Noida News : अब आईटी/आईटीएस पार्कों में भी छलकेंगे जाम !

Noida News :
नोएडा में करीब 18 ऐसे आईटी/आईटीईएस भूखंड है जो 20 हजार वर्गमीटर से बड़े भूखंड है। इन पर आईटी पार्क बने हुए है। यहां चल रहे कैंटीन और रेस्टोरेंट में बार खोला जा सकता है। हालांकि इसके लिए उन्हे बार लाइसेंस के सभी गाइडलाइन का पालन करना होगा। जिसमें उनके पास करीब 1 हजार वर्गमीटर का एरिया होना जरुरी है। वहीं दो से तीन और भूखंड है जिनकी योजना चल रही है। क्या कहते हैं आबकारी अधिकारी ? गौतमबुद्धनगर के आबकारी अधिकारी राकेश बहादुर सिंह ने कहा कि मौजूदा रेस्तरां में बार की अनुमति देना नोएडा प्राधिकरण का एक अच्छा कदम है। यह अब एक वर्जित विषय नहीं है और गुरुग्राम और बेंगलुरु जैसी जगहों पर पहले से ही उनके आईटी हब में बार की अनुमति है। नोएडा में आईटी और आईटीईएस पार्कों में कई रेस्तरां हैं और वे बार लाइसेंस चाहते हैं, लेकिन प्राधिकरण के प्रतिबंधों के कारण, हम उन्हें अनुमति नहीं देते थे। लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि अंतिम निर्णय जिला शराब बार समिति द्वारा लिया जाता है, जिसके अध्यक्ष जिला मजिस्ट्रेट होते हैं। जबकि प्राधिकरण, पुलिस और आबकारी के अधिकारी इसके सदस्य होते हैं।Delhi Kanjhawala Case Inside Story वह फैक्ट्स जो आपको कर देंगे हैरान
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नोएडा में करीब 18 ऐसे आईटी/आईटीईएस भूखंड है जो 20 हजार वर्गमीटर से बड़े भूखंड है। इन पर आईटी पार्क बने हुए है। यहां चल रहे कैंटीन और रेस्टोरेंट में बार खोला जा सकता है। हालांकि इसके लिए उन्हे बार लाइसेंस के सभी गाइडलाइन का पालन करना होगा। जिसमें उनके पास करीब 1 हजार वर्गमीटर का एरिया होना जरुरी है। वहीं दो से तीन और भूखंड है जिनकी योजना चल रही है। क्या कहते हैं आबकारी अधिकारी ? गौतमबुद्धनगर के आबकारी अधिकारी राकेश बहादुर सिंह ने कहा कि मौजूदा रेस्तरां में बार की अनुमति देना नोएडा प्राधिकरण का एक अच्छा कदम है। यह अब एक वर्जित विषय नहीं है और गुरुग्राम और बेंगलुरु जैसी जगहों पर पहले से ही उनके आईटी हब में बार की अनुमति है। नोएडा में आईटी और आईटीईएस पार्कों में कई रेस्तरां हैं और वे बार लाइसेंस चाहते हैं, लेकिन प्राधिकरण के प्रतिबंधों के कारण, हम उन्हें अनुमति नहीं देते थे। लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि अंतिम निर्णय जिला शराब बार समिति द्वारा लिया जाता है, जिसके अध्यक्ष जिला मजिस्ट्रेट होते हैं। जबकि प्राधिकरण, पुलिस और आबकारी के अधिकारी इसके सदस्य होते हैं।Delhi Kanjhawala Case Inside Story वह फैक्ट्स जो आपको कर देंगे हैरान
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