प्रदूषण पर इमरजेंसी ब्रेक: दिल्ली में AQI 400 पार, GRAP-3 हुआ एक्टिव
GRAP-3 लागू होते ही दिल्ली-NCR में गैर-आवश्यक निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। इसका मतलब साफ है अब मिट्टी से जुड़ा काम, पाइलिंग, खुली खुदाई/खाइयों की खुदाई, वेल्डिंग, पेंटिंग, प्लास्टरिंग, टाइल्स और फ्लोरिंग जैसे कार्य फिलहाल नहीं हो सकेंगे।

Delhi News : दिल्ली में प्रदूषण का ग्राफ एक बार फिर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। शनिवार सुबह धुंध की चादर के साथ राजधानी की वायु गुणवत्ता तेजी से बिगड़ी और AQI 400 के पार चला गया। हालात को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने दिल्ली-NCR में GRAP-3 के सभी प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से लागू कर दिए हैं, ताकि प्रदूषण पर जल्द नियंत्रण किया जा सके। दिल्ली के कई इलाकों में हवा “रेड जोन” में दर्ज की गई। रिपोर्ट के मुताबिक वजीरपुर में AQI 443 रिकॉर्ड हुआ, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है। इसी तेज गिरावट के बाद GRAP-3 लागू करने का फैसला लिया गया।
GRAP-3 में क्या-क्या सख्तियां लागू हुईं?
1 - गैर-जरूरी निर्माण-तोड़फोड़ पर ब्रेक: GRAP-3 लागू होते ही दिल्ली-NCR में गैर-आवश्यक निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। इसका मतलब साफ है अब मिट्टी से जुड़ा काम, पाइलिंग, खुली खुदाई/खाइयों की खुदाई, वेल्डिंग, पेंटिंग, प्लास्टरिंग, टाइल्स और फ्लोरिंग जैसे कार्य फिलहाल नहीं हो सकेंगे। इतना ही नहीं, प्रदूषण बढ़ाने वाली गतिविधियों पर लगाम कसते हुए रेडी-मिक्स कंक्रीट (RMC) प्लांट्स का संचालन बंद रहेगा और सीमेंट, रेत व फ्लाई ऐश जैसी निर्माण सामग्री के परिवहन पर भी पाबंदी लागू की गई है। हालांकि, मेट्रो, एयरपोर्ट, रक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ी आवश्यक परियोजनाओं को राहत दी गई हैलेकिन शर्त यह है कि काम के दौरान धूल नियंत्रण (डस्ट कंट्रोल) के सख्त उपायों का पालन हर हाल में करना होगा।
2 - प्रदूषणकारी ईंधन वाले उद्योगों पर कार्रवाई - GRAP-3 के तहत इस बार औद्योगिक प्रदूषण पर सीधी चोट की गई है। कोयला, लकड़ी और अन्य धुआं छोड़ने वाले ईंधन से चलने वाले उद्योगों का संचालन अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया है, ताकि हवा में ज़हर घोलने वाले उत्सर्जन को तुरंत कम किया जा सके। इसके अलावा पत्थर तोड़ने वाली मशीनों को बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं और कोयला/लिग्नाइट आधारित थर्मल पावर प्लांट्स पर रोक या सख्त निगरानी लागू की गई है। सबसे बड़ा कदम यह कि पूरे NCR में खनन और उससे जुड़ी सभी गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है—यानी धूल, धुआं और भारी उत्सर्जन वाले स्रोतों पर एक साथ “ब्रेक” लगाने की कोशिश की गई है।
