New Delhi : दीपावली का त्योहार परिवारों के साथ ही देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी खुशखबरी लाया है। त्योहारी सीजन से देश की अर्थव्यवस्था को बूस्ट मिल रहा है। इससे पहले नवरात्रों के दौरान मात्र दस दिन में लगभग 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार होने का अनुमान जताया गया था, अब दीवाली पर 4.25 लाख करोड़ रुपये के सामान की खरीदारी की बात सामने आई है।
भारतीय अर्थव्यवस्था में हुई वृद्धि
त्योहारी सीजन में भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिल रहा है। धनतेरस पर 6 हजार करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार हुआ और 30 टन से अधिक सोने की बिक्री हुई। कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के अनुसार, दीवाली पर भारतीय उत्पादों को ग्राहकों का अच्छा समर्थन मिला। अब व्यापारियों की निगाहें शादियों के सीजन पर है, जो 12 नवंबर से शुरू होगा। इस सीजन में भी व्यापार में वृद्धि की उम्मीद है। त्यौहारी सीजन में व्यापार की इस वृद्धि से भारतीय अर्थव्यवस्था को और भी मजबूती मिलेगी
व्यापारियों को मिला लाभ
खंडेलवाल ने बताया, देश के लगभग हर कौने में दीवाली का पर्व बेहद उत्साह, उमंग और उल्लास के साथ मनाया गया। लोगों ने जमकर दीवाली की खरीदारी की। बड़े कारोबारियों के साथ-साथ छोटा व्यापार करने वाले लोग जैसे कुम्हार, कारीगर एवं घरों में दीवाली का सामान बनाने वाले लोगों ने भी बड़े पैमाने पर अपने सामान की बिक्री की है। लोगों ने छोटे व्यापारियों को एक बड़ा बूस्ट प्रदान किया है। हर साल की भांति इस दीवाली पर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान के तहत भारतीय सामान की खरीद में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।
इन सामनों की हुई ज्यादा बिक्री
मिट्टी के दीये, भगवान की मूर्तियों, घर सजावट का सामान, वंदनवार, फूल-पत्तियां, फल एवं पूजा का सामान, बिजली की रंगबिरंगी लडय़िां, मिठाई एवं नमकीन, कपड़े, हैंडिक्राफ़्ट आइटम्स, उपहार की वस्तुओं, फुटवियर, मेकअप का सामान, कॉस्मेटिक्स, सोने चाँदी के आभूषण व दूसरा सामान और अन्य घरेलू उत्पादों की भारी मांग रही।
इससे स्थानीय व्यापारियों और कारीगरों को काफी लाभ मिला है। New Delhi
करोड़ो रुपये के सामान की बिक्री
इस दीवाली पर 4.25 लाख करोड़ रुपये के सामान की बिक्री हुई है। यह अभी तक का एक रिकॉर्ड व्यापार है। कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने बताया कि एक मोटे अनुमान के अनुसार 4.25 लाख करोड़ रुपये के त्योहारों के व्यापार में लगभग 13 टन खाद्य एवं किराना में, 9 टन ज्वेलरी में, 12 टन वस्त्र एवं गारमेंट, 4 टन ड्राई फू्रट, मिठाई एवं नमकीन, 3 टन घर की साज सज्जा, 6 टन कास्मेटिक्स, 8 टन इलेक्ट्रॉनिक्स एवं मोबाइल, 3 टन पूजन सामग्री एवं पूजा वस्तुओं, 3 टन बर्तन तथा रसोई उपकरण, 2 टन कॉन्फ़ेक्शनरी एवं बेकरी, 8 टन गिफ्ट आइटम्स, 4 टन फ़र्निशिंग एवं फर्नीचर एवं शेष 20 टन ऑटोमोबाइल, हार्डवेयर, इलेक्ट्रिकल, खिलौने सहित अन्य अनेक वस्तुओं एवं सेवाओं पर ग्राहकों द्वारा खर्च किया गया है। पैकिंग कारोबार को भी एक बड़ा बाजार मिला है।