Health : स्वास्थ्य-रक्षक है चुकंदर!

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calendar01 Dec 2025 10:45 AM
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 विनय संकोची (Health )दुनिया भर में चुकंदर (Beetroot) को सलाद और सब्जी के रूप में प्रयोग किया जाता है। चुकंदर के पत्तों को शाक के रूप में भी प्रयोग कर सकते हैं। इसको शर्करा-स्रोत के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। चुकंदर का जूस अनेक रोगों के उपचार में लाभदायक होता है। यद्यपि हमारे दैनिक आहार में चुकंदर को अभी भी उचित स्थान प्राप्त नहीं है, फिर भी इसके नियमित सेवन से न केवल अनेक रोगों में लाभ होता है, बल्कि यह त्वचा को स्निग्ध बनाकर खूबसूरती भी प्रदान करता है। चुकंदर में अच्छी मात्रा में आयरन(Iron), विटामिन(Vitamin) और खनिज (minerals) होते हैं, जो शरीर में रक्तवर्धन और शोधन में सहायक होते हैं। इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट तत्व शरीर को रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करते हैं। इसमें सोडियम(Sodium), पोटेशियम (potassium), फॉस्फोरस (Phosphorus), क्लोरीन(chlorine), आयोडीन (Iodine)के अतिरिक्त अन्य अनेक महत्वपूर्ण विटामिन भी पाए जाते हैं। चुकंदर में गुर्दे और पित्ताशय को साफ करने के प्राकृतिक गुण मौजूद हैं। इस में उपस्थित पोटेशियम जहां शरीर को प्रतिदिन पोषण प्रदान करने में मदद करता है, तो वही क्लोरीन गुर्दों के शोधन में सहायक होता है। चुकंदर का रस पीने से न केवल शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ती है, अपितु अन्य अनेक लाभ भी होते हैं। मुख्यत: सफेद चुकंदर से व्यवसायिक तौर पर शर्करा प्राप्त की जाती है, जबकि लाल चुकंदर सलाद और सब्जी के तौर पर अपनाया जाता है। आम लोगों को चुकंदर के औषधीय तत्व के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, जबकि देश के अनेक सुदूर ग्रामीण और वनांचलों में चुकंदर को औषधि के रूप में अपनाया जाता है। औषधीय गुणों से भरपूर चुकंदर को यदि स्वास्थ्य रक्षक कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। चुकंदर को अपने भोजन में शामिल कर रोग मुक्ति का आनंद लिया जा सकता है। शोधकर्ता वैज्ञानिकों के मुताबिक सफेद और लाल चुकंदर रक्तचाप को कम करती हैं। इसकी वजह इसमें भरपूर मात्रा में पाया जाने वाला नाइट्रेट है। यह एक ऐसा रसायन है जो पाचन तंत्र में पहुंचकर रक्त प्रवाह को बढ़ाता है तथा रक्तचाप को कम रखता है। यह मांसपेशियों की ऑक्सीजन की जरूरत को भी कम कर देता है। आधुनिक शोध, कैंसर के लिए चुकंदर को महत्वपूर्ण मानते हैं। चुकंदर में पाया जाने वाला लाल रंग बेटाईन नामक रसायन की वजह से होता है, जो कैंसर ग्रस्त कोशिकाओं की वृद्धि रोकने में मददगार साबित हुआ है। चुकंदर का जूस मानव शरीर में खून बनाने की प्रक्रिया में उपयोगी होता है। इसके नियमित सेवन से कब्ज़ से बचा जा सकता है। यह बवासीर के रोगियों के लिए भी काफी फायदेमंद है। इसका जूस पीलिया, हेपेटाइटिस, मितली और उल्टी के उपचार में लाभप्रद होता है। चुकंदर का जूस अकार्बनिक कैल्शियम को संग्रहित करने का सर्वश्रेष्ठ माध्यम है। इसका रस पीने से शरीर में रक्त की कमी दूर हो जाती है। चुकंदर का रस हाइपरटेंशन और हृदय संबंधी समस्याओं को दूर रखता है। चुकंदर विशेषतया महिलाओं के लिए बहुत लाभकारी है। चुकंदर और उसके पत्ते फॉलेट का अच्छा स्रोत होते हैं, जो उच्च रक्तचाप और अल्जाइमर की समस्या को दूर करने में मदद करते हैं। चुकंदर को बढ़ती उम्र के विरुद्ध एक महत्वपूर्ण और कारगर फार्मूला माना गया है। यह शारीरिक कोशिकाओं को तरोताजा रखने में भी सहायक होता है। इसके अतिरिक्त चुकंदर वजन कम करने के लिए भी एक बेहतर उपाय है। कच्चा चुकंदर या कम से कम दो चुकंदर का जूस निकालकर रोजाना सुबह खाली पेट लिया जाए, तो यह वजन घटाने में सहायक सिद्ध होता है। बहुत कम लोग जानते हैं कि चुकंदर के रस के साथ गाजर का रस समान मात्रा में मिलाकर पीने से शरीर की ताकत तो बढ़ती ही है, साथ ही मोटापा कम होता है और अनावश्यक चर्बी भी कम हो जाती है। अब तो हर्बल के जानकार गर्भवती महिलाओं को चुकंदर सेवन की सलाह देने लगे हैं। जानकारों के अनुसार चुकंदर का सेवन महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान भी करना चाहिए। यह महिलाओं को ताकत प्रदान करता है और शरीर में रक्त की मात्रा को कम नहीं होने देता है। हृदय रोगियों को कच्चा चुकंदर चबाने से काफी फायदा होता है। प्रतिदिन कम से कम दो चुकंदर चबाने से हृदयाघात की संभावना अपेक्षाकृत कम हो जाती है। अपचन की दशा में भी रोगियों को कच्चा चुकंदर खाने की सलाह दी जाती है। चुकंदर को कच्चा चबाने से शरीर को पर्याप्त मात्रा में फाइबर मिलते हैं जो पाचन क्रिया संतुलित कर अपचन की समस्या को दूर करने में सहायता करते हैं। चोट व मोच में चुकंदर की पत्तियों का ताजा रस लाभ पहुंचाता है। पत्तों को रगड़ कर मोच वाले स्थान पर रखकर पट्टी बांधनी चाहिए। पत्तों के रस को शहद में मिलाकर दाद पर लगाने से दाद ठीक हो जाता है। इसमें संदेह नहीं कि चुकंदर बहुत उपयोगी है, लेकिन औषधि के रूप में इसका सेवन योग्य चिकित्सक की सलाह से ही करना चाहिए।
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Healthy Heart Tips आपके दिल को मजबूत बनाती है प्रतिदिन की ये आदतें

