VHP का नया अभियान शुरू, हर गली में लगेगा ‘सनातनी दुकान’ का टैग
Delhi News
भारत
चेतना मंच
12 JUL 2025 08:11 AM
Delhi News : दिल्ली में सावन महीने की शुरुआत के साथ ही कांवड़ यात्रा को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। इसी कड़ी में विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने राजधानी दिल्ली में एक अनोखा अभियान शुरू किया है, जिसके तहत कांवड़ मार्ग पर स्थित दुकानों को सनातनी सर्टिफिकेट दिया जा रहा है। इस सर्टिफिकेट के जरिए यात्रियों को बताया जाएगा कि कौन-सी दुकानें सनातन हिंदू परंपरा और शाकाहारी आचार संहिता का पालन करती हैं।
कैसे किया जा रहा है सर्वे?
वीएचपी के इस अभियान का उद्देश्य कांवड़ यात्रा के दौरान शिवभक्तों को पवित्र और शुद्ध भोजन उपलब्ध कराना है। इसके तहत केवल उन्हीं दुकानों, रेस्टोरेंट और होटल्स को ‘सनातनी प्रतिष्ठान’ का स्टिकर मिलेगा, जो पूरी तरह शाकाहारी हैं और सनातन धर्म के सिद्धांतों के अनुरूप संचालित होते हैं। VHP ने इस अभियान के लिए दिल्ली के 173 ब्लॉकों में 150 टीमें तैनात की हैं। ये टीमें स्थानीय धार्मिक संस्थाओं और सामाजिक संगठनों के सहयोग से कांवड़ मार्ग पर स्थित दुकानों का निरीक्षण कर रही हैं। निरीक्षण के दौरान ये टीमें यह जांचती हैं कि, दुकान में क्या वस्तुएं बेची जा रही हैं, रसोई में क्या पकाया जा रहा है, स्टाफ द्वारा स्वच्छता और धार्मिक मानकों का पालन हो रहा है या नहीं। जिन प्रतिष्ठानों को उपयुक्त पाया जाता है उन्हें एक विशेष स्टिकर दिया जाता है जिस पर लिखा होता है, "यह एक सनातन हिंदू प्रतिष्ठान है और सनातन धर्म के सिद्धांतों के अनुसार संचालित होता है।"
मीट की दुकानों पर सख्ती की तैयारी
वीएचपी दिल्ली के राज्य मंत्री सुरेंद्र गुप्ता के मुताबिक, यह अभियान जुलाई महीने भर चलेगा और करीब 5,000 दुकानों का सर्वे करने का लक्ष्य रखा गया है। उनका कहना है कि इसका मकसद हरिद्वार, हरियाणा और राजस्थान जैसे स्थानों की ओर जाने वाले कांवड़ियों को धार्मिक पवित्रता बनाए रखने में मदद देना है। कांवड़ यात्रा मार्ग पर धार्मिक भावनाओं को देखते हुए दिल्ली सरकार भी सक्रिय हो गई है। दिल्ली के मंत्री कपिल मिश्रा ने घोषणा की है कि यात्रा के दौरान उन मार्गों पर स्थित मांस की दुकानें और अन्य असुविधाजनक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। दिल्ली के मेयर राजबल यादव ने भी इस निर्णय का समर्थन करते हुए कहा कि पहले दुकानदारों से स्वेच्छा से दुकानें बंद करने की अपील की जाएगी, और ज़रूरत पड़ने पर एमसीडी द्वारा दिशा-निर्देश भी जारी किए जा सकते हैं।
2021 के मुक़ाबले 19 फीसदी की वृद्धि हुई है पराली जलाने में ।
हद हो गई इस शहर की। हैरानी इस बात की है कि जानता हर कोई है। क्या ये राजनीति करण है? या सच में अनभिज्ञता, यकीन मानिए जनता बहुत हैरान सी है। जब भी कोई आपदा आती है तो देश के कर्णधार और कुछ नहीं तो हेलिकोप्टर से जाकर औचक निरीक्षण कर ही आते हैं । जैसा कि कहीं पर बाढ़ आ जाये तो बाढ़ पीढ़ित क्षेत्रों का यदि निरीक्षण होता है। तो वहाँ मुसीबत में फंसे लोगों को रसद ही पहुंचा दी जाती है। लेकिन यहाँ तो मामला दिल्ली, एन.सी.आर की साँसों का है। हैरानी ये भी है कि प्रदूषण कहाँ से है, क्यों है? इसे कैसे रोका जाये या पहले से ही रोका जाता ?
