सांसद मनोज तिवारी ने जनता को दिया आध्यात्मिक जीवन का संदेश
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद् के तत्वावधान में सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी, महान समाज सुधारक एवं गुरुकुल कांगड़ी के संस्थापक स्वामी श्रद्धानन्द सरस्वती का 99वां बलिदान दिवस 24, मदर टेरेसा क्रीसेंट रोड, नई दिल्ली स्थित सांसद मनोज तिवारी के आवास पर श्रद्धा एवं उल्लास के साथ मनाया गया।

बता दें कि कार्यक्रम की शुरुआत आचार्य गवेंद्र शास्त्री के ब्रह्मत्व में वैदिक यज्ञ से हुई। इस अवसर पर मुख्य यजमान एवं मुख्य अतिथि सांसद मनोज तिवारी एवं सुरभि तिवारी रहे। उनके साथ उनकी पुत्रियाँ सान्विका एवं मनोज्ञा भी उपस्थित रहीं।
स्वामी श्रद्धानन्द जी का 99वां बलिदान दिवस सांसद मनोज तिवारी के आवास पर मनाया
सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि अपने आवास पर स्वामी श्रद्धानन्द जी का 99वां बलिदान दिवस मनाना उनके लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि स्वामी श्रद्धानन्द ने आने वाली सामाजिक चुनौतियों को पहचानते हुए हिन्दू समाज को संगठित करने का कार्य किया। आर्य समाज के विस्तार में उनका अतुलनीय योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि भगवा रंग भारतीय संस्कृति की पहचान है और हम स्वामी दयानन्द एवं स्वामी श्रद्धानन्द द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलते हुए सामाजिक समरसता के संदेश को अपने जीवन में आत्मसात करेंगे।
अंजू मेहरोत्रा बोलीं—ऊँच-नीच की दीवारें तोड़ने वाले समाज सुधारक थे स्वामी श्रद्धानन्द
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं शिक्षाविद अंजू मेहरोत्रा ने कहा कि स्वामी श्रद्धानन्द ने दलितोद्धार एवं सामाजिक समानता के लिए ऐतिहासिक कार्य किए। ऊँच-नीच की दीवारों को मिटाने में उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कार्यक्रम संयोजक अनिल आर्य ने कहा कि स्वामी श्रद्धानन्द ने धर्मांतरित हिन्दुओं के शुद्धिकरण के माध्यम से घर वापसी का मार्ग प्रशस्त किया। इसी शुद्धि आंदोलन के कारण उन्हें अपने प्राणों का बलिदान देना पड़ा। उन्होंने महिलाओं की शिक्षा को बढ़ावा देते हुए जालंधर में कन्या महाविद्यालय की स्थापना की तथा गुरुकुल कांगड़ी की स्थापना के लिए अपनी कोठी और प्रेस तक बेचकर सर्वस्व अर्पण कर दिया।
मनोज तिवारी ने बलिदान दिवस पर व्यक्त किए विचार
आचार्य गवेंद्र शास्त्री ने कहा कि स्वामी दयानन्द के प्रवचनों से प्रेरित होकर मुंशी राम का जीवन परिवर्तित हुआ और वे स्वामी श्रद्धानन्द बने। उन्होंने आर्य समाज को कुशल नेतृत्व प्रदान किया और अनेक गुरुकुलों की स्थापना की। इस अवसर पर भाजपा नेता जोगी राम जैन, पार्षद यशपाल आर्य, ओम सपड़ा, डॉ. डी.के.गर्ग, जश्नने मोहाल सहित अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सांस्कृतिक कार्यक्रम में गायिका प्रवीन आर्या पिंकी, रमेश बेदी, प्रवीण आर्य (गाजियाबाद), सुंदर शास्त्री सहित अन्य कलाकारों ने देशभक्ति एवं प्रेरणादायी गीत प्रस्तुत किए।
बता दें कि कार्यक्रम की शुरुआत आचार्य गवेंद्र शास्त्री के ब्रह्मत्व में वैदिक यज्ञ से हुई। इस अवसर पर मुख्य यजमान एवं मुख्य अतिथि सांसद मनोज तिवारी एवं सुरभि तिवारी रहे। उनके साथ उनकी पुत्रियाँ सान्विका एवं मनोज्ञा भी उपस्थित रहीं।
स्वामी श्रद्धानन्द जी का 99वां बलिदान दिवस सांसद मनोज तिवारी के आवास पर मनाया
सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि अपने आवास पर स्वामी श्रद्धानन्द जी का 99वां बलिदान दिवस मनाना उनके लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि स्वामी श्रद्धानन्द ने आने वाली सामाजिक चुनौतियों को पहचानते हुए हिन्दू समाज को संगठित करने का कार्य किया। आर्य समाज के विस्तार में उनका अतुलनीय योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि भगवा रंग भारतीय संस्कृति की पहचान है और हम स्वामी दयानन्द एवं स्वामी श्रद्धानन्द द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलते हुए सामाजिक समरसता के संदेश को अपने जीवन में आत्मसात करेंगे।
अंजू मेहरोत्रा बोलीं—ऊँच-नीच की दीवारें तोड़ने वाले समाज सुधारक थे स्वामी श्रद्धानन्द
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं शिक्षाविद अंजू मेहरोत्रा ने कहा कि स्वामी श्रद्धानन्द ने दलितोद्धार एवं सामाजिक समानता के लिए ऐतिहासिक कार्य किए। ऊँच-नीच की दीवारों को मिटाने में उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कार्यक्रम संयोजक अनिल आर्य ने कहा कि स्वामी श्रद्धानन्द ने धर्मांतरित हिन्दुओं के शुद्धिकरण के माध्यम से घर वापसी का मार्ग प्रशस्त किया। इसी शुद्धि आंदोलन के कारण उन्हें अपने प्राणों का बलिदान देना पड़ा। उन्होंने महिलाओं की शिक्षा को बढ़ावा देते हुए जालंधर में कन्या महाविद्यालय की स्थापना की तथा गुरुकुल कांगड़ी की स्थापना के लिए अपनी कोठी और प्रेस तक बेचकर सर्वस्व अर्पण कर दिया।
मनोज तिवारी ने बलिदान दिवस पर व्यक्त किए विचार
आचार्य गवेंद्र शास्त्री ने कहा कि स्वामी दयानन्द के प्रवचनों से प्रेरित होकर मुंशी राम का जीवन परिवर्तित हुआ और वे स्वामी श्रद्धानन्द बने। उन्होंने आर्य समाज को कुशल नेतृत्व प्रदान किया और अनेक गुरुकुलों की स्थापना की। इस अवसर पर भाजपा नेता जोगी राम जैन, पार्षद यशपाल आर्य, ओम सपड़ा, डॉ. डी.के.गर्ग, जश्नने मोहाल सहित अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सांस्कृतिक कार्यक्रम में गायिका प्रवीन आर्या पिंकी, रमेश बेदी, प्रवीण आर्य (गाजियाबाद), सुंदर शास्त्री सहित अन्य कलाकारों ने देशभक्ति एवं प्रेरणादायी गीत प्रस्तुत किए।











