Tuesday, 6 May 2025

बच्चे के लिए गवाई अपनी जान, एक बार फिर कुत्ते ने दी वफादारी की मिसाल

Dogs: कर्नाटक के हासन जिले के कट्टाया गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना घटी, जिसमें एक पिटबुल और…

बच्चे के लिए गवाई अपनी जान, एक बार फिर कुत्ते ने दी वफादारी की मिसाल

Dogs: कर्नाटक के हासन जिले के कट्टाया गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना घटी, जिसमें एक पिटबुल और डाबरमैन ने अपनी अद्वितीय बहादुरी का प्रदर्शन करते हुए अपने मालिक के बच्चों को एक खतरनाक रैटलस्नेक से बचाया। इस संघर्ष में पिटबुल कुत्ता घायल हो गया और अपनी जान गंवा बैठा, लेकिन उसने सांप से लड़ते हुए बच्चों की जान बचाई इसीलिए यह माना जाता है कि कुत्तों(Dogs) से ज्यादा वफादार और कोई इस पृथ्वी पर औऱ कोई नहीं हो सकता। कुत्ते(Dogs) अपने मालिक से असीम प्रेम करते है और समय आने पर इस बात तो साबित भी कर देते है।

सांप का हमला और कुत्तों(Dogs) का संघर्ष

यह घटना शमंथ नामक व्यक्ति के बगीचे में हुई, जहां श्रमिकों ने शोर सुना और देखा कि एक रैटलस्नेक बगीचे में आ गया था। जब बच्चे घर के पास खेल रहे थे, सांप को देखते ही पिटबुल और डाबरमैन कुत्तों ने उसे तुरंत हमला कर दिया। कुत्तों (Dogs)ने सांप को नारियल के खोल के नीचे से निकाला और उसके साथ भीषण संघर्ष किया। पिटबुल जो एक ऐसी नसल का कुत्ता है जो पूरे देश में अपने खराब व्याहार के लिए बदनाम है उस कुत्ते(Dogs) ने सांप से लगभग पंद्रह मिनट तक संघर्ष किया और उसे दस टुकड़ों में काट डाला। इस दौरान सांप ने पिटबुल को काट लिया, जिससे कुत्ता गंभीर रूप से घायल हो गया और उसकी मौत हो गई।

15 सांपों को मारा, तेंदुए को भगाया: भीमा की अद्भुत बहादुरी

कर्नाटक के सामंत गौड़ा ने बताया कि उनका पिटबुल भीमा न केवल एक अद्वितीय ताकतवर कुत्ता था, बल्कि उसने कई बार अपनी बहादुरी और वफादारी का उदाहरण भी प्रस्तुत किया। भीमा ने अब तक लगभग 15 जहरीले सांपों को मार गिराया था और तेंदुओं को भी अपने खेतों में घुसने नहीं दिया।

गौड़ा ने बताया कि भीमा ने एक बार कोबरा से भी लड़ाई की, जब वह सांप द्वारा नाक के पास डस लिया गया था। बावजूद इसके, भीमा ने हार मानने के बजाय लगभग 40 मिनट तक कोबरा से संघर्ष किया। इस दौरान उसने सांप के 11 टुकड़े कर डाले। आखिरकार, सांप से लड़ते हुए भीमा ने अपनी अंतिम सांस ली, लेकिन उसने बच्चों और अपने मालिक को खतरे से बचा लिया।

गौड़ा ने यह भी बताया कि भीमा को उन्होंने एक दोस्त से खरीदा था, जब वह बहुत छोटा था, लेकिन अपनी ताकत से वह जल्द ही परिवार का एक अभिन्न हिस्सा बन गया। इस कुत्ते ने हर बार अपनी वफादारी और साहस का परिचय दिया, जो अब भी उसकी कड़ी मेहनत और बहादुरी का प्रतीक बन चुका है।

कुत्ते (Dogs)की वफादारी और कड़ी मेहनत

यह घटना कुत्तों(Dogs) की वफादारी का अनमोल उदाहरण है, क्योंकि पिटबुल ने अपनी जान की परवाह किए बिना बच्चों की रक्षा की। शमंथ के परिवार के लिए यह एक कठिन समय था, क्योंकि उन्होंने न केवल अपने पिटबुल को खो दिया, बल्कि उनके कुत्ते ने कई डॉग शो में पुरस्कार भी जीते थे। पिटबुल की बहादुरी और उसके परिवार के प्रति प्रेम ने इस परिवार के लिए कभी न भूलने वाला पल बना दिया।

कुत्तों(Dogs) की वफादारी का प्रतीक

कुत्तों(Dogs) को हमेशा इंसानों के प्रति उनकी वफादारी के लिए जाना जाता है। ये जानवर न केवल वफादार होते होते है बल्कि अपने परिवार को खुद से भी ज्यादा प्रेम करते है। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि कुत्ते(Dogs) अपने मालिकों के लिए अपनी जान भी जोखिम में डालने से नहीं कतराते। पिटबुल और डाबरमैन ने साबित कर दिया कि कुत्तों में एक अद्भुत भावना होती है, जो उन्हें हर हालत में अपने परिवार की रक्षा के लिए प्रेरित करती है।Dogs:

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