दिल्ली बन गई गैस का चेंबर ...
ये भी तो सब जानते हैं। फिर भी ये तो सालों साल बढ रहा है। ये भी सभी जानते हैं। क्योंकि ये कोई 2022 का मामला तो है नहीं प्रदूषण की दर सालों साल बढ़ ही रही है। छोटे छोटे बच्चों को नेबुलाईजर लगाने को गरीब तथा मध्यम वर्गीय आदमी सरकारी अस्पताल में तथा जिनकी नहीं भी गुंजाइश वे प्राइवेट अस्पतालों में लाइने लगा रहे हैं। क्योंकि मामला अपने जिगर के टुकडों की साँसों का है। सीनियर सुपर सीनियर नागरिक इन्हेलर लेकर खुद को जीवित रखे हुए हैं। झुग्गी झोंपड़ियों में बूढ़े – बुढियां खाँस खाँस के परेशान हैं और फिर खाँस रहे हैं। यहाँ मामला पत्र लिखकर आरोप – प्रत्यारोप से ही आगे नहीं बढ़ता । आखिर कब तक?
दिल्ली बन गई गैस का चेंबर ...
अब तो आम आदमी भी ये चर्चा करने लगा है। क्यों इसको रोकने के लिए ठोस उपाय नहीं किए जाते? कहीं कहीं तो अब शंका भी होने लगती है कि कहीं राजनीतिक महत्वाकांक्षा की वजह से ही तो पराली जलाने पर रोक नहीं लगती? यदि लगती है तो ये कैसी रोक है? जिसका औचक निरीक्षण कर उपाय भी नहीं किया जा सकता। हम सभी जानते हैं कि प्रकृति के साथ तो हम जैसा करेंगे वैसा ही हमें परिणाम भी भुगतना होगा। हमने स्वयम देखा है कि करोना काल में जब मानव समेत समस्त मशीनें, वाहन, फैक्ट्रियाँ आदि बंद पड़ी थी तो वातावरण शुद्ध भी हुआ था । हम सभी जानते हैं कि वायु प्रदूषण सबसे खतरनाक प्रदूषण है फिर इसको किसके लिए छोड़ दिया जाता है । दिल्ली एन.सी.आर इस वर्ष फिर गैस चंबर में परिवर्तित हो गया है। 24 अक्तूबर से 2 नवम्बर 2022 तक 2021 के मुक़ाबले पराली जलाने में 19 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। प्रामाणिक आंकडो के अनुसार 2021 में इसी दौरान जहां 18066 मामले सामने आए थे। 2022 में यह बड़कर 21840 पर पहुँच गये हैं। आम पब्लिक राजनीति नहीं दाल, रोटी के साथ नीला आसमान तथा शुद्ध साँसों की उम्मीद करती है। सरकार चाहे जो भी हों दिल्ली एन.सी.आर का प्रदूषण बेहद खतरनाक स्तर पर पहुँच चुका है। धुएँ के कारण इसका अति गंभीर श्रेणी में पहुँचने का खतरा मंडरा रहा है। काश कोई हेलीकॉप्टर से जाता और इस जान लेवा धुएं से दिल्ली एन. सी. आर को निजात दिलवा देता ।
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चेतना मंच
05 NOV 2022 05:51 PM
2021 के मुक़ाबले 19 फीसदी की वृद्धि हुई है पराली जलाने में ।
हद हो गई इस शहर की। हैरानी इस बात की है कि जानता हर कोई है। क्या ये राजनीति करण है? या सच में अनभिज्ञता, यकीन मानिए जनता बहुत हैरान सी है। जब भी कोई आपदा आती है तो देश के कर्णधार और कुछ नहीं तो हेलिकोप्टर से जाकर औचक निरीक्षण कर ही आते हैं । जैसा कि कहीं पर बाढ़ आ जाये तो बाढ़ पीढ़ित क्षेत्रों का यदि निरीक्षण होता है। तो वहाँ मुसीबत में फंसे लोगों को रसद ही पहुंचा दी जाती है। लेकिन यहाँ तो मामला दिल्ली, एन.सी.आर की साँसों का है। हैरानी ये भी है कि प्रदूषण कहाँ से है, क्यों है? इसे कैसे रोका जाये या पहले से ही रोका जाता ?
