कुछ तो है, जो हस्ती मिटती नहीं हमारी, पुरातन छात्रों का देखने लायक रहा उत्साह

Ghaziabad News : उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के लोहियानगर स्थित हिन्दी भवन में सोमवार की शाम इलाहाबाद विश्वविद्यालय पुरा छात्र संघ (अउआ) के 24वें वार्षिकोत्सव में देश-दुनिया के सामायिक सवालों पर जिस तरह पुरा छात्रों ने अपने विचार रखे, कहना पड़ेगा कि ‘‘कुछ तो है, जो हस्ती मिटती नहीं हमारी’’। इस समारोह में विश्वविद्यालय के छात्र रह चुके तमाम विद्वान, ब्यूरोके्रट्स, पत्रकार, उद्योपति, अधिवक्ता, शिक्षक और अन्य तमाम क्षेत्रों से जुड़ी हस्तियों ने हिस्सा लिया।
Ghaziabad News in hindi
मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण के बाद शुरू हुए समारोह में मुख्य अतिथि इकॉनॉमिक कौंसिल आफ इंडिया के वरिष्ठ सलाहकार और कई विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर रहे डॉ. कमलेश मिश्रा ने कहा कि देश ही नहीं, दुनिया के तमाम देशों में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रों ने अपने संस्थान और देश का मान बढ़ाया है। उन्होंने दावा किया कि जिस तरह का जज्बा इलाहाबाद के पुरा छात्रों में है, उन्होंने दुनिया के किसी भी शिक्षण संस्थान के छात्रों में नहीं देखा। ऐसा इसलिये है कि इस विश्वविद्यालय के छात्र अध्ययन के उच्च मानदंडों को अपनाए रखने के साथ ही सम-सामायिक सवालों पर अपने खुले विचार रखने में कभी पीछे नहीं रहे हैं।
पद्मश्री प्रो. जेएस राजपूत की अध्यक्षता में सम्पन्न हुए इस समारोह में विशिष्ट अतिथि फिजी समेत सात देशों की राजदूत रह चुकीं पद्मजा पांडे ने कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय से मिली शिक्षा और संस्कार प्राप्त करने वाले पुरा छात्र ऐसे खुशबूदार फूल हैं, जो जहां कहीं भी जाते हैं, अपनी खुशबू छोड़ देते हैं। श्रीमती पांडे ने कहा कि उन्हें जिस भी देश में काम करने का मौका मिला है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पुरा छात्र उन्हें जरूर मिले हैं और उन देशों में उन्होंने अपनी प्रतिभा की धाक कायम कर रखी है।
केन्द्रीय विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव के पद पर रह चुके डॉ. आलोक मिश्रा विश्वविद्यालय की पुरानी यादें साझा करते समय भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय से न केवल शिक्षा मिली है, बल्कि ऐसा शानदार परिवार भी मिला है, जिसके सदस्य दुनियाभर में मिलते हैं। वरिष्ठ आईपीएस व यूपी पुलिस रिक्यूटमेंट बोर्ड के सदस्य आरके चतुर्वेदी ने इस मौके पर कहा कि अउआ के बैनर तले पुरा छात्रों की सक्रियता और कार्यक्रम प्रेरणादायी रहे हैं। अपने परिवार के कार्यक्रम में शामिल होने पर विश्वविद्यालय की पुरानी यादें साझा करने का मौका मिलता है। नौकरी और कामकाज के तनाव में ऐसे कार्यक्रम संबल प्रदान करते हैं। राज्यपाल यूपी के ओएसडी रह चुके चन्द्रप्रकाश पांडे ने कहा कि हमें इलाहाबाद विश्वविद्यालय का पुरा छात्र कहते हुए गर्व का अनुभव होता है।
