Delhi NCR News : दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी की सरकार को मध्य लिंगी (Intersex) शिशुओं की लिंग निर्धारण सर्जरी से संबंधित मसौदा नीति की स्थिति के बारे में ताजा रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।
दिल्ली सरकार के वकील ने उच्च न्यायालय को सूचित किया कि इस तरह का मसौदा तैयार करने के लिए स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (DGHS) ने मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (MAMC) के डीन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। इसके बाद अदालत ने यह आदेश पारित किया।
Delhi NCR News in Hindi
अवमानना कार्रवाई की मांग वाली याचिका पर थी सुनवाई
अदालत उच्च न्यायालय के 27 जुलाई, 2022 के आदेश का कथित रूप से अनुपालन न करने के लिए दिल्ली सरकार के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी। उस आदेश में सरकार को लिंग निर्धारण सर्जरी के मुद्दे पर दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (DCPCR) द्वारा की गई सिफारिशों पर उचित निर्णय लेने के लिए आठ सप्ताह का समय दिया गया था।
न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने हालिया आदेश में कहा कि 25 अगस्त, 2023 के पत्र को ध्यान में रखते हुए, मैं अवमानना नोटिस जारी करने का इच्छुक नहीं हूं। प्रतिवादी (दिल्ली सरकार) मसौदा नीति की स्थिति के बारे में अद्यतन (Updated) स्थिति रिपोर्ट दाखिल करे। मामले की अगली सुनवाई आठ सप्ताह बाद होगी।
लिंग निर्धारण सर्जरी पर प्रतिबंध लगाने की मांग
Delhi NCR News : मुख्य याचिका में DCPCR ने सिफारिश की थी कि दिल्ली सरकार को जानलेवा स्थितियों को छोड़कर मध्य लिंगी शिशुओं की चिकित्सकीय रूप से अनावश्यक लिंग निर्धारण सर्जरी पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा करनी चाहिए।
गैर-सरकारी वित्त पोषित ट्रस्ट ‘सृष्टि मदुरै एजुकेशनल रिसर्च फाउंडेशन’ द्वारा दायर जनहित याचिका में DCPCR की सिफारिशों को लागू करने और ऐसी सर्जरी पर प्रतिबंध लगाने के लिए सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है।
अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि अदालत के निर्देशों के बावजूद प्रतिवादियों ने कोई कार्रवाई नहीं की।
ISRO News : अमेजन वेब सर्विसेज का इसरो, इन-स्पेस के साथ करार
देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें।
ग्रेटर नोएडा – नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें।