उत्तर प्रदेश पुलिस में बड़ा घोटाला! CO की 100 करोड़ की संपत्ति से उठा पर्दा

उत्तर प्रदेश पुलिस में बड़ा घोटाला! CO की 100 करोड़ की संपत्ति से उठा पर्दा
locationभारत
userचेतना मंच
calendar04 Nov 2025 10:02 AM
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उत्तर प्रदेश पुलिस के सर्किल अधिकारी (सीओ) ऋषिकांत शुक्ला इन दिनों सुर्खियों में हैं, वजह है उनकी कानपुर पोस्टिंग के दौरान खड़ी की गई 100 करोड़ की कथित बेनामी संपत्ति। आरोप है कि शुक्ला ने अपने परिवार, साझेदारों और भरोसेमंद लोगों के नाम पर करोड़ों रुपये की जमीन, दुकानें और अन्य संपत्तियां खड़ी कीं। SIT जांच में खुलासा हुआ है कि उनकी ज्यादातर संपत्ति बेनामी निवेश के ज़रिए बनाई गई है। बताया जाता है कि ऋषिकांत शुक्ला ने साल 1998 में उत्तर प्रदेश पुलिस में दारोगा के पद पर नौकरी शुरू की थी। लेकिन उनकी असली “तरक्की” हुई कानपुर में, जहां वे लगभग दस साल तक लगातार तैनात रहे। पहले 1998 से 2006 तक और फिर 2006 से 2009 तक। इतनी लंबी पोस्टिंग और इतनी बड़ी संपत्ति ने अब पूरे महकमे में भ्रष्टाचार पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।    UP News

कानपुर में बना काला साम्राज्य

जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि उत्तर प्रदेश पुलिस अधिकारी ऋषिकांत शुक्ला की नजदीकियां कानपुर में तैनाती के दौरान एक स्थानीय कारोबारी अखिलेश दुबे से बढ़ीं। यह वही व्यक्ति है, जिस पर फर्जी मुकदमे दर्ज कराने, वसूली और जमीन कब्जाने जैसे संगठित अपराधों में शामिल होने के आरोप हैं। SIT की रिपोर्ट बताती है कि दुबे ने शहर में एक मजबूत नेटवर्क बना रखा था, जिसमें कुछ पुलिस कर्मियों, केडीए और अन्य सरकारी विभागों के अधिकारी भी उसकी मदद करते थे। यही नेटवर्क सालों तक कानपुर में दबदबा बनाए रखने और अवैध कमाई के खेल को चलाने में कामयाब रहा।    UP News

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बेनामी संपत्ति का जाल

SIT जांच में सामने आया है कि उत्तर प्रदेश पुलिस अधिकारी ऋषिकांत शुक्ला ने कानपुर के आर्यनगर इलाके में 11 दुकानें खरीदीं, जो उनके करीबी सहयोगी देवेंद्र दुबे के नाम पर दर्ज हैं। जांच एजेंसियों का मानना है कि ये सभी बेनामी संपत्तियां हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि शुक्ला और उनके परिवार से जुड़ी कुल 12 बड़ी संपत्तियों की बाजार कीमत लगभग 92 करोड़ रुपये आंकी गई है, जबकि तीन अन्य संपत्तियों के दस्तावेज अभी तक जांच टीम को नहीं मिल सके हैं। एसआईटी ने साफ तौर पर कहा है कि शुक्ला की घोषित आय और असली संपत्ति के बीच गहरा अंतर है। रिपोर्ट के मुताबिक, उनकी आधिकारिक आय के स्रोतों से इतनी बड़ी संपत्ति अर्जित करना किसी भी तरह संभव नहीं लगता, जिससे यह मामला और ज्यादा संदिग्ध हो गया है।    UP News