अउआ की इस एनुअल मीट में दूसरे राज्यों से आए पुरा छात्रों ने भी हिस्सा लिया। उनका मंच से विशेष सम्मान किया गया। अउआ महासचिव नवीन चन्द्रा और प्रचार सचिव आलोक सिन्हा ने वार्षिकोत्सव का संचालन किया। अउआ अध्यक्ष एसके सिंह ने साल भर की गतिविधियों का लेखाजोखा रखा तो महासचिव नवीन चन्द्रा ने भावी कार्यक्रमों की जानकारी दी। कार्यक्रम में अउआ के सदस्यों व उनके परिजनों के साथ संस्था के पदाधिकारियों ने आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वार्षिकोत्सव में अमिताभ तिवारी के संचालन में हुए सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने शुरू से अंत तक धूम मचाए रखी।
कार्यकारिणी का निर्विवाद पुनर्गठन
इलाहाबाद विश्वविद्यालय पुरा छात्र संघ के इस सालाना मीट में नई कार्यकारिणी के गठन का भी कार्यक्रम था। पत्रकार अजय औदीच्य ने मौजूदा कार्यकारिणी को ही भविष्य के कार्यक्रमों को अंजाम देने की जिम्मेदारी का प्रस्ताव रखा। वरिष्ठ आईपीएस व अउआ के संरक्षक आरके चतुर्वेदी ने प्रस्ताव का अनुमोदन किया और सभागार में मौजूद सभी सदस्यों ने एकस्वर से प्रस्ताव पास कर दिया। बल्कि अब कार्यकारिणी को तीन वर्ष के लिये कार्य करने का मौका देने का निर्णय लिया गया।
निचोड़ यह कि मौजूदा अध्यक्ष एसके सिंह, महासचिव नवीन चन्द्रा और कोषाध्यक्ष विकास शर्मा ही अपने पदों पर तीन साल बने रहेंगे। वे बाकी कार्यकारिणी का चयन सदस्यों की कार्यदक्षता और सक्रियता का आंकलन कर करेंगे। अब से पहले कार्यकारिणी में राजकुमार सचान, आरके चतुर्वेदी, सीपी पांडे व कल्याण सिंह संरक्षक, एसके सिंह अध्यक्ष, नवीन चन्द्रा महासचिव, विकास शर्मा कोषाध्यक्ष, जितेन्द्र सिंह, एमके सेठ, डीसी श्रीवास्तव उपाध्यक्ष, राहुल सक्सेना संगठन सचिव, जयशंकर साही खेल सचिव, आलोक सिन्हा प्रेससचिव, अखिलेश तिवारी प्रचार सचिव, अमिताभ तिवारी सांस्कृतिक सचिव, ब्रजेश शुक्ला व विवेक मिश्रा संयुक्त सचिव और रमेश तिवारी विधि सचिव के पद पर कार्य कर रहे थे।
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मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण के बाद शुरू हुए समारोह में मुख्य अतिथि इकॉनॉमिक कौंसिल आफ इंडिया के वरिष्ठ सलाहकार और कई विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर रहे डॉ. कमलेश मिश्रा ने कहा कि देश ही नहीं, दुनिया के तमाम देशों में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रों ने अपने संस्थान और देश का मान बढ़ाया है। उन्होंने दावा किया कि जिस तरह का जज्बा इलाहाबाद के पुरा छात्रों में है, उन्होंने दुनिया के किसी भी शिक्षण संस्थान के छात्रों में नहीं देखा। ऐसा इसलिये है कि इस विश्वविद्यालय के छात्र अध्ययन के उच्च मानदंडों को अपनाए रखने के साथ ही सम-सामायिक सवालों पर अपने खुले विचार रखने में कभी पीछे नहीं रहे हैं।
पद्मश्री प्रो. जेएस राजपूत की अध्यक्षता में सम्पन्न हुए इस समारोह में विशिष्ट अतिथि फिजी समेत सात देशों की राजदूत रह चुकीं पद्मजा पांडे ने कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय से मिली शिक्षा और संस्कार प्राप्त करने वाले पुरा छात्र ऐसे खुशबूदार फूल हैं, जो जहां कहीं भी जाते हैं, अपनी खुशबू छोड़ देते हैं। श्रीमती पांडे ने कहा कि उन्हें जिस भी देश में काम करने का मौका मिला है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पुरा छात्र उन्हें जरूर मिले हैं और उन देशों में उन्होंने अपनी प्रतिभा की धाक कायम कर रखी है।