दिल्ली बन गई गैस का चेंबर ...
ये भी तो सब जानते हैं। फिर भी ये तो सालों साल बढ रहा है। ये भी सभी जानते हैं। क्योंकि ये कोई 2022 का मामला तो है नहीं प्रदूषण की दर सालों साल बढ़ ही रही है। छोटे छोटे बच्चों को नेबुलाईजर लगाने को गरीब तथा मध्यम वर्गीय आदमी सरकारी अस्पताल में तथा जिनकी नहीं भी गुंजाइश वे प्राइवेट अस्पतालों में लाइने लगा रहे हैं। क्योंकि मामला अपने जिगर के टुकडों की साँसों का है। सीनियर सुपर सीनियर नागरिक इन्हेलर लेकर खुद को जीवित रखे हुए हैं। झुग्गी झोंपड़ियों में बूढ़े – बुढियां खाँस खाँस के परेशान हैं और फिर खाँस रहे हैं। यहाँ मामला पत्र लिखकर आरोप – प्रत्यारोप से ही आगे नहीं बढ़ता । आखिर कब तक?
दिल्ली बन गई गैस का चेंबर ...
अब तो आम आदमी भी ये चर्चा करने लगा है। क्यों इसको रोकने के लिए ठोस उपाय नहीं किए जाते? कहीं कहीं तो अब शंका भी होने लगती है कि कहीं राजनीतिक महत्वाकांक्षा की वजह से ही तो पराली जलाने पर रोक नहीं लगती? यदि लगती है तो ये कैसी रोक है? जिसका औचक निरीक्षण कर उपाय भी नहीं किया जा सकता। हम सभी जानते हैं कि प्रकृति के साथ तो हम जैसा करेंगे वैसा ही हमें परिणाम भी भुगतना होगा। हमने स्वयम देखा है कि करोना काल में जब मानव समेत समस्त मशीनें, वाहन, फैक्ट्रियाँ आदि बंद पड़ी थी तो वातावरण शुद्ध भी हुआ था । हम सभी जानते हैं कि वायु प्रदूषण सबसे खतरनाक प्रदूषण है फिर इसको किसके लिए छोड़ दिया जाता है । दिल्ली एन.सी.आर इस वर्ष फिर गैस चंबर में परिवर्तित हो गया है। 24 अक्तूबर से 2 नवम्बर 2022 तक 2021 के मुक़ाबले पराली जलाने में 19 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। प्रामाणिक आंकडो के अनुसार 2021 में इसी दौरान जहां 18066 मामले सामने आए थे। 2022 में यह बड़कर 21840 पर पहुँच गये हैं। आम पब्लिक राजनीति नहीं दाल, रोटी के साथ नीला आसमान तथा शुद्ध साँसों की उम्मीद करती है। सरकार चाहे जो भी हों दिल्ली एन.सी.आर का प्रदूषण बेहद खतरनाक स्तर पर पहुँच चुका है। धुएँ के कारण इसका अति गंभीर श्रेणी में पहुँचने का खतरा मंडरा रहा है। काश कोई हेलीकॉप्टर से जाता और इस जान लेवा धुएं से दिल्ली एन. सी. आर को निजात दिलवा देता ।
Noida News : ज़हरीली हवा साँस फूलने के साथ बढ़ा रही जोड़ों का ददर्: डॉ. डीके गुप्ता
Dr. DK Gupta
भारत
चेतना मंच
05 NOV 2022 05:20 PM
Noida News : नोएडा। दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण ने लोगों की सांसे खतरे में डाल दी हैं। लगातार धुएं की परत दिल्ली-एनसीआर के शहरों पर छाई हुर्ई हैं। इससे लोगों को कई शारीरिक परेशानियां भी झेलनी पड़ रही हैं। इन दिनों शहर की हवा खुले में साँस लेने लायक नहीं है। इसमें अगर आप ज़्यादा देर बाहर मौजूद रहे, तो आपका बीमार पडऩा तय है। फेलिक्स हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ. डीके गुप्ता का कहना है कि गंभीर प्रदूषण को देखते हुए क्लास 1 से 8वीं तक स्कूल बंद कर दिए गए हैं।
