Parliament House : 18 जनवरी 1927 को धूमधाम से हुआ था संसद भवन का उद्घाटन

Sansad
On January 18, 1927, the Parliament House was inaugurated with much fanfare.
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 09:07 AM
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नई दिल्ली। वर्तमान संसद भवन का उद्घाटन 96 साल पहले आज के ही दिन तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन ने किया था। इसी परिसर में नये संसद भवन का निर्माण किया जा रहा है, जो जल्द ही इसकी जगह ले सकता है।

Parliament House

रायसीना हिल क्षेत्र में स्थित ऐतिहासिक संसद भवन अपने आकर्षक गोलाकार डिजाइन और पहली मंजिल पर 144 बलुआ पत्थर के स्तंभों के साथ वास्तुशिल्प का एक बेजोड़ नमूना है। इस संसद भवन का उद्घाटन अंग्रेजों के शासन के दौरान नयी राजधानी नयी दिल्ली में बहुत धूमधाम से किया गया था।

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अभिलेखीय दस्तावेजों और दुर्लभ तस्वीरों के अनुसार 18 जनवरी, 1927 को इस संसद भवन के उद्घाटन के समय एक भव्य समारोह आयोजित किया गया था। इस संसद भवन को तब ‘काउंसिल हाउस’ कहा जाता था। संसद भवन की आधारशिला ब्रिटेन के ड्यूक ऑफ कनॉट ने 12 फरवरी, 1921 को रखी थी। 560 फीट के व्यास और एक-तिहाई मील की परिधि वाली इस इमारत को सर हर्बर्ट बेकर द्वारा डिजाइन किया गया था। बेकर को सर एडविन लुटियंस के साथ दिल्ली में नयी राजधानी को डिजाइन करने के लिए चुना गया था। पुस्तक ‘न्यू डेल्ही- मेकिंग ऑफ ए कैपिटल’ के अनुसार, लॉर्ड इरविन अपनी गाड़ी में ग्रेट प्लेस (अब विजय चौक) में स्थापित एक मंडप में पहुंचे थे। फिर ‘काउंसिल हाउस’ के दरवाजे को उस सुनहरी चाबी से खोला था, जो उन्हें सर हर्बर्ट बेकर ने सौंपी थी। संसद भवन को आज भारत के लोकतंत्र के मंदिर के रूप में जाना जाता है। इसके उद्घाटन की उस समय घरेलू और विदेशी प्रेस दोनों में काफी चर्चा हुई थी।

Parliament House

पिछले वर्ष संसद भवन में संसद के शीतकालीन सत्र की आखिरी बैठक 23 दिसंबर को हुई थी। सत्र निर्धारित समय से छह दिन पहले समाप्त हो गया था। चीन के साथ सीमा मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी दलों के सदस्यों ने सत्र के दौरान काफी हंगामा किया था जिससे कार्यवाही बार-बार स्थगित करनी पड़ी थी।

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देश के इतिहास में संसद भवन विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा का गवाह रहा है, जिसमें कुछ ऐतिहासिक और कुछ विवादास्पद भी रहे। अपनी 96 साल की यात्रा के दौरान संसद भवन ने 1947 में स्वतंत्रता की सुबह भी देखी। इसने प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के पहले भाषण की गूंज भी सुनी। साथ ही यह वर्तमान में निर्माणाधीन एक नये संसद भवन के शिलान्यास का गवाह भी बना। नये संसद भवन की नींव दिसंबर 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी थी। यह नया संसद भवन इसके पास ही बनाया जा रहा है। इसका कार्य शीतकालीन सत्र से पहले काम पूरा होने की उम्मीद थी। पहले इसका निर्माण कार्य पिछले साल 15 अगस्त को भारत के स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ के समय पर पूरा होने की उम्मीद थी। नये भवन में भारत की लोकतांत्रिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक भव्य संविधान हॉल, संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, भोजन करने की जगह और पर्याप्त पार्किंग स्थान भी होगा। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें। News uploaded from Noida
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Political News : दिल्ली विस में आप के विधायक ने दिखाई नोटों की गड्डी, खुद को रिश्वत की पेशकश का दावा किया

Note
AAP MLA shows bundle of notes in Delhi Assembly, claims he was offered bribe
locationभारत
userचेतना मंच
calendar18 Jan 2023 10:32 PM
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रोहिणी के बाबा साहेब आंबेडकर अस्पताल में अस्थायी कर्मचारियों की भर्ती में अनियमितताओं की शिकायत करते हुए महेन्द्र गोयल ने दावा किया कि उन्हें चुप कराने की कोशिश कर रहे कुछ ताकतवर लोगों से उनकी जान को खतरा है। नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक महेन्द्र गोयल ने बुधवार को सदन के अंदर नोटों की गड्डी दिखाया। उन्होंने दावा किया कि राजधानी के एक सरकारी अस्पताल में एक निजी ठेकेदार ने उन्हें रिश्वत देने की कोशिश की।

Rare Bats : छत्तीसगढ़ के कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में मिला दुर्लभ नारंगी रंग का चमगादड़