केन्द्रीय विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव के पद पर रह चुके डॉ. आलोक मिश्रा विश्वविद्यालय की पुरानी यादें साझा करते समय भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय से न केवल शिक्षा मिली है, बल्कि ऐसा शानदार परिवार भी मिला है, जिसके सदस्य दुनियाभर में मिलते हैं। वरिष्ठ आईपीएस व यूपी पुलिस रिक्यूटमेंट बोर्ड के सदस्य आरके चतुर्वेदी ने इस मौके पर कहा कि अउआ के बैनर तले पुरा छात्रों की सक्रियता और कार्यक्रम प्रेरणादायी रहे हैं। अपने परिवार के कार्यक्रम में शामिल होने पर विश्वविद्यालय की पुरानी यादें साझा करने का मौका मिलता है। नौकरी और कामकाज के तनाव में ऐसे कार्यक्रम संबल प्रदान करते हैं। राज्यपाल यूपी के ओएसडी रह चुके चन्द्रप्रकाश पांडे ने कहा कि हमें इलाहाबाद विश्वविद्यालय का पुरा छात्र कहते हुए गर्व का अनुभव होता है।
अउआ की इस एनुअल मीट में दूसरे राज्यों से आए पुरा छात्रों ने भी हिस्सा लिया। उनका मंच से विशेष सम्मान किया गया। अउआ महासचिव नवीन चन्द्रा और प्रचार सचिव आलोक सिन्हा ने वार्षिकोत्सव का संचालन किया। अउआ अध्यक्ष एसके सिंह ने साल भर की गतिविधियों का लेखाजोखा रखा तो महासचिव नवीन चन्द्रा ने भावी कार्यक्रमों की जानकारी दी। कार्यक्रम में अउआ के सदस्यों व उनके परिजनों के साथ संस्था के पदाधिकारियों ने आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वार्षिकोत्सव में अमिताभ तिवारी के संचालन में हुए सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने शुरू से अंत तक धूम मचाए रखी।
कार्यकारिणी का निर्विवाद पुनर्गठन
इलाहाबाद विश्वविद्यालय पुरा छात्र संघ के इस सालाना मीट में नई कार्यकारिणी के गठन का भी कार्यक्रम था। पत्रकार अजय औदीच्य ने मौजूदा कार्यकारिणी को ही भविष्य के कार्यक्रमों को अंजाम देने की जिम्मेदारी का प्रस्ताव रखा। वरिष्ठ आईपीएस व अउआ के संरक्षक आरके चतुर्वेदी ने प्रस्ताव का अनुमोदन किया और सभागार में मौजूद सभी सदस्यों ने एकस्वर से प्रस्ताव पास कर दिया। बल्कि अब कार्यकारिणी को तीन वर्ष के लिये कार्य करने का मौका देने का निर्णय लिया गया।
निचोड़ यह कि मौजूदा अध्यक्ष एसके सिंह, महासचिव नवीन चन्द्रा और कोषाध्यक्ष विकास शर्मा ही अपने पदों पर तीन साल बने रहेंगे। वे बाकी कार्यकारिणी का चयन सदस्यों की कार्यदक्षता और सक्रियता का आंकलन कर करेंगे। अब से पहले कार्यकारिणी में राजकुमार सचान, आरके चतुर्वेदी, सीपी पांडे व कल्याण सिंह संरक्षक, एसके सिंह अध्यक्ष, नवीन चन्द्रा महासचिव, विकास शर्मा कोषाध्यक्ष, जितेन्द्र सिंह, एमके सेठ, डीसी श्रीवास्तव उपाध्यक्ष, राहुल सक्सेना संगठन सचिव, जयशंकर साही खेल सचिव, आलोक सिन्हा प्रेससचिव, अखिलेश तिवारी प्रचार सचिव, अमिताभ तिवारी सांस्कृतिक सचिव, ब्रजेश शुक्ला व विवेक मिश्रा संयुक्त सचिव और रमेश तिवारी विधि सचिव के पद पर कार्य कर रहे थे।







