Friday, 17 May 2024

World Dengue Prevention Day: जानलेवा हो सकता है डेंगू, जानें लक्षण और बचाव के उपाय

  World Dengue Prevention Day: प्रतिवर्ष ’10 अगस्त’ को ‘डेंगू निरोधक दिवस’ मनाया जाता है। डेंगू सभी मच्छरों के काटने…

World Dengue Prevention Day: जानलेवा हो सकता है डेंगू, जानें लक्षण और बचाव के उपाय

 

World Dengue Prevention Day: प्रतिवर्ष ’10 अगस्त’ को ‘डेंगू निरोधक दिवस’ मनाया जाता है। डेंगू सभी मच्छरों के काटने से नहीं फैलता है। यह केवल कुछ प्रजाति के मच्छरों से फैलता है। ये मच्छर दिन में काटते हैं। डेंगू के लक्षण दिखते ही डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी होता है, वरना ये जानलेवा भी हो सकता है…

सैय्यद अबू साद

चेतना मंच स्पेशल। डेंगू बीमारी ऐसा बुखार है जिसे महामारी के रूप में देखा जाता है। डेंगू को हड्डी तोड़ बुखार के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इसके कारण शरीर व जोड़ों में बहुत दर्द होता है। वयस्कों के मुकाबले, बच्चों में इस बीमारी की तीव्रता अधिक होती है। डेंगू के सामान्य लक्षण हैं सर दर्द, जोड़ों में मांसपेशियों में और शरीर में दर्द होना, तेज बुखार, चिड़चिड़ापन। डेंगू की स्थिति में मृत्युदर लगभग एक प्रतिशत है। यह बरसात के मौसम में तेजी से फैलता है। प्रतिवर्ष ’10 अगस्त’ को डेंगू के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाने तथा इसके प्रति सचेत रहने के लिए ‘डेंगू निरोधक दिवस’ मनाया जाता है। इस दिन लोगों को बताया जाता है कि कैसे आप साफ-सफाई का ध्यान रख डेंगू की चपेट में आने से बच सकते हैं। डेंगू बीमारी के गंभीर मामलों में ब्लड प्लेटलेट्स भी तेजी के साथ गिरना शुरू हो जाती हैं। डेंगू के लक्षण दिखते ही डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी होता है, वरना ये जानलेवा भी हो सकता है।

डेंगू के प्रकार

World Dengue Prevention Day:
डेंगू बुखार वायरस के संक्रमण के कारण होता है। इसे डेन वायरस भी कहते हैं। डेंगू वायरस चार प्रकार के होते हैं, जिसे डेन-1, डेन-2, डेन-3 और डेन-4 कहा जाता है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे में नहीं फैलता लेकिन उस मच्छर के काटने से होता है जिसने किसी संक्रमित व्यक्ति को काटा है। एक व्यक्ति अपने जीवनकाल में सिर्फ एक बार ही किसी खास प्रकार के डेंगू से संक्रमित होता है। डेन-1 या क्लासिक डेंगू साधारण प्रकार का डेंगू है, यह स्वयं ही ठीक होने वाला है और इससे मृत्यु नहीं होती। लेकिन यदि व्यक्ति को डेन-2, डेन-3 और डेन-4 मतलब डेंगू हीमोरेजिक बुखार या डेंगू शाक सिंड्रोम हुआ है और इसका ठीक प्रकार से उपचार नहीं किया गया तो व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है।

डेंगू बुखार क्या है

डेंगू को हड्डी तोड़ बुखार भी कहा जाता है, क्योंकि इसके कारण शरीर व जोड़ों में बहुत दर्द होता है। मलेरिया की तरह डेंगू बुखार भी मच्छरों के काटने से फैलता है। डेंगू सभी मच्छर से नहीं फैलता है। यह केवल कुछ प्रजाति के मच्छरों के काटने से फैलता है। इस रोग का वाहक एडीज मच्छर की दो प्रजातियां एडीज एजिपटाई और एडीज एल्बोपेक्टस हैं। ये दोनों मच्छर दिन में काटते हैं, जिससे बुखार हो जाता है। डेंगू का मच्छर एक बार में 150 से 200 अंडे देता है। अंडे से मच्छर बनने में करीब 7 दिन लगते हैं। मच्छर की लाइफ एक माह होती है और एक मच्छर माह में चार बार अंडे देता है।

डेंगू कैसे फैलता है

▪ डेंगू बुखार उस मच्छर के काटने से होता है जिसने पहले से ही किसी डेंगू के मरीज को काटा है। यह मच्छर बरसात के मौसम में ज्यादा फैलते हैं और यह उन जगहों पर तेजी से फैलते हैं जहां पानी जमा हो।
▪ डेंगू उन लोगों को जल्दी प्रभावित करता है, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है।
▪ डेंगू बुखार केवल एडीज मच्छर के काटने से फैलता है और यह दिन में ही काटते हैं।