Political News

रोहिणी के बाबा साहेब आंबेडकर अस्पताल में अस्थायी कर्मचारियों की भर्ती में अनियमितताओं की शिकायत करते हुए महेन्द्र गोयल ने दावा किया कि उन्हें चुप कराने की कोशिश कर रहे कुछ ताकतवर लोगों से उनकी जान को खतरा है। आप विधायक ने कहा कि वह धमकियों से विचलित नहीं हुए और निजी ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। रिठाला से विधायक महेन्द्र गोयल ने सदन को बताया कि मुझे सुरक्षा की जरूरत है। मेरी जान को खतरा है।

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विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने इस मामले को गंभीर बताते हुए सदन की याचिका समिति के पास भेज दिया। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें। News uploaded from Noida  
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Rare Bats : छत्तीसगढ़ के कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में मिला दुर्लभ नारंगी रंग का चमगादड़

Bets 1
Rare orange colored bat found in Kanger Valley National Park, Chhattisgarh
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 07:15 AM
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जगदलपुर (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ के कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में नारंगी रंग का एक दुर्लभ चमगादड़ देखा गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान को चमगादड़ों की विभिन्न प्रजातियों का घर कहा जाता है।

Rare Bats

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाने वाले चमगादड़ों की प्रजातियों का पता लगाने के लिए जल्द ही एक सर्वेक्षण किया जाएगा। राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक धम्मशील गणवीर ने बताया कि बस्तर जिले में स्थित कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में पिछले तीन वर्षों में तीसरी बार 'पेंटेड बैट्स' नामक चमकीले नारंगी रंग का चमगादड़ देखा गया है। गणवीर ने बताया कि इस वर्ष नारंगी चमगादड़ सोमवार को पराली बोदल गांव में केले के खेत में देखा गया है। उन्होंने बताया कि लगभग दो सौ वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला उद्यान जैव विविधता से समृद्ध है। यहां कई बार जीवों की दुर्लभ प्रजातियों को देखे जाने की सूचना मिली है।

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अधिकारी ने बताया कि नारंगी रंग के इस चमगादड़ का वैज्ञानिक नाम ‘कैरिवॉला पिक्टा’ है। यह लुप्त होती प्रजाति है तथा आमतौर पर यह बांग्लादेश, बर्मा, कंबोडिया, चीन, भारत, इंडोनेशिया, मलेशिया, नेपाल, श्रीलंका, थाईलैंड और वियतनाम में देखा जाता है। गणवीर ने बताया कि भारत में यह अब तक पश्चिमी घाट, केरल, महाराष्ट्र, उड़ीसा और छत्तीसगढ़ के कांगेर घाटी में देखा गया है। उन्होंने बताया कि इससे पहले यह 2020 और 2022 में कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में देखा गया था। गणवीर ने बताया कि ये चमगादड़ सूखे इलाकों में रहना ज़्यादा पसंद करते हैं। केले के पत्तों के नीचे विश्राम करते हैं। पेंटेड बैट एरियल हॉकर है, मतलब यह हवा में उड़ते हुए ही कीड़े पकड़ते हैं। उन्होंने बताया कि हमने उद्यान में पाए जाने वाले चमगादड़ों की प्रजातियों का पता लगाने के लिए एक सर्वेक्षण शुरू करने और उसके अनुसार संरक्षण का उपाय करने का फैसला किया है।

Rare Bats

बस्तर के एक पक्षी विज्ञानी रवि नायडू ने बताया कि नारंगी चमगादड़ पहली बार नवंबर 2020 में कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में घायल हालत में पाया गया था। इसे बचाया गया और बाद में इसे इसके आवास में छोड़ दिया गया था। कांगेर घाटी में मिले नारंगी चमगादड़ पर उनका शोध पत्र 2020 में जर्नल ऑफ द वाइल्ड लाइफ प्रिजर्वेशन सोसायटी ‘चीतल’ में प्रकाशित हुआ था।

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नायडू वर्तमान में मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक परियोजना के लिए परियोजना सहायक के रूप में काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने छत्तीसगढ़ में चमगादड़ों की 26 प्रजातियों को देखा है और जल्द ही इस पर उनका शोध पत्र प्रकाशित होगा। ‘पेंटेड बैट्स’ की विशेषता चमकीले नारंगी और काले पंख तथा पीठ पर घने नारंगी फर है। उनके चेहरे पर बड़े-बड़े बाल होते हैं तथा कान बड़े और कीप के आकार के होते हैं। नायडू ने बताया कि भारत में चमगादड़ों की लगभग 131 प्रजातियां हैं, जिनमें से 31 मध्य भारत में पाई जाती हैं। कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान अपनी चूना पत्थर की गुफाओं के लिए प्रसिद्ध है, जो चमगादड़ों को उपयुक्त आवास प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि इससे पहले एक जीव विविधता सर्वेक्षण के दौरान बस्तर जिले में चमगादड़ों की 20 प्रजातियों की सूचना मिली थी, जिनमें से ज्यादातर कांगेर घाटी में थी। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें। News uploaded from Noida