

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होम लोन नहीं चुकाया तो कोई टेंशन नहीं, करें यह उपाय

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Home Loan
locationभारत
userचेतना मंच
calendar27 Nov 2025 03:34 AM
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Home Loan : शहर में होम लोन का चलन तेजी से बढ़ रहा है। अपना खुद का घर बनाने का सपना होम लोन से ही तो पूरा होता है। कई बार होम लोन की किश्त यानि ईएमआई समय पर नहीं दे पाते हैं। होम लोन की ईएमआई ना दे पाने के कारण अक्सर लोग बड़े तनाव में आ जाते हैं। तनाव में आकर होम लोन के मामले में गलती कार बैठते हैं। होम लोन के मामले में कभी भी टेंशन नहीं लेनी चाहिए। बस कुछ जरूरी उपाय करने हैं।

Home Loan

क्या हैं होम लाने के जरूरी उपाय

किसी भी कारण से होम लोन नहीं चुका पा रहे हैं  यानी EMI चुकाने में असफल रहते हैं तो इसके लिए भी कुछ उपाय हैं. ग्राहक ने जिस बैंक से होम लोन लिया है, वहां संपर्क करके अपनी वित्तीय प्राथमिकताओं के आधार पर होम लोन पुनर्गठित करने के तरीकों पर चर्चा कर सकते हैं. ग्राहक बैंक को अपनी परेशानी बता सकता है, साथ ही दस्तावेज सौंप सकते हैं. लोन का पुनर्गठन से कुछ महीनों तक EMI टालने या ईएमआई की राशि कम करने में मदद मिल सकती है. हालांकि ऐसे मामले में होम लोन की टेन्योर बढ़ जाएगा. इसके अलावा इसका सीधा हल ये है कि होम लोन की EMI को हरसंभव समय पर चुकाने की कोशिश करें. इसके लिए कोई फिक्स्ड डिपॉजिट है तो उसे तोड़ दें. कहीं भी निवेश है तो उसे निकाल EMI भर दें. इसके लिए परिवार या दोस्तों से उधार भी ले सकते हैं और बाद में अपनी सुविधा के अनुसार वापस कर सकते हैं।

रिकवरी एजेंट से ना डरें

लोन नहीं चुकाने पाने से वित्तीय संस्थाओं की ओर से रिकवरी एजेंट को भेजकर ग्राहक पर दबाव बनाया जाता है. उसे डराया-धमकाया भी जाता है. देशभर में रिकवरी एजेंट्स की मनमानी के कई मामले सामने आते रहते हैं. अगर आपको भी होम लोन चुकाने को लेकर रिकवरी एजेंट परेशान करे तो आप सीधे पुलिस से शिकायत कर सकते हैं. क्योंकि लोन की किस्त नहीं चुका पाना सिविल विवाद के दायरे में आता है, इसलिए डिफॉल्टर के साथ कोई मनमानी नहीं की जा सकती है. इसके अलावा आप को RBI को भी लिखित शिकायत दे सकते हैं।

सिक्योर होता है होम लोन

आपको बता दें कि कुछ लोग होम लोन (Home Loan) की EMI समय पर नहीं चुका पाते हैं. खासकर नौकरी छूटने या फिर मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में EMI भरने से चूक जाते हैं. क्या आपको पता है होम लोन की EMI नहीं चुकाने पर क्या होता है? कितनी EMI तक बैंक इंतजार करता है और फिर क्या एक्शन लेता है? दरअसल, होम लोन को सिक्‍योर लोन की कैटेगरी में रखा जाता है, इसलिए इसके बदले ग्राहक को गारंटी के तौर पर बैंक के पास किसी संपत्ति को गिरवी रखना होता है। अब आइए जानते हैं, होम लोन नहीं चुकाने पर RBI की गाइडलाइंस क्या है. अगर कोई ग्राहक होम लोन की पहली किस्त नहीं चुकाता है तो बैंक या वित्तीय संस्थान उसे गंभीरता से नहीं लेता है. बैंक को लगता है कि किसी कारणवश एक EMI में देरी हो रही है. लेकिन जब ग्राहक लगातार दो EMI नहीं भरता है, तो बैंक सबसे पहले एक रिमाइंडर भेजता है. इसके बाद भी ग्राहक तीसरी EMI की किस्त भुगतान करने में असफल रहता है तो बैंक फिर लोन चुकाने के लिए एक कानूनी नोटिस भेजता है। एक तरह से तीसरी EMI नहीं चुकाने के साथ बैंक कार्रवाई के मू़ड में आ जाता है. अगर कानूनी नोटिस के बाद लोन नहीं चुकाता है तो फिर बैंक ग्राहक को डिफॉल्टर घोषित कर देता है. साथ ही बैंक लोन अकाउंट को NPA मान लेता है. अन्य वित्तीय संस्थाओं के मामले में यह सीमा 120 दिन की होती है. इस समय सीमा के बाद बैंक वसूली प्रक्रिया के बारे में सोचने लगता है। सिक्‍योर्ड लोन में प्रॉपर्टी को गिरवी रखा जाता है, ताकि लोन न चुकाने पर बैंक उस प्रॉपर्टी को बेचकर लोन की भरपाई कर सके. हालांकि बैंक की तरफ से ये आखिरी विकल्प होता है. RBI की गाइंडलाइस के मुताबिक ग्राहक लोन को चुकाने के लिए काफी समय दिया जाता है. बैंक के पास अपने पैसे वापस लेने के लिए कानूनी तौर पर आखिरी विकल्प नीलामी होता है. नीलामी से मिली राशि को लोन की रकम की भरपाई की जाती है। मौटे तौर पर बैंक तीन महीने की ईएमआई नहीं चुकाने के बाद ग्राहक को दो महीने का और वक्त देता है. अगर ग्राहक इसमें भी चूक जाते हैं, तो बैंक ग्राहक संपत्ति के अनुमानित मूल्य के साथ नीलामी नोटिस भेजता है. अगर ग्राहक नीलामी की तारीख से पहले यानी नीलामी नोटिस मिलने के एक महीने बाद भी किश्त नहीं भरता है तो बैंक नीलामी औपचारिकताओं के साथ आगे बढ़ता है। हालांकि इन 6 महीने के भीतर ग्राहक किसी भी समय बैंक से संपर्क कर बकाया राशि का भुगतान कर मामले को सुलझा सकता है.  समय पर लोन नहीं चुकाने से सबसे बड़ा नुकसान ये होता है कि बैंक ग्राहक को डिफॉल्डर घोषित कर देता है. जिससे ग्राहक का सिबिल/क्रेडिट स्कोर खराब हो जाता है. सिबिल स्कोर खराब होने से भविष्य में किसी भी तरह के लोन मिलने में परेशानी होती है।

उत्तर प्रदेश ही नहीं पूरे देश का लाडला बेटा बन गया है आदित्य

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