नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) के खिलाफ पिछले 120 दिनों से आंदोलन (Noida Farmers Protest) कर रहे किसान (Farmers) बेहद त्रस्त हैं. दुर्भाग्य यह है कि किसानों को धरती पुत्र व अन्नदाता कहने वाले सरकारी अफसर (Government Official) व राजनेता (Politician) उनकी जायज मांगों को मानने को तैयार नहीं हैं. ऐसे में किसान तमाम गांधीवादी तरीके आजमा कर थक चुके हैं. किसानों का कहना है कि आंदोलरत किसान त्रस्त हैं, अफसर व नेता मस्त हैं. किसान नेता सुखबीर खलीफा (Sukhbir Khalifa) ने एक बार फिर घोषणा की है कि जब तक किसानों की सभी मांगें पूरी नहीं हो जाती, उनका आंदोलन जारी रहेगा. वे अपना अनशन तभी छोड़ेंगे जब किसानों की सारी मांग पूरी हो जाएंगी.
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ज्ञात रहे कि नोएडा के 81 गांवों के किसान अपनी आधा दर्जन मांगों को लेकर पिछले सवा तीन महीने से आंदोलनरत हैं. तमाम गांधीवादी तरीके जैसे धरना, प्रदर्शन, अनशन व आमरण अनशन का मार्ग अपना लेने के बावजूद नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) किसानों की मांगें पूरी नहीं कर रहा है. किसानों (Noida Farmers Protest) का आरोप है कि प्राधिकरण के अफसर तानाशाही पर उतारू हैं. किसानों की जायज मांगों को पूरा करने की बजाए अफसर गोल-मोल जवाब दे रहे हें. मांगें पूरी करने की बजाय तरह-तरह के बहाने बनाए जा रहे हैं. किसानों का साफ मत है कि अफसर केवल किसानों को गुमराह कर रहे हैं. इस बीच किसान नेता (Farmer Leader) व इस आंदोलन के अगुवा सुखबीर खलीफा, उनके सहयोगी अशोक चौहान (Ashok Chouhan) तथा एक दर्जन से अधिक किसान 10 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं. आमरण अनशन कर रहे किसानों की तबियत अधिक बिगड़ जाने पर उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती करायाा गया है. इसी कड़ी में कल सुखबीर खलीफा को भी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है.
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सुखबीर खलीफा ने चेतना मंच (Chetna Manch) के साथ बातचीत करते हुए एक बार फिर दोहराया है कि उनकी सारी मांगें पूरी हुए बिना किसी भी कीमत पर आंदोलन खत्म नहीं होगा. उन्होंने साफ कहा कि चाहे जो कुछ हो जाए मांगें पूरी हुए बिना वे आमरण अनशन वापस नहीं लेंगे. उन्होंने साफ कहा कि नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) के अफसर तरह-तरह के बहाने बनाकर उनकी मांगों को टरका रहे हैं. जब किसान लखनऊ (Lucknow) जाकर शासन के अफसरों से मिले थे तो शासन के बड़े अफसरों ने कहा था कि किसानों की मांगें जायज हैं. शासन से प्राधिकरण को निर्देश भी जारी हो चुके हैं किसानों की मांगें पूरी की जाएं.
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आंदोलनरत किसानों (Agitating Farmers) के युवा चेहरा अशोक चौहान ने बताया कि क्षेत्र में प्रत्येक गांव के किसानों का भरपूर समर्थन आंदोलन को मिल रहा है. जब तक सारी मांगें पूरी नहीं हो जाती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भी किसानों की घोर उपेक्षा कर रहे हैं. किसानों ने तय कर लिया है कि चुनाव में इन प्रतिनिधियों को सबक सिखाया जाएगा. ताकि भविष्य में कोई प्रतिनिधि किसानों की उपेक्षा करने की हिम्मत न कर सके.
इस बीच आमरण अनशन कर रहे कुल 34 किसानों को अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका है. ये सभी किसान अस्पताल में भी अपना अनशन जारी रखे हुए हैं. प्राधिकरण के बाहर भी किसानों काा आमरण आनशन चल रहा है. पांच नए किसान आज आमरण अनशन पर बैठे हैं.
(Noida Farmers Protest)