Wednesday, 26 June 2024

एक नहीं चार बार आया नोएडा दिल्ली में भूकंप, नेपाल में भारी तबाही

Earthquake Today / नोएडा। मंगलवार की दोपहर नोएडा, ग्रेटर नोएडा में आए भूकंप के झटके एक बार नहीं बल्कि चार…

एक नहीं चार बार आया नोएडा दिल्ली में भूकंप, नेपाल में भारी तबाही

Earthquake Today / नोएडा। मंगलवार की दोपहर नोएडा, ग्रेटर नोएडा में आए भूकंप के झटके एक बार नहीं बल्कि चार चार बार आए थे। पड़ोसी मुल्क नेपाल में भूकंप की वजह से भारी तबाही की खबरें आ रही हैं। नोएडा और दिल्ली एनसीआर में आए भूकंप के कारण लोगों में डर का माहौल बन गया।

Earthquake Today

नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार, भूकंप का पहली बार मंगलवार की सुबह 11 बजकर 6 मिनट पर आया। जिसकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 2.7 मापी गई। इस भूकंप का केंद्र हरियाणा का सोनीपत था। इसके बाद दूसरा भूकंप दोपहर एक बजकर 18 मिनट पर आया, जिसकी तीव्रता 3.0 मापी गई। इस भूकंप का केंद्र पूर्वोत्तर भारत के असम का कार्बी आंगलोंग था, वहीं तीसरा भूकंप 2 बजकर 25 मिनट और फिर चौथा भूकंप 2 बजकर 51 मिनट पर आया। तीसरे भूकंप की तीव्रता 4.6 थी। जबकि चौथा झटका बहुत जोरदार था। इसकी भूकंप की तीव्रता 6.2 रही। बाद के दोनों ही भूकंप का केंद्र नेपाल रहा।

नेपाल में भूकंप से नुकसान

जानकारी के अनुसार, नेपाल के बझांग जिले में दो भूकंप का केंद्र रहा। यहां भूकंप का पहला झटका दोपहर 2 बजकर 45 मिनट पर आया जिसकी तीव्रता 5.3 बताई गई है जबकि जबकि दूसरे झटके का केंद्र बझांग जिले के ही चैनपुर में था, जो कि 3 बजकर 6 मिनट पर महसूस किया गया जिसकी तीव्रता 6.2 बताई गई है। तिब्बत से सटे बझांग जिले के भूकम्प, उत्तराखंड से लेकर दिल्ली तक महसूस किया गया। यह काठमांडू से 458 किमी की दूरी पर है। इसका असर नेपाल के पश्चिमी जिले कैलाली, कंचनपुर, लुम्बिनी तक दिखाई दिया है। बझांग में कच्ची घरों को काफी नुकसान पहुंचा है।

क्यों आते हैं भूकंप ?

जानकार बताते हैं कि पृथ्वी के अंदर का भाग अलग-अलग प्लेटों से मिलकर बना है। इन्हें ‘टेक्टोनिक प्लेट’ कहा जाता है। पृथ्वी के अंदर ऐसी सात प्लेटें हैं. इनमें से हर प्लेट की मोटाई लगभग 100 किलोमीटर होती है। अक्सर ये प्लेटें खिसकती रहतीं हैं और पास की प्लेटों से घर्षण होता है। कभी-कभी ये घर्षण इतना बढ़ जाता है कि एक प्लेट दूसरी के ऊपर चढ़ जाती है, जिससे सतह पर हलचल महसूस होती है। आमतौर पर 5 से कम तीव्रता वाले भूकंप कम नुकसान पहुंचाने वाले होते हैं। 5 या उससे ज्यादा की तीव्रता वाले भूकंप में नुकसान हो सकता है।

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