अब होगी विजिलेंस जांच

मामले की गंभीरता को देखते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस ने अब सख्ती का रुख अपना लिया है। अपर पुलिस महानिदेशक (प्रशासन) ने, डीजीपी की मंजूरी के बाद, सीओ ऋषिकांत शुक्ला के खिलाफ विजिलेंस जांच की सिफारिश की है। माना जा रहा है कि जांच में दोष साबित होने पर उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल शुक्ला मैनपुरी जिले में पुलिस उपाधीक्षक के पद पर तैनात हैं, लेकिन विभागीय हलकों में यह चर्चा तेज है कि अगर जांच रिपोर्ट में भ्रष्टाचार की पुष्टि होती है, तो यह मामला उत्तर प्रदेश पुलिस सेवा के सबसे बड़े घोटालों में से एक बन सकता है।  UP News

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हरदोई लव कांड: इश्क में पागलपन, आग और झूठ की पूरी कहानी आई सामने

हरदोई लव कांड: इश्क में पागलपन, आग और झूठ की पूरी कहानी आई सामने
locationभारत
userचेतना मंच
calendar04 Nov 2025 09:37 AM
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उत्तर प्रदेश के हरदोई से एक चौंकाने वाली प्रेम कहानी सामने आई है, जिसने पुलिस से लेकर आम लोगों तक को स्तब्ध कर दिया। यहां एक युवक ने बेवफाई के दर्द में ऐसा कदम उठा लिया, जिसकी कल्पना भी कोई नहीं कर सकता था। उत्तर प्रदेश के हरदोई स्तिथ कोतवाली देहात क्षेत्र के बरगांव निवासी 22 वर्षीय राघवेंद्र ने अपनी प्रेमिका को किसी और के साथ देख लिया और बस, उसी पल  मानों उसकी जिंदगी जैसे थम सी गई हो। गुस्से, आक्रोश और टूटे दिल के बीच उसने ऐसा निर्णय ले लिया, जो किसी फिल्मी ट्रैजेडी से कम नहीं था। उसने अपनी बाइक के टैंक से पेट्रोल निकाला और खुद को आग के हवाले कर दिया।  UP News

झूठ की पटकथा

उत्तर प्रदेश के हरदोई में इस इश्क कांड का दूसरा अध्याय और भी ज्यादा रोचक निकला। आग से बुरी तरह झुलसने के बाद भी राघवेंद्र किसी तरह आठ किलोमीटर दूर बिलग्राम चुंगी स्थित अस्पताल तक पहुंच गया, जहां वह बतौर लैब असिस्टेंट काम करता था। वहां उसने जो कहानी सुनाई, उसने पुलिस से लेकर अस्पताल स्टाफ तक सभी को हैरत में डाल दिया। राघवेंद्र ने दावा किया कि दो नकाबपोश युवकों ने उस पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। जैसे ही यह खबर फैली, पूरे उत्तर प्रदेश पुलिस महकमे में खलबली मच गई।    UP News

सीओ सिटी अंकित मिश्रा के नेतृत्व में जांच की कमान संभाली गई। मौके पर पुलिस की कई टीमें सक्रिय हो गईं आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए, मोबाइल लोकेशन ट्रेस की गई और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस शुरू हुआ। लेकिन जैसे-जैसे जांच गहराई में गई, राघवेंद्र की कहानी की चमक फीकी पड़ने लगी। सच की परतें खुलीं तो सामने आया कि जो कहानी उसने सुनाई थी, वो महज एक झूठी पटकथा थी।  UP News

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सीसीटीवी ने खोल दी सच्चाई की गुत्थी

उत्तर प्रदेश पुलिस की  जांच ने आखिरकार उस कहानी की पोल खोल दी, जिसने पूरे हरदोई को झकझोर कर रख दिया था। इलाके के हर सीसीटीवी कैमरे को जब खंगाला गया, तब न तो कोई संदिग्ध शख्स दिखा और न ही किसी तरह के संघर्ष या हमले के निशान मिले। यहीं से पुलिस को अंदाज़ा हो गया कि यह मामला वैसा नहीं है जैसा दिखाया जा रहा था  यह कोई हमला नहीं, बल्कि एक सोची-समझी आत्मदाह की कोशिश थी।    UP News

