विनय संकोची
Health : बेर (Berry) एक फल है, जिसे लोग बड़े स्वाद से खाते हैं। खट्टा मीठा देर भारत के सबसे प्राचीन फलों में से एक है। रामायण का वह प्रसंग बेर की प्राचीनता को प्रमाणित करता है, जिसमें भीलनी ने भगवान राम को बेर खिलाए थे और राम जी ने बड़े चाव से खाए थे। बेर के फल को सीधा खाया जा सकता है, लोग खाते ही हैं। लेकिन कम लोग जानते हैं कि अचार, मुरब्बा, जूस और ब्रांडी बनाने में भी बेर का उपयोग किया जाता है। बेर को खाने का कोई निश्चित समय नहीं है। इसे सुबह, दोपहर, शाम जब मन करे खाया जा सकता है। यदि विशेषज्ञों की माने तो प्रतिदिन तीन-चार बेर का सेवन ही स्वास्थ्य की दृष्टि से सुरक्षित रहता है। बेर पोषक तत्वों से भरपूर फल है। इसमें प्रोटीन (Protein) ,कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate), वसा (Fat), आयरन (Iron), मैग्नीशियम (Magnesium), कैल्शियम (Calcium), पोटेशियम (Potassium), सोडियम (Sodium), फास्फोरस (Phosphorus), मैग्नीज (Manganese), कॉपर (Copper), जिंक(Zinc), विटामिन सी (Vitamin-C), विटामिन बी6 (Vitamin-B6), नियासिन (Niacin), राइबोफ्लेविन (Riboflavin), फाइबर (Fiber )और विटामिन ए (Vitamin-A) जैसे पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में मौजूद होते हैं, जो इसे सेहत के लिए लाभकारी बनाते हैं।
आइए जानते हैं बेर के उपयोग और इसके खाने से होने वाले लाभ के बारे में-
• बेर के सेवन से तनाव मुक्त हुआ जा सकता है। बेर न केवल तनाव के विरुद्ध मोर्चा संभालने में सक्षम है, अपितु यह मस्तिष्क की न्यूरॉनल कोशिकाओं की रक्षा करता है और सीखने की क्षमता को भी बढ़ाता है।
• बेर में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण मौजूद होता है, जिसके चलते बेर के सेवन से मांसपेशियों की सूजन को कम किया जा सकता है।
• बेर आंखों के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। बेर के उपयोग से आंखों के संक्रमण का उपचार किया जा सकता है। ऐसा बेर की एंटी माइक्रोबियल गतिविधि की वजह से होता है।
• बेर के सेवन से दिमागी दौरे के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। बेर के हाइड्रोक्लोरिक अर्क में मौजूद एक तत्व विशेष के कारण यह संभव हो सकता है।
• बेर के सेवन से आंतों की सूजन को कम किया जा सकता है। इसके अलावा बेर के पत्ते खाने से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संबंधी विकारों से बचा जा सकता है।
• बेर के सेवन से पाचन तंत्र को मजबूती प्रदान की जा सकती है। बेर खाने से कब्ज की समस्या से भी छुटकारा पाया जा सकता है। फाइबर की मौजूदगी के कारण बेर पाचन से जुड़ी अनेक समस्याओं में औषधि का काम कर सकता है।
• बेर वजन कम करने में सहायक होता है। इसके सेवन से बॉडी मास इंडेक्स के साथ फैट और वजन कम हो सकता है।
• बेर के सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार किया जा सकता है। यदि रोजाना खुराक में बेर को शामिल कर लिया जाए, तो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाया जा सकता है।
• कॉपर की कमी से भी हड्डियां कमजोर होती हैं। बेर में मौजूद कॉपर और कैल्शियम व फॉस्फोरस हड्डियों के निर्माण और उनके स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
• बेर के सेवन से रक्तचाप को नियंत्रित रखने में मदद मिल सकती है। बेर के अर्क में रक्त संचार को सुचारू करने के गुण पाए जाते हैं।
• बेर में मौजूद अमीनो एसिड बायोएक्टिव पदार्थ और एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव कैंसर कोशिकाओं से लड़ने में सहायता कर सकते हैं।
जरूरी बात : मधुमेह रोगियों को बेर का अधिक सेवन नुकसानदायक होता है। अधिक मात्रा में बेर खाने से गैस और पेट की सूजन जैसी समस्या पैदा हो सकती है। एलर्जी की स्थिति में बेर का सेवन हानिकारक हो सकता है।
विशेष : यहां बेर से जुड़ी विशुद्ध सामान्य जानकारी दी गई है, जिसे चिकित्सकीय परामर्श का विकल्प नहीं माना जा सकता है। हम बेर के किसी भी रूप में उपयोग, प्रयोग से लाभ का कोई दावा नहीं करते है। बेर को किसी भी रोग विशेष में औषधि के रूप में प्रयोग से पूर्व योग्य चिकित्सक/आयुर्वेदाचार्य/आहार विशेषज्ञ से परामर्श आवश्यक/अनिवार्य है।