Greater Noida live news: प्राधिकरण हर महीने करोड़ों रुपए खर्च करता है, ताकि इसे साफ रखा जा सके, लेकिन कुछ लोग होर्डिंग फ्लैक्स लगा कर इसकी सूरत बिगाड़ रहे हैं। पूरे एनसीआर की बात करें, तो एक ग्रेटर नोएडा ही है, जो हरियाली से लेकर हर मामले में खूबसूरत और अपडेटेड है। यहां हरियाली से लेकर सड़कों तक, हर जगह एक अच्छी व्यवस्था है। मगर आज, ग्रेटर नोएडा में हर जगह टंगे होर्डिंग न सिर्फ शहर की छवि खराब कर रहे हैं, बल्कि शहर को साफ और सुंदर रखने के लिए सरकार जो पैसा खर्च कर रही है, वो भी बेकार जा रहा है। इस पर अधिकारियों का कहना है कि इसके लिए एक विशेष टीम भी गठित की गई है, जो इन होर्डिंग और बैनरों को हटाती है। वहीं उनका कहना है कि प्रचार के लिए लगाए गए यूनिपोल पर भी लोग होर्डिंग टांग देते हैं।
प्रचार बैनरों के पीछे छिपे दिशा सूचक:
ग्रेटर नोएडा प्रशासन द्वारा जगह-जगह दिशा सूचक लगाए जाते हैं, ताकि लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में आसानी हो। लेकिन यातायात को व्यवस्थित बनाने के लिए लगाए गए ये दिशा सूचक, प्रचार बैनरों और होर्डिंग की वजह से नज़र ही नहीं आते। पेड़, स्ट्रीट लाइट के खंभों, चौक-चौराहों से लेकर सड़कों तक, लोगों ने हर जगह होर्डिंग-बैनर तो लगा दिए हैं, लेकिन इनके पीछे दिशा सूचक छिप गए हैं, जिससे वाहन चालकों को बहुत परेशानी होती है।
शहर में त्योहार और शादी समारोह के सीजन में होर्डिंग-बैनरों का प्रयोग और भी बढ़ जाता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि होर्डिंग लगाने की इस मिलीभगत में इंजीनियर से लेकर सुपरवाइजर तक, सभी को रिश्वत दी जाती है। लोगों का कहना है कि अधिकारियों को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि शहर को गंदा होने से बचाया जा सके। इसके खिलाफ एक कठोर नीति बनाई जानी चाहिए और होर्डिंग लगाने वालों पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए।
बन रहे दुर्घटना का कारण:
पिछले कुछ समय से ग्रेटर नोएडा में लगभग हर जगह होर्डिंग-बैनर देखे जा सकते हैं। लगभग हर राजनीतिक पार्टी और संगठन जगह-जगह होर्डिंग लगा कर, शहर की खूबसूरती को मिटा रहे हैं। प्राधिकरण क्षेत्र की स्वच्छता पर तो दाग लग ही रहा है, लेकिन जब मौसम खराब होता है, तो तेज़ आंधी-तूफान की वजह से यही होर्डिंग कई बार टूट जाते हैं और सड़कों पर गुज़र रहे वाहनों पर गिर जाते हैं। प्रचार के लिए लगाए गए ये होर्डिंग आज दुर्घनाओं का बड़ा कारण बनने लगे हैं और ग्रेटर नोएडा को बदरंग बना रहे हैं, वो अलग।