यमुना का जलस्तर घटा, बाढ़ से कई राज्य प्रभावित – पीएम मोदी करेंगे दौरा

दिल्ली में यमुना का उफान राजधानीवासियों के लिए लगातार खतरे की घंटी बजा रहा है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर शनिवार को कल की तुलना में कम हो गया, लेकिन खतरे का स्तर अभी भी बरकरार है। अधिकारियों के अनुसार, पुराना रेलवे पुल (ओल्ड रेलवे ब्रिज) पर शनिवार सुबह यमुना का जलस्तर 206.47 मीटर दर्ज किया गया, जबकि शुक्रवार सुबह यह 207.33 मीटर था। दिल्ली में इसे लोहा पुल के नाम से भी जाना जाता है। उत्तर भारत के कई राज्य जैसे दिल्ली, पंजाब और हरियाणा इस समय बाढ़ की चपेट में हैं, जिसमें सबसे अधिक नुकसान पंजाब में हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा लेंगे। Delhi Flood
जनजीवन प्रभावित, सुरक्षित स्थानों पर शिफ्टिंग
दिल्ली में यमुना का जलस्तर अभी भी चेतावनी के निशान 204.50 मीटर से ऊपर है। नदी के तटीय इलाकों से लोगों को 206 मीटर के स्तर से ही सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है। पुराना रेलवे पुल बाढ़ पूर्वानुमान केंद्र के रूप में भी महत्वपूर्ण माना जाता है और यहां से मिलने वाले डेटा पर हमेशा निगरानी रखी जाती है। दिल्ली प्रशासन ने निचले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए अस्थायी आवास बनाए हैं। मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस-वे, मयूर विहार और कश्मीरी गेट सहित कई स्थानों पर टेंट लगाकर राहत कार्य शुरू किया गया है। हरियाणा के यमुनानगर में हथिनीकुंड बैराज से सुबह नौ बजे 50,629 क्यूसेक और वज़ीराबाद बैराज से लगभग 1,17,260 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। हथिनीकुंड से पानी दिल्ली पहुंचने में करीब 48 से 50 घंटे का समय लेता है। Delhi Flood
पंजाब में बाढ़ का रिकॉर्ड, 2000 गांव प्रभावित
भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड के चेयरमैन मनोज त्रिपाठी ने बताया कि 1988 के बाद पंजाब में चार बार अत्यधिक वर्षा हुई, लेकिन इस बार इतना पानी कभी नहीं आया। उन्होंने कहा कि 1988 में पौंग बांध में 7.9 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी आया था, जबकि इस साल यह आंकड़ा 11.7 बीसीएम तक पहुंच गया है। पंजाब में करीब 2,000 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी जल्द ही बाढ़ प्रभावित राज्यों का दौरा करेंगे। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और हरियाणा के कई हिस्से सबसे अधिक प्रभावित हैं। इस बार राहत और बचाव कार्य में सेना की मदद भी ली गई है। शुक्रवार को झज्जर के बहादुरगढ़ में सेना के 80 जवानों ने मोर्चा संभाला। फरीदाबाद में यमुना, सिरसा में घग्गर, कुरुक्षेत्र में मारकंडा और अंबाला में टांगरी नदी पूरी उफान पर हैं।
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हिमाचल और राजस्थान में भी संकट
यमुनानगर के हथिनीकुंड बैराज का जलस्तर शुक्रवार को 106 घंटे बाद खतरे के निशान से नीचे आ गया और बैराज के फ्लड गेट खोले गए। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर बनी सुरंग का दक्षिणी हिस्सा धंस गया है। कुल्लू में इनर अखाड़ा बाजार के मलबे से तीन शव बरामद हुए हैं। किन्नौर जिले के लिप्पा गांव में बाढ़ से मलबे और पत्थरों ने कृत्रिम झील बना दी। चंबा जिले में फंसे मणिमहेश श्रद्धालुओं को वायुसेना के दो चिनूक हेलीकॉप्टरों ने 12 उड़ानों में 524 लोगों को सुरक्षित निकाल कर बचाया। राजस्थान में लगातार बारिश के कारण दौसा जिले का मोरल बांध पूरी तरह भर गया, जिससे बांध की दीवार टूट गई और आसपास के इलाके जलमग्न हो गए। Delhi Flood