3) वाहनों पर कड़े प्रतिबंध - GRAP-3 के तहत प्रदूषण पर लगाम कसने के लिए ट्रैफिक और डीज़ल उत्सर्जन पर सख्त कदम उठाए गए हैं। दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर में अब BS-III पेट्रोल और BS-IV डीज़ल चार पहिया (LMV) वाहनों का संचालन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। इसके साथ ही दिल्ली में पुराने डीजल गुड्स वाहनों को सड़कों से दूर रखने का आदेश दिया गया है। मानवीय आधार पर दिव्यांग व्यक्तियों को इन नियमों से छूट दी गई है, जबकि आपात सेवाओं को छोड़कर डीजल जनरेटर सेट्स के इस्तेमाल पर भी पूरी रोक लगा दी गई है—ताकि धुएं के बड़े स्रोतों पर एक साथ प्रभावी ब्रेक लगाया जा सके।
4) स्कूल और ऑफिस के लिए भी नए नियम- GRAP-3 के लागू होते ही दिल्ली-NCR में पढ़ाई और कामकाज के तरीके में भी बदलाव कर दिया गया है। बच्चों की सेहत को प्राथमिकता देते हुए कक्षा 5 तक के विद्यार्थियों के लिए हाइब्रिड/ऑनलाइन क्लास अनिवार्य की गई है। वहीं बड़ी कक्षाओं की पढ़ाई ऑफलाइन जारी रहेगी, लेकिन स्कूलों में मास्क, दूरी और अन्य एहतियात का पालन सख्ती से करना होगा। दूसरी तरफ, प्रदूषण के बीच भीड़ और ट्रैफिक कम करने के लिए सरकारी, नगर निगम और निजी कार्यालयों में केवल 50% कर्मचारियों की उपस्थिति की अनुमति दी गई है, जबकि बाकी स्टाफ को वर्क फ्रॉम होम देने के निर्देश हैं। जरूरत पड़ने पर केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों के लिए अलग गाइडलाइन जारी कर सकती है और हालात बिगड़ने पर ऑफिस टाइमिंग में बदलाव का विकल्प भी खुला रखा गया है।
धूल और धुएं पर भी सख्ती बढ़ी
दिल्ली-NCR में प्रदूषण को नीचे लाने के लिए अब फोकस सड़क की धूल और खुले में धुएं के स्रोत पर तेज किया जा रहा है। प्रशासन मैकेनाइज्ड सफाई के साथ सड़कों पर पानी का नियमित छिड़काव बढ़ाएगा और संवेदनशील इलाकों में एंटी-स्मॉग गन का ज्यादा उपयोग किया जाएगा, ताकि हवा में उड़ने वाले सूक्ष्म कणों पर काबू पाया जा सके। वहीं कचरा जलाने पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा और नियम तोड़ने वालों पर कार्रवाई की बात कही गई है। ट्रैफिक घटाकर उत्सर्जन कम करने के लिए CNG/इलेक्ट्रिक बसों और मेट्रो की फ्रीक्वेंसी बढ़ाने पर जोर होगा, ताकि लोग निजी वाहनों के बजाय पब्लिक ट्रांसपोर्ट चुनें। उधर, सांस और आंखों से जुड़ी शिकायतों के बढ़ने की आशंका को देखते हुए अस्पतालों में भी मरीजों की बढ़ती संख्या संभालने के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं की क्षमता बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। Delhi News
Delhi News : दिल्ली में प्रदूषण का ग्राफ एक बार फिर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। शनिवार सुबह धुंध की चादर के साथ राजधानी की वायु गुणवत्ता तेजी से बिगड़ी और AQI 400 के पार चला गया। हालात को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने दिल्ली-NCR में GRAP-3 के सभी प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से लागू कर दिए हैं, ताकि प्रदूषण पर जल्द नियंत्रण किया जा सके। दिल्ली के कई इलाकों में हवा “रेड जोन” में दर्ज की गई। रिपोर्ट के मुताबिक वजीरपुर में AQI 443 रिकॉर्ड हुआ, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है। इसी तेज गिरावट के बाद GRAP-3 लागू करने का फैसला लिया गया।
GRAP-3 में क्या-क्या सख्तियां लागू हुईं?
