दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला : मजदूरों को ₹10,000 मुआवजा देने का किया ऐलान
इसी को देखते हुए सरकार ने रजिस्टर्ड निर्माण श्रमिकों को ₹10,000 की आर्थिक सहायता DBT के जरिए सीधे बैंक खातों में भेजने का निर्णय लिया है। मंत्री के अनुसार, यह सहायता मौजूदा अवधि (करीब 16 दिन) के नुकसान को देखते हुए दी जाएगी, और जरूरत पड़ने पर GRAP-4 की स्थिति में भी राहत जारी रहने की बात कही गई है।

Delhi News : राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति लगातार गंभीर बनी हुई है। हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सरकार ने राहत और नियंत्रण दोनों मोर्चों पर कड़े कदम उठाने का ऐलान किया है। फैसलों का सीधा असर निर्माण श्रमिकों, नौकरीपेशा कर्मचारियों और वाहन चालकों पर पड़ेगा। दिल्ली सरकार के श्रम मंत्री कपिल मिश्रा ने बुधवार, 17 दिसंबर 2025 को प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि प्रदूषण के चलते लागू GRAP-3 के कारण निर्माण गतिविधियां रुकने से मजदूरों की आमदनी प्रभावित हुई है। इसी को देखते हुए सरकार ने रजिस्टर्ड निर्माण श्रमिकों को ₹10,000 की आर्थिक सहायता DBT के जरिए सीधे बैंक खातों में भेजने का निर्णय लिया है। मंत्री के अनुसार, यह सहायता मौजूदा अवधि (करीब 16 दिन) के नुकसान को देखते हुए दी जाएगी, और जरूरत पड़ने पर GRAP-4 की स्थिति में भी राहत जारी रहने की बात कही गई है।
सरकार के प्रमुख फैसले (एक नजर में)
- GRAP-III/IV के कारण काम ठप होने से प्रभावित निर्माण श्रमिकों को ₹10,000 सहायता (केवल रजिस्टर्ड श्रमिकों को)।
- गुरुवार से सरकारी-निजी संस्थानों में 50% उपस्थिति—बाकी 50% स्टाफ के लिए Work From Home अनिवार्य।
- निर्देश न मानने पर कार्रवाई/जुर्माना लगाने की चेतावनी।
- यह व्यवस्था अस्पताल, फायर ब्रिगेड, जरूरी सेवाएं, प्रदूषण नियंत्रण/आपदा प्रबंधन जैसे विभागों पर लागू नहीं होगी।
- सरकार ने वर्किंग आवर्स को फ्लेक्सिबल रखने और कार-पूलिंग अपनाने की भी अपील की है।
किसे छूट मिलेगी?
श्रम मंत्री के मुताबिक, स्वास्थ्य सेवाएं, बिजली-पानी सप्लाई, आपदा प्रबंधन और पर्यावरण/प्रदूषण से जुड़े विभागों में काम की प्रकृति को देखते हुए 50% अटेंडेंस वाला नियम लागू नहीं किया जाएगा, ताकि जरूरी सेवाएं बाधित न हों। सरकार ने साफ किया है कि WFH और 50% उपस्थिति से जुड़े आदेशों की अनदेखी हुई तो संबंधित संस्थानों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। सरकार का तर्क है कि प्रदूषण एक पुरानी चुनौती है, लेकिन मौजूदा हालात में तत्काल सख्ती जरूरी हो गई है।
क्यों उठाए गए ये कदम?
सर्दियों में दिल्ली का AQI अक्सर ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच जाता है। ऐसे में लोगों को सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन और स्वास्थ्य संबंधी जोखिम बढ़ जाते हैं। सरकार का कहना है कि एक तरफ आवागमन और ऑफिस ट्रैफिक कम करके प्रदूषण का दबाव घटाया जाएगा, वहीं दूसरी ओर रोजगार प्रभावित मजदूरों को तुरंत राहत दी जाएगी। Delhi News
Delhi News : राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति लगातार गंभीर बनी हुई है। हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सरकार ने राहत और नियंत्रण दोनों मोर्चों पर कड़े कदम उठाने का ऐलान किया है। फैसलों का सीधा असर निर्माण श्रमिकों, नौकरीपेशा कर्मचारियों और वाहन चालकों पर पड़ेगा। दिल्ली सरकार के श्रम मंत्री कपिल मिश्रा ने बुधवार, 17 दिसंबर 2025 को प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि प्रदूषण के चलते लागू GRAP-3 के कारण निर्माण गतिविधियां रुकने से मजदूरों की आमदनी प्रभावित हुई है। इसी को देखते हुए सरकार ने रजिस्टर्ड निर्माण श्रमिकों को ₹10,000 की आर्थिक सहायता DBT के जरिए सीधे बैंक खातों में भेजने का निर्णय लिया है। मंत्री के अनुसार, यह सहायता मौजूदा अवधि (करीब 16 दिन) के नुकसान को देखते हुए दी जाएगी, और जरूरत पड़ने पर GRAP-4 की स्थिति में भी राहत जारी रहने की बात कही गई है।
सरकार के प्रमुख फैसले (एक नजर में)
- GRAP-III/IV के कारण काम ठप होने से प्रभावित निर्माण श्रमिकों को ₹10,000 सहायता (केवल रजिस्टर्ड श्रमिकों को)।
- गुरुवार से सरकारी-निजी संस्थानों में 50% उपस्थिति—बाकी 50% स्टाफ के लिए Work From Home अनिवार्य।
- निर्देश न मानने पर कार्रवाई/जुर्माना लगाने की चेतावनी।
- यह व्यवस्था अस्पताल, फायर ब्रिगेड, जरूरी सेवाएं, प्रदूषण नियंत्रण/आपदा प्रबंधन जैसे विभागों पर लागू नहीं होगी।
- सरकार ने वर्किंग आवर्स को फ्लेक्सिबल रखने और कार-पूलिंग अपनाने की भी अपील की है।
किसे छूट मिलेगी?
श्रम मंत्री के मुताबिक, स्वास्थ्य सेवाएं, बिजली-पानी सप्लाई, आपदा प्रबंधन और पर्यावरण/प्रदूषण से जुड़े विभागों में काम की प्रकृति को देखते हुए 50% अटेंडेंस वाला नियम लागू नहीं किया जाएगा, ताकि जरूरी सेवाएं बाधित न हों। सरकार ने साफ किया है कि WFH और 50% उपस्थिति से जुड़े आदेशों की अनदेखी हुई तो संबंधित संस्थानों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। सरकार का तर्क है कि प्रदूषण एक पुरानी चुनौती है, लेकिन मौजूदा हालात में तत्काल सख्ती जरूरी हो गई है।
क्यों उठाए गए ये कदम?
सर्दियों में दिल्ली का AQI अक्सर ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच जाता है। ऐसे में लोगों को सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन और स्वास्थ्य संबंधी जोखिम बढ़ जाते हैं। सरकार का कहना है कि एक तरफ आवागमन और ऑफिस ट्रैफिक कम करके प्रदूषण का दबाव घटाया जाएगा, वहीं दूसरी ओर रोजगार प्रभावित मजदूरों को तुरंत राहत दी जाएगी। Delhi News












