Greater Noida News ग्रेटर नोएडा। UP के ग्रेटर नोएडा शहर से एक बड़ी खबर आ रही है। ग्रेटर नोएडा में अलग-अलग नामों से मल्टी स्टोरी सोसायटी बनाने वाले 6 बिल्डरों पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का जोरदार चाबुक चला है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के CEO रवि कुमार एन.जी. ने नियमों का पालन ना करने वाले 6 बिल्डरों पर 30 लाख रुपये का जुर्माना ठोंक दिया है।
होगी कानूनी कार्यवाही
आपको बता दें कि शनिवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने एक बड़ा फैसला किया है। इस फैसले के तहत शहर की सोसायटियों में लगे एसटीपी को न चलाने पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 6 बिल्डर सोसाइटियों के खिलाफ कार्रवाई की है। इन 6 बिल्डर सोसाइटियों पर 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। प्राधिकरण ने जुर्माने की रकम एक सप्ताह में जमा कराने के निर्देश दिए हैं। जुर्माने की रकम जमा न कराने और गलती दोहराने पर कठोर कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के जल तथा सीवर विभाग के महाप्रबंधक जितेंद्र गौतम ने अपनी टीम के साथ ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित बिल्डर सोसाइटियों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान 6 सोसाइटियों में खामी मिली। ये सोसाइटियां सीवरेज को शोधित करने के लिए एसटीपी का संचालन मानकों के अनुरूप नहीं कर रही थीं। साथ ही सीवरेज को शोधित किए बिना ही ड्रेनेज सिस्टम में डाल रहीं थीं, जबकि इस शोधित पानी का इस्तेमाल पेड़-पौधों की सिंचाई के लिए उपयोग करने का प्रावधान है। औचक निरीक्षण के दौरान ये खामियां मिलने पर प्राधिकरण की टीम ने 6 बिल्डर सोसाइटियों पर 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। प्रत्येक सोसाइटियों पर पांच-पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
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इन बिल्डरों पर चला चाबुक
आपको बता दें कि जिन बिल्डरों पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का चाबुक चला है उनमें अजय इंटरप्राइजेस का सेक्टर 2 स्थित प्रोजेक्ट इरोज संपूर्णम, राजेश इंफ्राटेक का सेक्टर-एक स्थित प्रोजेक्ट राजेश रेजिडेंसी, क्रिस्ट प्रमोटर्स का सेक्टर-1 स्थित ऐस सिटी सोसाइटी, पंचशील बिल्डर का सेक्टर एक स्थित प्रोजेक्ट पंचशील हाईनेस समिति, स्टेलर कांसलेशन का सेक्टर- एक स्थित स्टेलर जीवन सोसायटी और सेक्टर एक स्थित देविका गोल्ड होम प्रोजेक्ट शामिल हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ आशुतोष द्विवेदी ने चेतावनी दी है कि प्राधिकरण की तरफ से इस तरह का औचक निरीक्षण आगे भी जारी रहेगा। जिन सोसाइटियों में एसटीपी चलता नहीं पाया गया, अथवा वह सीवरेज को शोधित किए बिना ही ड्रेनेज में डालते पाए गए तो उनके विरुद्ध और कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सोसाइटियों से एसटीपी से शोधित पानी का इस्तेमाल सिंचाई कार्यों में करने की अपील की है।
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