Noida News :
डीजल के वाहनों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। दिवाली के बाद हवा भी बुरी तरह बिगड़ गई है। यहाँ भी दो सप्ताह से स्थिति बेहद खऱाब है। सुबह और शाम के वक्त प्रदूषण का प्रकोप सर्वाधिक है। साथ में नमी और धुंध से साँस लेना तक दुश्वार है। सबसे खऱाब स्थिति आवास विकास कॉलोनी की है। यहाँ पीएम 2.5 आकार के अति सूक्ष्म कणों की अधिकतम मौजूदगी 380 माइक्रोग्राम पर मीटर क्यूब तक पहुँच गई है। जबकि यहाँ धूल कणों की अधिकतम मौजूदगी 400 के पार हो गई है। इस लिहाज से यह 'वेरी पुअर' ज़ोन में है।
ज़हरीली हवा साँस फूलने के साथ जोड़ों में दर्द बढ़ा रही है। अस्पताल में खांसी, ज़ुकाम और साँस लेने में कठिनाई महसूस करने वाले लोग बड़ी संख्या में आ रहे हैं। इसे लेकर प्रदूषण से बचने के लिए लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी है। सीपीसीबी की गाइडलाइन के अनुसार हवा में धुली अति सूक्ष्म कणों की मात्रा 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर व धूल कणों की मात्रा 100 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए। हवा की गुणवत्ता खऱाब होने के साथ ही मौसम में बदलाव भी रोगियों की श्वसन संबंधी समस्या का एक प्रमुख कारण है। अस्पतालों में ऐसे रोगी भी आ रहे हैं जिन्हें पहले साँस संबंधी कोई समस्या नहीं रही है।
दिल के रोगी ये ध्यान रखें
? विशेषज्ञों ने बताया कि ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखें। नमक का सेवन कम करें। मक्खन व घी का प्रयोग सीमित मात्रा में करें
? तरल पदार्थ लेते रहें। ठंडे पानी के बजाय गुनगुना पानी पीएं
? व्यायाम बेहद ज़रूरी है। शरीर से पसीना नहीं निकलेगा तो दिल के दौरे का ख़तरा अधिक रहेगा
? तापमान में कमी की वजह से बाहर प्रदूषण अधिक होता है, इसलिए घर के अंदर ही व्यायाम करें
? अधिक वसा युक्त चीजें और सिगरेट से दूर रहें
ऐसे करें बचाव
? सुबह-शाम बाहर निकलने से बचें
? एक्यूआई इंडेक्स 200 से ज़्यादा होने पर क्रिकेट, हॉकी, साइकलिंग, मैराथन से परहेज़ करें
? प्रदूषण स्तर अधिक होने पर पार्क में दौडऩे और टहलने न जाएं
? प्रदूषण स्तर 300 से अधिक हो तो लंबी दूरी की सैर न करें
? जब स्तर 400 के पार हो तो घर के अंदर रहें, सामान्य सैर भी न करें
? बेहतर गुणवत्ता के मास्क का इस्तेमाल ज़रूरी है
? तरल पदार्थ लेते रहें और खुद को डिहाइड्रेट न होने दें
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चेतना मंच
05 NOV 2022 05:20 PM