1 - गैर-जरूरी निर्माण-तोड़फोड़ पर ब्रेक: GRAP-3 लागू होते ही दिल्ली-NCR में गैर-आवश्यक निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। इसका मतलब साफ है अब मिट्टी से जुड़ा काम, पाइलिंग, खुली खुदाई/खाइयों की खुदाई, वेल्डिंग, पेंटिंग, प्लास्टरिंग, टाइल्स और फ्लोरिंग जैसे कार्य फिलहाल नहीं हो सकेंगे। इतना ही नहीं, प्रदूषण बढ़ाने वाली गतिविधियों पर लगाम कसते हुए रेडी-मिक्स कंक्रीट (RMC) प्लांट्स का संचालन बंद रहेगा और सीमेंट, रेत व फ्लाई ऐश जैसी निर्माण सामग्री के परिवहन पर भी पाबंदी लागू की गई है। हालांकि, मेट्रो, एयरपोर्ट, रक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ी आवश्यक परियोजनाओं को राहत दी गई हैलेकिन शर्त यह है कि काम के दौरान धूल नियंत्रण (डस्ट कंट्रोल) के सख्त उपायों का पालन हर हाल में करना होगा।
2 - प्रदूषणकारी ईंधन वाले उद्योगों पर कार्रवाई - GRAP-3 के तहत इस बार औद्योगिक प्रदूषण पर सीधी चोट की गई है। कोयला, लकड़ी और अन्य धुआं छोड़ने वाले ईंधन से चलने वाले उद्योगों का संचालन अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया है, ताकि हवा में ज़हर घोलने वाले उत्सर्जन को तुरंत कम किया जा सके। इसके अलावा पत्थर तोड़ने वाली मशीनों को बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं और कोयला/लिग्नाइट आधारित थर्मल पावर प्लांट्स पर रोक या सख्त निगरानी लागू की गई है। सबसे बड़ा कदम यह कि पूरे NCR में खनन और उससे जुड़ी सभी गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है—यानी धूल, धुआं और भारी उत्सर्जन वाले स्रोतों पर एक साथ “ब्रेक” लगाने की कोशिश की गई है।
3) वाहनों पर कड़े प्रतिबंध - GRAP-3 के तहत प्रदूषण पर लगाम कसने के लिए ट्रैफिक और डीज़ल उत्सर्जन पर सख्त कदम उठाए गए हैं। दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर में अब BS-III पेट्रोल और BS-IV डीज़ल चार पहिया (LMV) वाहनों का संचालन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। इसके साथ ही दिल्ली में पुराने डीजल गुड्स वाहनों को सड़कों से दूर रखने का आदेश दिया गया है। मानवीय आधार पर दिव्यांग व्यक्तियों को इन नियमों से छूट दी गई है, जबकि आपात सेवाओं को छोड़कर डीजल जनरेटर सेट्स के इस्तेमाल पर भी पूरी रोक लगा दी गई है—ताकि धुएं के बड़े स्रोतों पर एक साथ प्रभावी ब्रेक लगाया जा सके।
4) स्कूल और ऑफिस के लिए भी नए नियम- GRAP-3 के लागू होते ही दिल्ली-NCR में पढ़ाई और कामकाज के तरीके में भी बदलाव कर दिया गया है। बच्चों की सेहत को प्राथमिकता देते हुए कक्षा 5 तक के विद्यार्थियों के लिए हाइब्रिड/ऑनलाइन क्लास अनिवार्य की गई है। वहीं बड़ी कक्षाओं की पढ़ाई ऑफलाइन जारी रहेगी, लेकिन स्कूलों में मास्क, दूरी और अन्य एहतियात का पालन सख्ती से करना होगा। दूसरी तरफ, प्रदूषण के बीच भीड़ और ट्रैफिक कम करने के लिए सरकारी, नगर निगम और निजी कार्यालयों में केवल 50% कर्मचारियों की उपस्थिति की अनुमति दी गई है, जबकि बाकी स्टाफ को वर्क फ्रॉम होम देने के निर्देश हैं। जरूरत पड़ने पर केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों के लिए अलग गाइडलाइन जारी कर सकती है और हालात बिगड़ने पर ऑफिस टाइमिंग में बदलाव का विकल्प भी खुला रखा गया है।
धूल और धुएं पर भी सख्ती बढ़ी
दिल्ली-NCR में प्रदूषण को नीचे लाने के लिए अब फोकस सड़क की धूल और खुले में धुएं के स्रोत पर तेज किया जा रहा है। प्रशासन मैकेनाइज्ड सफाई के साथ सड़कों पर पानी का नियमित छिड़काव बढ़ाएगा और संवेदनशील इलाकों में एंटी-स्मॉग गन का ज्यादा उपयोग किया जाएगा, ताकि हवा में उड़ने वाले सूक्ष्म कणों पर काबू पाया जा सके। वहीं कचरा जलाने पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा और नियम तोड़ने वालों पर कार्रवाई की बात कही गई है। ट्रैफिक घटाकर उत्सर्जन कम करने के लिए CNG/इलेक्ट्रिक बसों और मेट्रो की फ्रीक्वेंसी बढ़ाने पर जोर होगा, ताकि लोग निजी वाहनों के बजाय पब्लिक ट्रांसपोर्ट चुनें। उधर, सांस और आंखों से जुड़ी शिकायतों के बढ़ने की आशंका को देखते हुए अस्पतालों में भी मरीजों की बढ़ती संख्या संभालने के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं की क्षमता बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। Delhi News












