Childs Eye Care Tips : हमारे भारत देश में धर्म ग्रंथों में प्रकृति की पूजा करने का विधान है, जिससे हमारे स्वास्थ्य पर कई तरह के सकारत्मक प्रभाव पड़ता हैं। घर के बड़े-बुजुर्ग हमेशा बच्चों को धूप दिखाने की सलाह देते हैं। सूरज की रोशनी हमें कई तरह की बीमारियों से बचाती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ज्यादा मात्रा में सूरज की रोशनी वास्तव में बच्चों की आंखों के स्वास्थ्य के लिए अच्छी हो सकती है? वास्तव में, यह हमारी आंखो के लिए बहुत ही आवश्यक हैं।
एम्स मे किये गये एक शोध के अनुसार पता चला हैं की अगर आपका बच्चा दिन में दो घंटे भी घर से बाहर सूरज की रोशनी मे बिताता है, तो उसे आंखो स्व संबंधित बिमारियों का खतरा कम हो जाता हैं। बाहर धूप में बिताया गया समय बच्चों मे निकटदृष्टि दोष यानी की मायोपिया का खतरा कम हो जाता है। करोना महामारी के चलतें बाहर धूप मे समय ना बिता पाने के कारण बच्चों मे निकटदृष्टि दोष की आशंका बढ़ गयी हैं ।
बच्चों पर किये गये शोध के अनुसार:
इसको जानने के लियें बाल नेत्र विभाग के डॉक्टरों ने दिल्ली में निजी स्कूल के और सरकारी स्कूल के तीन हजार बच्चों पर अध्यन किया गया।इस अध्यन के मध्यम से ये पता लगाने की कोशिश की गयी की सूरज की रोशनी का असर बच्चों की आंखो पर किस प्रकार पड़ता हैं। इसके लिए बच्चों को दो समूहों मे बाँटा गया। इनमे से एक समूह के बच्चों की जीवन शैली सामान्य रखी गयी वही दूसरी तरफ दूसरे समूह के बच्चो को दिन मे आधा घंटे और सप्ताह में पांच दिन कमरे से बाहर ले जा कर बैठाया गया। इस कार्य को लगभग दो साल तक किया गया। इसके साथ बच्चों पर होने वाले स्वास्थ्य के बदलाव पर भी नज़र रखी गयीं। इसके तीन साल बाद सभी बच्चों का परिक्षण किया गया। इस परिक्षण मे ये पाया गया की कमरे में रहने वाले बच्चो की अपेक्षा जो बच्चे आधे घंटे धूप या सूरज की रोशनी में रहे, उनकी आंखें बंद कमरे में रहने वाले बच्चों के मुकाबले ज्यादा स्वस्थ पाई गई। इसके साथ ही उनमे दृष्टि दोष की संभावना कम हो गयी।इस शोध से पता चला कि सूरज की रोशनी की मदद से आंखों में होने वाले दृष्टिदोष को रोका या स्थिर किया जा सकता है। ऐसे में यदि बच्चे दो घंटे सूरज की रोशनी में रहते हैं तो उनकी आंखों में दृष्टि दोष होने की आशंका घट जाती है।
Child Eyes Care Tips
बच्चो मे आंखो की बीमारी के लक्षण:
बच्चों की आंखो की जांच समय समय पर करवाते रहें।
बच्चों की आंखो मे कई तरह की परेशानी हो सकती हैं ।
आंखो से पानी आना।
बार बार आंखो को मलना।
दूर से शब्द ठीक से ना दिखाई देना।
बार बार आंखो को सिकोड़ना।
आंखो की बीमारी से बचने के उपाय:
बच्चें कम से कम फ़ोन का यूज करे ।
पढ़ाई के समय आंखो को बीच मे आंखो को आराम दे।
कम रोशनी में पढ़ाई ना करे।किताबो से उचित दूरी बना कर पढ़े ।
बच्चे खेलने के लिये बाहर सूरज की रोशनी मे जरुर जाये।
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