जांच में सामने आया कि राघवेंद्र, जिसने बेवफाई के दर्द में खुद को आग के हवाले किया था, बाद में शर्म और डर के कारण अपनी बनाई हुई झूठी कहानी पर टिक गया। उसने यह सब इसलिए गढ़ा ताकि लोग उसकी असली कमजोरी प्यार में मिले धोखे को न जान पाएं। दिलचस्प बात यह रही कि उसके परिवार ने भी पुलिस को यही बताया कि दो अज्ञात युवकों ने हमला किया और भाग निकले, लेकिन जब उत्तर प्रदेश पुलिस ने इलाके के फुटेज और गवाहों की बारीकी से जांच की, तो सच पूरी तरह सामने आ गया न कोई हमलावर था, न कोई झगड़ा, सब कुछ एक दुखद प्रेम नाटक की ही परिणति थी।  UP News

पुलिस की अपील

सीओ सिटी अंकित मिश्रा ने बताया कि जांच में यह पूरी तरह स्पष्ट हो गया है कि युवक ने खुद को आग लगाई थी, किसी ने उस पर हमला नहीं किया। फिलहाल उसकी हालत नाज़ुक बनी हुई है और उसे लखनऊ ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया है। पुलिस ने जनता से अपील की है कि बेवजह झूठी सूचनाएं देने या अफवाह फैलाने से बचें, क्योंकि इससे न केवल संसाधन बर्बाद होते हैं, बल्कि समाज में भय और अव्यवस्था फैलती है।    UP News

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उत्तर प्रदेश में पीएम किसान सम्मान निधि योजना में बड़ा खुलासा

उत्तर प्रदेश में पीएम किसान सम्मान निधि योजना में बड़ा खुलासा
locationभारत
userचेतना मंच
calendar03 Nov 2025 07:01 PM
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उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में एक बड़ी अनियमितता सामने आई है। योजना के तहत किसानों को सालभर में 6000 रुपये की सहायता मिलती है, लेकिन लाखों रुपये का लाभ उठाने के लिए कुछ आयकरदाता किसान अपात्र होने के बावजूद इस योजना का लाभ ले रहे थे। जांच के दौरान पता चला कि 3600 ऐसे किसान हैं जिन्होंने फर्जी तरीके से योजना का लाभ लिया था। UP News

कैसे हुआ खुलासा?

उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में रजिस्ट्री कार्य के दौरान किसानों की भूमि से संबंधित डेटा ऑनलाइन दर्ज किया जा रहा था। इस दौरान, रायबरेली में 10,000 से अधिक पति-पत्नी ने एक साथ पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ उठाया। जांच में सामने आया कि कई ऐसे आयकरदाता किसान इस योजना का लाभ ले रहे थे जो इसके लिए योग्य नहीं थे।

क्या हुआ उसके बाद?

उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में जांच पर इन किसानों की किस्तें रोकी गईं और कृषि विभाग ने अब तक 18 लाख रुपये की रिकवरी कर ली है। खास बात यह है कि पति-पत्नी में से केवल एक को ही योजना का लाभ मिलने का प्रावधान है, लेकिन कई मामलों में दोनों ने फर्जी तरीके से इसका लाभ लिया। इसके बाद, विभाग ने इन किसानों से रिकवरी की प्रक्रिया शुरू कर दी और उनकी किस्तों को रोक दिया गया।

कृषि विभाग की कार्रवाई

उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में अब तक, 3600 आयकरदाता किसानों से 18 लाख रुपये की वसूली की जा चुकी है। इसके अलावा, कृषि विभाग ने फार्मर रजिस्ट्री प्रक्रिया को भी प्राथमिकता दी है, ताकि इस तरह की अनियमितताएं फिर से ना हों।

अगला कदम

उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में इस खुलासे के बाद, जिला प्रशासन ने ऐसे किसानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है। इसके साथ ही, योजना के सही लाभार्थियों को सही समय पर और बिना किसी रुकावट के लाभ मिल सके, इसके लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे।