बरेलवी मौलाना ने मौलाना मदनी पर मुसलमानों को भड़काने का आरोप लगाया
रजवी ने कहा कि मदनी के हालिया बयान से मुसलमानों में अशांति फैल रही है और समाज को बांटने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने मुसलमानों से अपील की कि वे ऐसे विवादास्पद और भड़काऊ बयानों से खुद को दूर रखें।

UP News : हाल ही में आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी (बरेलवी) ने जमीयत उलमा-ए-हिंद के नेता मौलाना महमूद मदनी के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। रजवी ने कहा कि मदनी के हालिया बयान से मुसलमानों में अशांति फैल रही है और समाज को बांटने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने मुसलमानों से अपील की कि वे ऐसे विवादास्पद और भड़काऊ बयानों से खुद को दूर रखें।
मुसलमानों का भरोसा सुप्रीम कोर्ट, संसद और सरकार पर
रजवी ने यह भी कहा कि मुसलमानों का भरोसा सुप्रीम कोर्ट, संसद और सरकार पर है, और वर्तमान में भारत में शांति और अमन कायम है। उनका मानना है कि कोई भी सरकार जनता के हितों के खिलाफ काम नहीं करती और सभी फैसले संविधान के तहत होते हैं। कोई भी सरकार संविधान के खिलाफ मुसलमानों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं कर सकती। इसलिए मदनी अपने वक्तव्यों से बाज आएं और मुसलमान किसी बहकावे में न आएं।
महमूद मदनी का दृष्टिकोण
मौलाना मदनी ने भोपाल में जमीयत उलमा-ए-हिंद की बैठक में कहा कि जिहाद शब्द का दुरुपयोग किया जा रहा है और मुसलमानों के खिलाफ नकारात्मक धारणाएं बढ़ रही हैं। उनका कहना था कि जब अन्याय होगा, तब जिहाद की आवश्यकता पड़ेगी। मदनी ने पिछले कुछ वर्षों में जैसे बाबरी मस्जिद, तीन तलाक और अन्य मामलों में अदालतों के फैसलों को लेकर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि कभी-कभी न्यायपालिका सरकार के दबाव में काम करती है। यह विवाद धार्मिक नेतृत्व के दृष्टिकोणों का टकराव दर्शाता है। रजवी समाजिक स्थिरता पर जोर देते हैं, जबकि मदनी न्याय और धार्मिक अधिकारों पर फोकस करते हैं।
UP News : हाल ही में आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी (बरेलवी) ने जमीयत उलमा-ए-हिंद के नेता मौलाना महमूद मदनी के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। रजवी ने कहा कि मदनी के हालिया बयान से मुसलमानों में अशांति फैल रही है और समाज को बांटने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने मुसलमानों से अपील की कि वे ऐसे विवादास्पद और भड़काऊ बयानों से खुद को दूर रखें।
मुसलमानों का भरोसा सुप्रीम कोर्ट, संसद और सरकार पर
रजवी ने यह भी कहा कि मुसलमानों का भरोसा सुप्रीम कोर्ट, संसद और सरकार पर है, और वर्तमान में भारत में शांति और अमन कायम है। उनका मानना है कि कोई भी सरकार जनता के हितों के खिलाफ काम नहीं करती और सभी फैसले संविधान के तहत होते हैं। कोई भी सरकार संविधान के खिलाफ मुसलमानों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं कर सकती। इसलिए मदनी अपने वक्तव्यों से बाज आएं और मुसलमान किसी बहकावे में न आएं।
महमूद मदनी का दृष्टिकोण
मौलाना मदनी ने भोपाल में जमीयत उलमा-ए-हिंद की बैठक में कहा कि जिहाद शब्द का दुरुपयोग किया जा रहा है और मुसलमानों के खिलाफ नकारात्मक धारणाएं बढ़ रही हैं। उनका कहना था कि जब अन्याय होगा, तब जिहाद की आवश्यकता पड़ेगी। मदनी ने पिछले कुछ वर्षों में जैसे बाबरी मस्जिद, तीन तलाक और अन्य मामलों में अदालतों के फैसलों को लेकर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि कभी-कभी न्यायपालिका सरकार के दबाव में काम करती है। यह विवाद धार्मिक नेतृत्व के दृष्टिकोणों का टकराव दर्शाता है। रजवी समाजिक स्थिरता पर जोर देते हैं, जबकि मदनी न्याय और धार्मिक अधिकारों पर फोकस करते हैं।







