Noida News : नई दिल्ली। लाखों घर खरीदारों को बर्बाद करने वाले बिल्डरों के एक गिरोह के सरगना सुपरटेक के मालिक आर के अरोडा को अब उसका असली ठिकाना मिल गया है। प्रर्वतन निदेशालय (ED) की 12 दिन की हिरासत अवधि समाप्त होने के बार आर. के. अरोडा को 24 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया हैं।
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कौन है आर. के. अरोडा ?
आपको बता दें कि छोट से कारोबारी से सुपरटेक बिल्डर समूह का मालिक बना आर. के. अरोडा बेहद शातिर ‘खिलाड़ी’ है। उसने अनेक बिल्डरों को मिलाकर एक गिरोह (ग्रुप) बना रखा था। वर्ष 2010 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती की सरकार में वह प्रदेश के सबसे ‘असरदार’ कारोबारियों में शामिल था। आर. के. अरोडा ही उस समय नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण के सबसे चर्चित सीईओ सरदार मोहिन्दर सिंह और ‘भाईजी’ के नाम से प्रसिद्ध मायावती के भाई आनंद कुमार के बीच की कड़ी था।
यह बात सभी जानते हैं कि ‘भाईजी’ ने ही नोएडा व ग्रेटर नोएडा में सरकारी जमीन को कौड़ियों के भाव बांटा था। उस बंदरबाट में सुपरटेक बिल्डर के मालिक आर. के. अरोडा की अहम भूमिका थी। उसने अपने जैसे ही एक दर्जन बिल्डरों को अपना सहयोगी बना रखा था। इसी प्रकार बिल्डरों का एक दूसरा गिरोह भी है। दस दूसरे गिरोह का ‘मुखिया’ मूल रुप से गाजियाबाद शहर का रहने वाला बताया जाता है। वह अपनी जाति के नाम पर ही बिल्डर ग्रुप चला रहा है। जानकार सूत्रों का दावा है कि वह ग्रुप भी ED की रडार पर बताया जा रहा है।
आर. के. अरोडा 24 जुलाई तक जेल में
आपको बता दें कि आर. के. अरोडा को प्रवर्तन निदेशाल (ED) ने 27 जून को गिरफ्तार किया था। ED की अर्जी पर उसे 10 जुलाई तक के लिए ED की हिरासत में भेज दिया गया था। कल यानि 10 जुलाई को ईडी की हिरासत पूरी होने के बाद उसे विशेष न्यायधीश देवेंद्र कुमार की अदालत में पेश किया गया। मामले की गंभरता को देखते हुए अदालत ने आर. के. अरोडा को 24 जुलाई तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल दिया है। कम से कम 24 जुलाई तक आर के अरोडा का अगला ठिकाना अब जेल में ही रहेगा।
Noida News – लाखों घर खरीददार किए हैं बर्बाद
सुपरटेक बिल्डर के मालिक आर के अरोडा व उसी के जैसे दर्जनों बिल्डरों ने पोस्टरों, होर्डिंगों, अखबारी विज्ञापनों तथा इंटरनेट के विज्ञापनों के जरिए घर खरीदने के इच्छुक देशभर के नागरिकों को पांच सितारा सुविधाओं से युक्त घरों के सपने दिखाकर उनसे बुकिंग के नाम पर मोटी मोटी रकम एकत्र करके हजारों करोड़ रुपये कमाए। बाद में उस कमाई को दसूरे ‘धंधों’ में लगा दिया। कुछ नसीब वालों तो घर मिल गए।
दुर्भाग्य से घर मिलने से वंचित रहे लाखों लोग रह गए। इनमें वे लोग भी शामिल है जिन्होंने बैंकों से कर्ज लेकर बुकिंग के पैसे जमा कराए थे। अब घर ना मिलने पर उन्हें बैंकों की किश्ते भी देनी पड़ रही है और पहले की तरह किराये के घरों में रहकर किराया भी देना पड़ रहा है। बिल्डरों के चक्कर में फंसकर बर्बाद हुए घर खरीददारों की संख्या 6 लाख से भी ज्यादा बताई जा रही है। इन सब खरीददारों की बर्बादी का कारण आर के अरोडा जैसे बिल्डर ही बने हैं। Noida News
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