डेंगू बुखार के प्रमुख लक्षण

▪ तेज बुखार के साथ नाक बहना, खांसी, आखों के पीछे दर्द, जोड़ों में दर्द होना।
▪ पेट खराब हो सकता है।
▪ जी मितला सकता है। उल्टी भी आ सकती है।
▪ डेंगू बुखार होने पर प्लेटलेट्स का स्तर कम हो जाता है।
▪ ब्लड प्रेशर सामान्य से बहुत कम हो जाता है।
▪ अचानक बिना खांसी व जुकाम के ठंड व कपकंपी के साथ तेज बुखा चढ़ना।
▪ हमेशा थका-थका और कमजोरी महसूस करना।
▪ जोड़ों में सूजन होना, नींद में कमी।
▪ भूख न लगना, मुंह का स्वाद खराब होना।
▪ शरीर पर लाल-गुलाबी चकत्ते होना।

कैसे करें डेंगू से बचाव

World Dengue Prevention Day:
▪ डेंगू मच्छरों के शरीर पर धारियां बनी रहती हैं, तो ऐसे मच्छरों से सावधान रहें।
▪ घरों में कूलर व अन्य जगहों पर पानी जमा न होने दें।
▪ कूलर के पानी में हफ्ते में कम से कम दो बार बदलें।
▪ पीने का पानी किसी बर्तन में जमा है तो उस बर्तन को हमेशा ढंककर रखें।
▪ फुल बाजू के कपड़े पहनें और बच्चों और बुजुर्गों को खासतौर पर पहनाएं
▪ सोते समय मच्छरदानी का या मॉस्किटो रेपलेंट्स का इस्तेमाल करें।
▪ घर की खिड़की और दरवाजों को खुला न रखें। वेंटिलेशन के लिए उनमें जाली लगवाएं।
▪ किसी भी तरह के लक्षण दिखें तो विशेषज्ञ को दिखाएं, खुद या किसी की सलाह से दवा न लें।

डेंगू बुखार के घरेलू उपचार

▪ डेंगू बुखार में गिलोय, पपीता पत्ते, एलोवेरा/मुसब्बर वेरा का रस और बकरी का दूध देना लाभप्रद होता है।
▪ अदरक और इलायची डालकर हर्बल टी का सेवन करें।
▪ खूब नारियल पानी पिएं, ये प्लेटलेट्स भी बढ़ाएगा और ताकत भी देगा। नारियल पानी में मौजूद इलेक्ट्रोलाइट्स और मिनरल्स जैसे कई पोषक तत्व होते हैं जिससे शरीर मजबूत होता है।
▪ शरीर में मौजूद वायरस और विषैले तत्वों को बाहर निकालने के लिए नींबू का रस पीना चाहिए। शरीर के भारीपन को कम करने और वायरस बाहर निकालने में नींबू खासा असरदार है।
▪ शरीर को मजबूत करने के लिए अदरक का हल्का गर्म पानी फायदेमंद होता है।
▪ शरीर को एनर्जी देने के लिए मरीज को दलिया खिलाना चाहिए। ये आसानी से पच जाता है।
▪ सब्जियों को हल्का पकाकर या फिर उबालकर खाना चाहिए। मरीज को विटामिन, मिनिरल्स और एंटी ऑक्सिडेंट्स से भरपूर सब्जियां खानी चाहिए। जैसे टमाटर, कद्दू, गाजर, खीरा, चुकंदर।
▪ डेंगू बुखार से पीड़ित को विटामिन युक्त फल देने चाहिए। इससे शरीर की प्रतिरोधी क्षमता बढ़ेगी।

प्लेटलेट्स बढ़ाने में मददगार ये चीजें

World Dengue Prevention Day:
▪ पपीते के पत्ते का रस प्लेटलेट्स बढ़ाने में मददगार माना जाता है. प्लेटलेट काउंट को नियंत्रित रखने के लिए आप इसे किसी विशेषज्ञ की सलाह पर ले सकते हैं।
▪ कीवी को इस मामले में काफी मददगार फल माना जाता है। इस फल को भी खाने से प्लेटकाउंट तेजी से बढ़ता है।
▪ चुकंदर को सलाद के तौर पर खाएं और गाजर-चुकंदर व लौकी का रस निकालकर मरीज को दें। इससे भी काफी लाभ मिलता है।
▪ गिलोय का काढ़ा डेंगू में भी मददगार माना गया है। प्लेटलेट्स को गिरने से रोकने के साथ ये इम्यूनिटी को भी बढ़ाता है।

Noida News : यूपी में जल्द लागू होगा लिफ्ट अधिनियम, विधानसभा में उठा मुद्दा

Related Post