दिल्ली में यमुना का उफान राजधानीवासियों के लिए लगातार खतरे की घंटी बजा रहा है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर शनिवार को कल की तुलना में कम हो गया, लेकिन खतरे का स्तर अभी भी बरकरार है। अधिकारियों के अनुसार, पुराना रेलवे पुल (ओल्ड रेलवे ब्रिज) पर शनिवार सुबह यमुना का जलस्तर 206.47 मीटर दर्ज किया गया, जबकि शुक्रवार सुबह यह 207.33 मीटर था। दिल्ली में इसे लोहा पुल के नाम से भी जाना जाता है। उत्तर भारत के कई राज्य जैसे दिल्ली, पंजाब और हरियाणा इस समय बाढ़ की चपेट में हैं, जिसमें सबसे अधिक नुकसान पंजाब में हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा लेंगे। Delhi Flood
जनजीवन प्रभावित, सुरक्षित स्थानों पर शिफ्टिंग
दिल्ली में यमुना का जलस्तर अभी भी चेतावनी के निशान 204.50 मीटर से ऊपर है। नदी के तटीय इलाकों से लोगों को 206 मीटर के स्तर से ही सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है। पुराना रेलवे पुल बाढ़ पूर्वानुमान केंद्र के रूप में भी महत्वपूर्ण माना जाता है और यहां से मिलने वाले डेटा पर हमेशा निगरानी रखी जाती है। दिल्ली प्रशासन ने निचले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए अस्थायी आवास बनाए हैं। मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस-वे, मयूर विहार और कश्मीरी गेट सहित कई स्थानों पर टेंट लगाकर राहत कार्य शुरू किया गया है। हरियाणा के यमुनानगर में हथिनीकुंड बैराज से सुबह नौ बजे 50,629 क्यूसेक और वज़ीराबाद बैराज से लगभग 1,17,260 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। हथिनीकुंड से पानी दिल्ली पहुंचने में करीब 48 से 50 घंटे का समय लेता है। Delhi Flood
पंजाब में बाढ़ का रिकॉर्ड, 2000 गांव प्रभावित
भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड के चेयरमैन मनोज त्रिपाठी ने बताया कि 1988 के बाद पंजाब में चार बार अत्यधिक वर्षा हुई, लेकिन इस बार इतना पानी कभी नहीं आया। उन्होंने कहा कि 1988 में पौंग बांध में 7.9 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी आया था, जबकि इस साल यह आंकड़ा 11.7 बीसीएम तक पहुंच गया है। पंजाब में करीब 2,000 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी जल्द ही बाढ़ प्रभावित राज्यों का दौरा करेंगे। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और हरियाणा के कई हिस्से सबसे अधिक प्रभावित हैं। इस बार राहत और बचाव कार्य में सेना की मदद भी ली गई है। शुक्रवार को झज्जर के बहादुरगढ़ में सेना के 80 जवानों ने मोर्चा संभाला। फरीदाबाद में यमुना, सिरसा में घग्गर, कुरुक्षेत्र में मारकंडा और अंबाला में टांगरी नदी पूरी उफान पर हैं।
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हिमाचल और राजस्थान में भी संकट
यमुनानगर के हथिनीकुंड बैराज का जलस्तर शुक्रवार को 106 घंटे बाद खतरे के निशान से नीचे आ गया और बैराज के फ्लड गेट खोले गए। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर बनी सुरंग का दक्षिणी हिस्सा धंस गया है। कुल्लू में इनर अखाड़ा बाजार के मलबे से तीन शव बरामद हुए हैं। किन्नौर जिले के लिप्पा गांव में बाढ़ से मलबे और पत्थरों ने कृत्रिम झील बना दी। चंबा जिले में फंसे मणिमहेश श्रद्धालुओं को वायुसेना के दो चिनूक हेलीकॉप्टरों ने 12 उड़ानों में 524 लोगों को सुरक्षित निकाल कर बचाया। राजस्थान में लगातार बारिश के कारण दौसा जिले का मोरल बांध पूरी तरह भर गया, जिससे बांध की दीवार टूट गई और आसपास के इलाके जलमग्न हो गए। Delhi Flood







