उत्तर प्रदेश में IPS अधिकारियों की बड़ी अदला-बदली, कई जिलों की बदली कमान

IPS Transfer
UP News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 10:16 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश कैडर के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के पांच वरिष्ठ अधिकारियों का तबादला कर दिया गया है। इनमें से एक अधिकारी को केंद्र सरकार की प्रतिनियुक्ति के लिए कार्यमुक्त किया गया है, जबकि चार अन्य अफसरों को नए पदों की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाएंगे दिनेश कुमार पी

2009 बैच के आईपीएस दिनेश कुमार पी को केंद्र सरकार की सेवा में भेजा गया है। वह अब तक बस्ती रेंज के डीआईजी पद पर तैनात थे। उन्हें दिसंबर 2024 में इस पद की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। अब वह केंद्र में किसी अहम पद पर नियुक्त हो सकते हैं। तमिलनाडु के सलेम में जन्मे दिनेश 2011 में आईपीएस अधिकारी के रूप में सेवा में आए थे। उन्हें उत्कृष्ट सेवाओं के लिए कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है, जिनमें 2019 में डीजी प्रशंसा डिस्क सिल्वर, 2020 में गोल्ड और 2024 में प्लेटिनम डिस्क शामिल हैं।

संजीव त्यागी को मिली बस्ती की कमान

2010 बैच के आईपीएस संजीव त्यागी को अब बस्ती परिक्षेत्र का नया डीआईजी नियुक्त किया गया है। इससे पहले वह जेल प्रशासन एवं सुधार सेवाओं में डीआईजी के रूप में सेवाएं दे रहे थे। वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट में बतौर अपर पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) कार्यरत 2009 बैच के आईपीएस शिवासिम्मीप चनप्पा को गोरखपुर परिक्षेत्र का डीआईजी बनाया गया है।

आनंद कुलकर्णी को मुख्यालय की तकनीकी सेवाएं

वहीं, गोरखपुर परिक्षेत्र में तैनात 2008 बैच के वरिष्ठ अधिकारी आनंद सुरेश राव कुलकर्णी को अब मुख्यालय में तकनीकी सेवाएं विभाग का जिम्मा सौंपा गया है। तकनीकी सेवाएं, मुख्यालय में डीआईजी पद संभाल रहे 2010 बैच के आईपीएस शिवहरि मीना को अब वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट में अपर पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) बनाया गया है। इन तबादलों से उत्तर प्रदेश पुलिस महकमे में प्रशासनिक फेरबदल की एक नई कड़ी जुड़ी है। आने वाले दिनों में इन अधिकारियों के नेतृत्व में संबंधित क्षेत्रों में नई रणनीतियों और सख्त कानून व्यवस्था की उम्मीद की जा रही है। UP News

रिटायरमेंट की दहलीज पर प्रशांत कुमार लेकिन लंच लिस्ट से बाहर, DGP के लंच कार्ड से उठा सवाल

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यूपी में अजब पुलिस की गजब कहानी

Nakali police
UP News :
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 03:40 PM
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UP News : यूपी के मथुरा जिले में एक युवक बाजार से वर्दी और बैज खरीदकर बन गया पुलिस वाला। न कोई परीक्षा दी न ही किसी भर्ती प्रक्रिया में भाग लिया और वर्दी पहनकर बन गया पुलिसवाला। इस नकली पुलिसवाले की पोल तब खुली जब एसआई दीपक कुमार को मुखबिर से वर्दी की धांैस दिखाकर लोगों को परेशान करने की जानकारी मिली। यह खबर वाकई में हैरान कर देने वाली है। एक व्यक्ति, जिसने न तो पुलिस भर्ती परीक्षा दी और न ही किसी प्रकार की आधिकारिक ट्रेनिंग ली, वह सिर्फ वर्दी और बैज पहनकर पुलिसकर्मी बन बैठा! इस तरह की घटनाएं कई गंभीर सवाल खड़े करती हैं। सवाल न केवल सुरक्षा व्यवस्था पर, बल्कि समाज में वर्दी और पद की स्वीकार्यता पर भी। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बिंदु हैं जो इस घटना से सामने आते हैं:

1. वर्दी का प्रभाव

व्यक्ति ने वर्दी और सितारे पहनकर आम जनता को प्रभावित और भयभीत करना शुरू कर दिया। इससे साफ होता है कि लोगों के मन में वर्दी को लेकर गहरा सम्मान और डर दोनों है, जिसका कुछ लोग गलत फायदा उठा सकते हैं।