Noida News : नोएडा। दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण ने लोगों की सांसे खतरे में डाल दी हैं। लगातार धुएं की परत दिल्ली-एनसीआर के शहरों पर छाई हुर्ई हैं। इससे लोगों को कई शारीरिक परेशानियां भी झेलनी पड़ रही हैं। इन दिनों शहर की हवा खुले में साँस लेने लायक नहीं है। इसमें अगर आप ज़्यादा देर बाहर मौजूद रहे, तो आपका बीमार पडऩा तय है। फेलिक्स हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ. डीके गुप्ता का कहना है कि गंभीर प्रदूषण को देखते हुए क्लास 1 से 8वीं तक स्कूल बंद कर दिए गए हैं।
Noida News :
डीजल के वाहनों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। दिवाली के बाद हवा भी बुरी तरह बिगड़ गई है। यहाँ भी दो सप्ताह से स्थिति बेहद खऱाब है। सुबह और शाम के वक्त प्रदूषण का प्रकोप सर्वाधिक है। साथ में नमी और धुंध से साँस लेना तक दुश्वार है। सबसे खऱाब स्थिति आवास विकास कॉलोनी की है। यहाँ पीएम 2.5 आकार के अति सूक्ष्म कणों की अधिकतम मौजूदगी 380 माइक्रोग्राम पर मीटर क्यूब तक पहुँच गई है। जबकि यहाँ धूल कणों की अधिकतम मौजूदगी 400 के पार हो गई है। इस लिहाज से यह 'वेरी पुअर' ज़ोन में है।
ज़हरीली हवा साँस फूलने के साथ जोड़ों में दर्द बढ़ा रही है। अस्पताल में खांसी, ज़ुकाम और साँस लेने में कठिनाई महसूस करने वाले लोग बड़ी संख्या में आ रहे हैं। इसे लेकर प्रदूषण से बचने के लिए लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी है। सीपीसीबी की गाइडलाइन के अनुसार हवा में धुली अति सूक्ष्म कणों की मात्रा 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर व धूल कणों की मात्रा 100 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए। हवा की गुणवत्ता खऱाब होने के साथ ही मौसम में बदलाव भी रोगियों की श्वसन संबंधी समस्या का एक प्रमुख कारण है। अस्पतालों में ऐसे रोगी भी आ रहे हैं जिन्हें पहले साँस संबंधी कोई समस्या नहीं रही है।
दिल के रोगी ये ध्यान रखें
? विशेषज्ञों ने बताया कि ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखें। नमक का सेवन कम करें। मक्खन व घी का प्रयोग सीमित मात्रा में करें
? तरल पदार्थ लेते रहें। ठंडे पानी के बजाय गुनगुना पानी पीएं
? व्यायाम बेहद ज़रूरी है। शरीर से पसीना नहीं निकलेगा तो दिल के दौरे का ख़तरा अधिक रहेगा
? तापमान में कमी की वजह से बाहर प्रदूषण अधिक होता है, इसलिए घर के अंदर ही व्यायाम करें
? अधिक वसा युक्त चीजें और सिगरेट से दूर रहें
ऐसे करें बचाव
? सुबह-शाम बाहर निकलने से बचें
? एक्यूआई इंडेक्स 200 से ज़्यादा होने पर क्रिकेट, हॉकी, साइकलिंग, मैराथन से परहेज़ करें
? प्रदूषण स्तर अधिक होने पर पार्क में दौडऩे और टहलने न जाएं
? प्रदूषण स्तर 300 से अधिक हो तो लंबी दूरी की सैर न करें
? जब स्तर 400 के पार हो तो घर के अंदर रहें, सामान्य सैर भी न करें
? बेहतर गुणवत्ता के मास्क का इस्तेमाल ज़रूरी है
? तरल पदार्थ लेते रहें और खुद को डिहाइड्रेट न होने दें
Noida News : जिला प्रशिक्षण वर्ग को सफल बनाने में जुट जाएं : अवाना
A meeting was organized at the office of MLA Pankaj Singh.
