Ghaziabad News : आप जानते ही हैं कि हमारे देश में कानून को सबसे ऊपर माना जाता है। यानि भारत में सही अर्थों में कानून का ही राज है। यदि कोई राजनेता, सांसद अथवा विधायक कानून को ठेंगा दिखाकर अपने व अपने परिवारजनों को मनचाहा लाभ दिलवा दे तो कानून बड़ा हुआ? या नेता बड़ा ?
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ऐसा ही एक प्रकरण उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद शहर से सामने आया है। गाजियाबाद में स्थित राजनगर एक्सटेंशन क्षेत्र में रहने वाले राजनगर एक्सटेंशन सोसायटी के सचिव जीत कुमार सिंह ने अपने वकील प्रमोद चौधरी की मार्फत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में आरोप है कि साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुनील शर्मा कानून को नहीं मानते हैं। इस पत्र के विषय वाले स्थान पर लिखा गया है कि ‘‘भाजपा विधायक सुनील शर्मा द्वारा गाजियाबाद विकास प्राधिकरण में किए जा रहे भ्रष्टाचार व भारी राजस्व हानि के सम्बंध में’’
पत्र में कहा गया है कि ऐसा लगता है भाजपा सरकार का दोहरा रवैया है। दूसरे राजनीतिक दलों के प्रति भष्ट्राचार में सख्त कार्यवाही और अपने विधायक के भ्रष्टाचार पर आंखे बन्द कर लेना यह दुखद है। भाजपा विधायक के सगे भाई अजय कुमार की कम्पनी AVS का गाजियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा राजनगर एक्सटेंशन, गाजियाबाद में शासन द्वारा रोक के बावजूद अवैधानिक तरीके से नक्शे पास करना यह दर्शाता है कि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा राजनगर एक्सटेंशन में आवासीय भूमि पर भारी रिश्वत लेकर होटल के कॉमर्शियल नक्शे पास किये जा रहे थे जो कि पत्र दिनांक 29.11.2021 के उपरान्त, आपके कार्यालय के दखल से पूर्ण रूप से रोक दिये गये थे।
उपरोक्त विषय पर संज्ञान में आया है कि पुन: भाजपा विधायक के दबाव में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा बाकी सभी नक्शे जिन पर रोक लगी थी, उन में से मात्र वह नक्शे जो भाजपा विधायक के भाई की कम्पनी AVS के है मात्र उनको पास कर दिया गया है। उक्त विषय में दिनांक 18.10.2022 को भी आपको पत्र लिखा था परंतु बावजूद इसके गाजियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा उक्त नक्शा अवैधानिक रूप से पास कर दिया गया, जिससे भारी राजस्व का नुकसान हो रहा है एवं क्षेत्र की जनता में रोष व्याप्त है उक्त नक्शे को पास करने में कानून की जिस तरह धज्जियां उड़ाई गई वह निम्नलिखित हैं।
बिन्दुवार :-
1. आवासीय भूमि पर डाले गये, मानचित्र में बिल्डर द्वारा नीचे के तीन तल को व्यावसायिक दुकान एवं व्यावसायिक हॉल में पास कराया है जो कि अवैधानिक है जो कि मात्र कमर्शियल भूमि पर ही संभव है।
2. मानचित्र में मल्टीपरपज हॉल के रूप में मानचित्र को स्वीकृत किया जा रहा है. उक्त मल्टीपरपज हॉल को बिल्डर द्वारा बैंकट हॉल में परिवर्तित कर दिया गया है बैंकट हॉल आवासीय भूमि पर पास होने के लिए बोर्ड बैठक से स्वीकृति लेना आवश्यक है जो कि नहीं किया जा रहा है।
3. आवासीय भूमि में होटल के रूप में मानचित्र स्वीकृत किया जा रहा है। उक्त होटल के कमरों को अलग-अलग व्यक्तियों को कामर्शियल सर्विस अपार्टमेंट लिखकर पूर्व के नक्शे में बैनामे पंजीकृत किए जा रहे हैं। उक्त कॉमर्शियल सर्विस अपार्टमेंट आवासीय भूूमि पर होटल मानचित्र में अलग-अलग व्यक्तियों को नहीं बेचा जा सकता है।
4. इस तरह से आवासीय भूमि पर होटल मानचित्र के नाम पर पूरे मानचित्र/बिल्डिंग/ को कॉमर्शियल में बेचा जा रहा है।
5. यह अवैधानिक गोरखधंधा जीडीए के कर्मचारियों द्वारा मोटी धनराशि लेकर भाजपा विधायक के दबाव में किया जा रहा है।
6. आवासीय भूमि का बिना शुल्क लिए कमर्शियल भूमि में होटल मानचित्र के नाम पर बड़ी चतुराई से परिवर्तन कर दिया गया है।
पत्र में मांग की गई है कि गैर कानूनी ढंग से पास किए जा रहे अवैध नक्शों को तुरंत रदद किया जाए। साथ ही भ्रष्टाचार में लिप्त जीडीए (गाजियाबाद विकास प्राधिकरण) के भ्रष्ट कर्मचारियों तथा बिल्डर के विरूद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
अब आप ही तय कर लीजिए कि कानून बड़ा है या विधायक ?
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