2. पुलिस की सतर्कता

मुखबिर से मिली जानकारी और स्थानीय पुलिस की तत्परता के कारण यह फर्जीवाड़ा जल्दी पकड़ में आ गया। एसआई दीपक कुमार की त्वरित कार्रवाई सराहनीय है।

3. नकली पहचान का खतरा

अगर यह व्यक्ति किसी अपराध में शामिल हो जाता या किसी को नुकसान पहुंचाता, तो इसका असर बहुत गंभीर हो सकता था। यह हमारे सिस्टम में ऐसे नकली पुलिसकर्मियों को पहचानने और रोकने की जरूरत को उजागर करता है।

4. समाज में 'इज्जत' की लालसा

आरोपी ने बताया कि वह समाज में इज्जत पाने के लिए ऐसा कर रहा था। यह दिखाता है कि कैसे कुछ लोग मान-सम्मान के लिए खतरनाक रास्ता चुन लेते हैं। हालांकि पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, जो कि जरूरी कदम है ताकि इस तरह के अन्य लोग इससे सबक लें। UP News

प्रशासनिक संरचना के लिए चेतावनी

यह घटना सिर्फ एक फजीर्वाड़ा नहीं, बल्कि हमारी सामाजिक और प्रशासनिक संरचना के लिए भी चेतावनी है। वर्दी और ओहदे की विश्वसनीयता बनी रहे, इसके लिए निगरानी और जन-जागरूकता दोनों जरूरी हैं। ऐसे मामले यदा कदा सामने आते रहते हैं इसलिए पुलिस तथा सुरक्षा विभाग को इस मामले में काफी सतर्कता बरतने की जरूरत है और अपने पूरे स्ट्रक्चर को लगातार खंगालने और निगरानी रखने की जरूरत है। UP News

किसानों के सच्चे मसीहा थे चौ. चरण सिंह

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रिटायरमेंट की दहलीज पर प्रशांत कुमार लेकिन लंच लिस्ट से बाहर, DGP के लंच कार्ड से उठा सवाल

UP DGP min
UP News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 05:03 AM
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UP News : उत्तर प्रदेश पुलिस के मौजूदा कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार (DGP Prashant Kumar) को लेकर इन दिनों एक सवाल लगातार चर्चा में बना हुआ है कि क्या उन्हें सेवा विस्तार मिलने वाला है? दरअसल, 31 मई को उत्तर प्रदेश से तीन डीजी रैंक के अफसर डीजी जेल पी.वी. राम शास्त्री, डीजी टेलीकॉम संजय एम. तरडे और डीजीपी प्रशांत कुमार रिटायर हो रहे हैं। इनके साथ-साथ तीन DIG रैंक के अफसर, जिनमें किरण यादव (DIG वूमेन पावरलाइन), अरविंद चतुर्वेदी (DIG विजिलेंस) और तेज स्वरूप सिंह (DIG, पुलिस मुख्यालय) भी रिटायर हो रहे हैं।

क्यों उठ रहे हैं सेवा विस्तार के सवाल?

पुलिस विभाग की परंपरा के मुताबिक, रिटायर हो रहे अधिकारियों को DGP की ओर से एक विदाई लंच या डिनर दिया जाता है, जिसका निमंत्रण डीजीपी के स्टाफ अफसर द्वारा जारी किया जाता है। 31 मई को 1:30 बजे पुलिस मुख्यालय में एक विदाई लंच आयोजित किया गया है। इस लंच के आमंत्रण पत्र में बाकी पांच रिटायर हो रहे अफसरों के नाम तो शामिल हैं, लेकिन प्रशांत कुमार का नाम नहीं है। यही बात अब कयासों को हवा दे रही है कि क्या यह संकेत है कि प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार मिलने वाला है?

अभी नहीं लगा पक्का मुहर

जानकारों की मानें तो, “रिटायरमेंट लंच का निमंत्रण DGP की ओर से ही जाता है और अगर डीजीपी खुद ही रिटायर हो रहे हों तो उनका नाम आमंत्रण में नहीं आना असामान्य नहीं है।” हालांकि, जब आधिकारिक तौर पर सेवा विस्तार का आदेश नहीं आया है, तब तक इसे केवल अटकल ही माना जा सकता है। प्रशांत कुमार का नाम विदाई लंच के आमंत्रण से गायब होना एक संकेत ज़रूर हो सकता है, लेकिन जब तक सरकार की तरफ से कोई स्पष्ट अधिसूचना नहीं आती, तब तक सेवा विस्तार की बातों को सिर्फ संभावना के दायरे में ही देखा जाना चाहिए। UP News

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