भारत
चेतना मंच
05 NOV 2022 05:08 PM
Noida News : नोएडा। भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा नोएडा महानगर के जिला अध्यक्ष ओमवीर अवाना की अध्यक्षता में सेक्टर-26 स्थित विधायक पंकज सिंह के कार्यालय पर बैठक का आयोजन किया गया ,जिसमें पार्टी के आगामी कार्यक्रम जिला प्रशिक्षण वर्ग की रूपरेखा तैयार की गई ।
Noida News :
इस जिला बैठक को संबोधित करते हुए किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष ओमवीर अवाना ने सभी जिला पदाधिकारी और मंडल अध्यक्ष व मंडल महामंत्री को सम्बोधित करते हुए कहा कि सभी लोग जिला प्रशिक्षण वर्ग को सफल बनाने में जुट जाए।
जिला प्रशिक्षण वर्ग को सफल बनाने के लिए जिला अध्यक्ष ओमबीर अवाना ने जिला उपाध्यक्ष अजय यादव को कार्यक्रम संयोजक और जिला उपाध्यक्ष रोहित शर्मा को कार्यक्रम सह संयोजक बनाया गया।
इस मौके पर किसान मोर्चा के जिला महामंत्री घनश्याम यादव , मुक्तानंद प्रधान, उपाध्यक्ष इंद्राज खटाना, जिला मंत्री अनिल मास्टर, सतपाल अवाना, विजय अवाना, सर्वेश कुमार सिंह, जिला मीडिया प्रभारी प्रवीण कुमार झा, जिला मीडिया सह प्रभारी सौरभ बैसोया, जिला कार्यकारिणी सदस्य भागवत दयाल शर्मा ,अशोक यादव और मंडल अध्यक्ष प्रमोद कुमार , शक्ति सिंह गुर्जर, प्रदीप शर्मा, महेश चंद्र, संजीव पटेल, मंडल महामंत्री बलवंत सिंह, हिमाशु शर्मा, रविन्द्र यादव, लीलू अवाना, एव बबलू यादव , आदेश यादव, श्याम प्रकाश, मनोज कुमार अग्रवाल, पंडित प्रदीप त्यागी सहित सभी जिला पदाधिकारी और मंडल अध्यक्ष व मंडल महामंत्री उपस्थित रहे।
भारत
चेतना मंच
05 NOV 2022 05:08 PM
Noida News : नोएडा। भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा नोएडा महानगर के जिला अध्यक्ष ओमवीर अवाना की अध्यक्षता में सेक्टर-26 स्थित विधायक पंकज सिंह के कार्यालय पर बैठक का आयोजन किया गया ,जिसमें पार्टी के आगामी कार्यक्रम जिला प्रशिक्षण वर्ग की रूपरेखा तैयार की गई ।
Noida News :
इस जिला बैठक को संबोधित करते हुए किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष ओमवीर अवाना ने सभी जिला पदाधिकारी और मंडल अध्यक्ष व मंडल महामंत्री को सम्बोधित करते हुए कहा कि सभी लोग जिला प्रशिक्षण वर्ग को सफल बनाने में जुट जाए।
जिला प्रशिक्षण वर्ग को सफल बनाने के लिए जिला अध्यक्ष ओमबीर अवाना ने जिला उपाध्यक्ष अजय यादव को कार्यक्रम संयोजक और जिला उपाध्यक्ष रोहित शर्मा को कार्यक्रम सह संयोजक बनाया गया।
इस मौके पर किसान मोर्चा के जिला महामंत्री घनश्याम यादव , मुक्तानंद प्रधान, उपाध्यक्ष इंद्राज खटाना, जिला मंत्री अनिल मास्टर, सतपाल अवाना, विजय अवाना, सर्वेश कुमार सिंह, जिला मीडिया प्रभारी प्रवीण कुमार झा, जिला मीडिया सह प्रभारी सौरभ बैसोया, जिला कार्यकारिणी सदस्य भागवत दयाल शर्मा ,अशोक यादव और मंडल अध्यक्ष प्रमोद कुमार , शक्ति सिंह गुर्जर, प्रदीप शर्मा, महेश चंद्र, संजीव पटेल, मंडल महामंत्री बलवंत सिंह, हिमाशु शर्मा, रविन्द्र यादव, लीलू अवाना, एव बबलू यादव , आदेश यादव, श्याम प्रकाश, मनोज कुमार अग्रवाल, पंडित प्रदीप त्यागी सहित सभी जिला पदाधिकारी और मंडल अध्यक्ष व मंडल महामंत्री उपस्थित रहे।