Gujrat News : गुजरात पुलिस और खुफिया तंत्र ने एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है। यह रैकेट पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेस इंटेलिजेंस (ISI) के इशारे पर भारतीय सैनिकों की निजी जानकारी पाकिस्तान को भेज रहा था। इस रैकेट का सूत्रधार पाकिस्तान का एक हिंदू नागरिक है। आईएसआई का एजेंट बने इस पाक नागरिक ने सन 2005 में भारत देश की नागरिकता ले ली थी।
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क्या है पूरा मामला ?
यह मामला किसी जासूसी उपन्यास अथवा फिल्मी कहानी से कम दिलचस्प नहीं है। गुजरात पुलिस ने लाभशंकर माहेश्वरी नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो भारतीय सेना के जवानों के फोन में “ट्रैकिंग मैलवेयर” भेजकर एसआईएस और पाकिस्तानी आर्मी के लिए जासूसी करता था। इस बात का खुलासा होने के बाद गुजरात पुलिस और एटीएस ने गिरफ्तार कर लिया है। गुजरात एटीएस और केंद्रीय एजेंसियां लाभशंकर माहेश्वरी से पूछताछ कर रही हैं। पूछताछ के दौरन उसने कई खुलासे किए हैं। एटीएस ने आरोप लगाया है कि लाभशंकर माहेश्वरी ने पाकिस्तानी एजेंटों को भारतीय सिम हासिल करने में मदद की है। जिन सिम का उपयोग वे सेना के स्कूलों में भारतीय रक्षा कर्मियों के बच्चों के फोन हैक करने के लिए करते थे। एटीएस ने कहा है कि माहेश्वरी ने अपने परिवार के सदस्यों के लिए देश में वीजा दिलाने में पाकिस्तानी अधिकारियों की मदद के बदले में किया है।
मिलिट्री से ATS को मिला था इनपुट
गुजरात एटीएस ने बताया कि गुजरात एटीएस को मिलिट्री इंटेलिजेंस से इनपुट मिला था कि एक पाकिस्तानी सेना या पाकिस्तान एजेंट को भारतीय सिम कार्ड पर व्हाट्सएप का इस्तेमाल कर रहा है। वह मैलवेयर फोन तक पहुंचने और संवेदनशील जानकारी चुराने के लिए रिमोट एक्सेस ट्रोजन (आरएटी) भेज रहा था। सिम कार्ड जामनगर से मुहम्मद सकलैन थाईम के नाम से जारी किया गया था। इसे अजगर हाजी भाई के मोबाइल पर सक्रिय किया गया था। इसके बाद सिम कार्ड आणंद डिलीवर कर दिया गया। पाकिस्तान दूतावास से जुड़े एक व्यक्ति के निर्देश पर सिम कार्ड आणंद के तारापुर में लाभशंकर माहेश्वरी नाम के व्यक्ति को दिया गया। इसके बाद उस नंबर का वाट्सएप अकाउंट पाकिस्तानी एजेंट चलाने लगे। वह सिम कार्ड पाकिस्तान से ऑपरेट हो रहा था।
15 अगस्त के आसपास भेजे गए थे मैसेज
पाकिसतान से चलाए जा रहे उस वाट्सएप के जरिए सुरक्षा बलों के जवानों के एंड्रॉइड मोबाइल हैंडसेट में 15 अगस्त के आसपास हर घर तिरंगा अभियान के नाम पर ‘APK’ एंड्रॉइड एप्लिकेशन डाउनलोड करने का मैसेज भेजा गया था। इसके अलावा सुरक्षा बलों के जवानों नंबरों पर आर्मी स्कूलों के अधिकारी बनकर भी ये मैसेज किया गया था कि सभी लोग अपने बच्चों के साथ राष्ट्रीय ध्वज की तस्वीरें अपलोड करें।
कौन है लाभशंकर माहेश्वरी
लाभशंकर माहेश्वरी मूल रूप से पाकिस्तान का रहने वाला है। जो फर्टिलिटी इलाज के लिए सन 1999 में अपनी पत्नी के साथ गुजरात के आंणद जिले के तारापुर शहर में आया था और बाद में तारापुर में ही बस गया। वह अपनी ससुराल वालों की मदद से एक सफल बिजनेसमैन बन गया था। जिसके बाद उसने और उसकी पत्नी ने भारत की नागरिकता भी ले ली थी।
क्या है ट्रैकिंग‘मैलवेयर ?
“मैलीशियस सॉफ़्टवेयर” को ही ‘ट्रैकिंग मैलवेयर’ कहते हैं। मैलवेयर एक ऐसा ‘सोफ्टवेयर’ होता है, जिसे खास तौर पर किसी मोबाइल या कंप्यूटर में इंस्टॉल किए गए दूसरे ‘सॉफ्टवेयर’ को नुकसान पहुंचाने के लिए बनाया गया है। ‘ट्रैकिंग मैलवेयर’ से उपयोग करने वाले की सभी जानकारी चोरी कर ली जाती है, या वह उपयोगकर्ता की जानकारी के बिना उसके ईमेल खाते से जाली ईमेल भेज सकता है। ‘मैलवेयर’ में वायरस, वर्म, स्पायवेयर, ऐडवेयर और ट्रोजन शामिल हो सकते हैं। इनके अलावा, इसमें कई दूसरी चीज़ें भी शामिल हो सकती हैं। Gujrat News
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