<span style="color: #4c83f5"> Excise Policy Scam </span> सीबीआई दाखिल की चार्जशीट, सिसोदिया का नाम नहीं

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Excise Policy Scam
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 02:59 AM
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Excise Policy Scam: दिल्ली की शराब नीति को लेकर चल रहे विवाद के बीच शुक्रवार को सीबीआई ने 10 हजार पन्नों की चार्जशीट को कोर्ट में दाखिल कर दिया है। इस चार्जशीट में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का नाम नहीं है। सीबीआई ने चार्जशीट में जिन्हें आरोपी बनाया है उनके नाम हैं, विजय नायर, अभिषेक बोइनपल्ली, समीर महेंद्रु, अरुण रामचंद्र पिल्लई, मुथा गौतम, एक्साइज डिपार्टमेंट डिप्टी कमिश्नर कुलदीप सिंह और एक्साइज डिपार्टमेंट के असिस्टेंट कमिश्नर नरेंद्र सिंह।

Excise Policy Scam

सीबीआई की तरफ से यह चार्जशीट दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में दाखिल की गई है। ये वही कोर्ट है जहां पहले से इस मामले की सुनवाई चल रही है। सीबीआई ने जानकारी दी है कि कुल 7 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया है जिससे से 3 सरकारी अधिकारी हैं। साथ ही जांच एजेंसी ने बताया कि इस मामले में मनीष सिसोदिया के खिलाफ जांच चल रही है।

चार्जशीट पर आम आदमी पार्टी की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई है। पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने सिसोदिया के चार्जशीट में नाम नहीं होने पर कहा कि ये दिल्ली के लोगों की जीत है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'सत्यमेव जयते! CBI की चार्जशीट में सिसोदिया का नाम नहीं है। इतिहास में पहली बार, जिसे आरोपी नंबर 1 बताया, उनका नाम चार्जशीट में नहीं है। जिस व्यक्ति ने ग़रीब के बच्चों को डॉक्टर-इंजीनियर बनाया, उस व्यक्ति को BJP ने 6 महीने गालियां दी। ये दिल्ली के लोगों की जीत है।'

उन्होंने कहा, CBI को एक साक्ष्य नहीं मिला. साबित हो गया, पूरा का पूरा केस फर्जी था। सिर्फ गुजरात और एमसीडी चुनाव में AAP को बदनाम करने के लिए दिनभर BJP झूठी प्रेस कॉन्फ्रेंस करती थी। दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को नई आबकारी नीति को लागू किया था, लेकिन करप्शन के आरोपों के बीच सितंबर, 2022 के अंत में इसे रद्द कर दिया था।

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar25 Nov 2022 09:05 PM
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New Delhi News :  नई दिल्ली। भारत की राजधानी दिल्ली के एक धार्मिक नेता के फतवे ने बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। सवाल यह है कि क्या पुरूषवादी सोच के लोग बिना महिला के पुरूष पैदा कर लेंगे? आपको बताते चलें कि आधुनिक 21वीं सदी में भी कुछ लोगों की सोच महिलाओं के प्रति अभी 18वीं सदी जैसी है। ये लोग महिला को अबला, कमजोर और नासमझ समझते हैं। इसलिए गाहे बगाहे उनके लिए नए नए फतवे जारी करते रहते हैं।

New Delhi News :

ताजा मामला दिल्ली की जामा मस्जिद से जुड़ा है। जामा मस्जिद के शाही इमाम ने फतवा जारी कर दिया कि अकेली महिला का जामा मस्जिद में प्रवेश करना मना है। इस पर हंगामा होना ही था। सामाजिक संगठनों, मीडिया और नारीवादी संस्थाओं ने इस फतवे के विरोध में आवाज उठाई। यहां तक कि महिला आयोग और दिल्ली के उपराज्यपाल ने भी शाही इमाम को पत्र लिखकर इस निर्णय को वापिस लेने की मांग की। चारों तरफ से घिरने पर जामा मस्जिद प्रबंधन ने अपना यह फैसला वापिस तो ले लिया है किन्तु य़ह अपने पीछे कई सवाल छोड़ गया है। आखिर महिला के प्रति पुरुष की सोच कब बदलेगी? आज कौन सा क्षेत्र ऐसा है जहां महिलाओं ने अपनी सफ़लता के झंडे नही गाड़े हैं। और हम हैं कि उन्हें अभी भी पुरुष के अधीनस्थ ही रखना चाहते हैं। हम क्यों भूल जाते हैं कि महिलाएं न होती तो पुरूष पैदा ही नहीं हो सकते। बड़ा सवाल यही है कि क्या महिला के बिना ही पैदा हो जाएंगे पुरूष?

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