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Healthy Heart Tips
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calendar01 Dec 2025 04:21 PM
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Healthy Heart Tips : बदलते खानपान और जीवनशैली की वजह से न केवल वृ​द्ध बल्कि युवा वर्ग भी दिल (Healthy Heart Tips) का रोगी (Healthy Heart Tips) हो रहा है। गलत आदतों के कारण लोग हार्ट अटैक और ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। ​यदि आप भी चाहते हैं कि आपका दिल भी मजबूत बनें तो आपको अपनी आदतों में थोड़ा सा बदलाव करना होगा। इन आदतों में बदलाव के कारण आप अपने दिल को मजबूत बना सकते हैं।

Healthy Heart Tips

1. हम सभी जानते हैं कि किसी भी फिटनेस एक्सरसाइज की शुरुआत करने के लिए वार्मअप जरूरी होता है और वॉकिंग से अच्छा वार्म अप कोई नहीं है। हेल्थ एक्सपर्ट और डॉक्टर्स मानते हैं कि दिन में 30 मिनट तक चलना जरूरी होता है। हालांकि आप इसे थोड़े कम समय से भी शुरू कर सकते हैं। अगर आप 30 मिनट तक नहीं चल सकते हैं तो आप 10 मिनट डेली चलने से भी शुरू कर सकते हैं। अक्सर एकदम से 30 मिनट चलना आपके लिए मुश्किल हो सकता है इसलिए धीरे-धीरे अपना समय बढ़ाएं।

2. क्या आप वाकई अपने नाश्ते को लेकर गंभीर रहते हैं? हममें से ज्यादातर नहीं। इस बात को जान लीजिए कि नाश्ता हमारे दिन का सबसे जरूरी हिस्सा है, जिसमें सबसे ज्यादा पोषक तत्व और हेवी होना चाहिए लेकिन सुबह देर से उठने की आदत के कारण इसे हमें नजरअंदाज किया जाता है और आप बिस्तर पर पड़े-पड़े अपने नाश्ते का वक्त गुजार देते हैं।

3. हमेशा हेल्दी दिखने वाली चीजें हेल्दी नहीं होती हैं। हेल्दी रहने का आधार यही है कि हम सही मात्रा में कैलोरी का ध्यान रखें। अगर आप चावल के बजाए क्विनोआ खा रहे हैं वो भी सिर्फ इस वजह से कि आपके दोस्त ने कहा है कि ये हेल्दी तो इस पर बिल्कुल भी विश्वास न करें। कुछ भी खाने से पहले अपनी प्लेट में मौजूद कैलोरी पर भी ध्यान जरूर रखें। पुरुषों को दिन में 2500 कैलोरी और महिलाओं को 2000 कैलोरी लेनी चाहिए।

4. आपको अपना स्वास्थ्य दुरुस्त रखने के लिए रोजाना जिम जाने की जरूरत नहीं है। आप घर के काम भी सही तरीके से कर खुद को स्वस्थ रख सकते हैं क्योंकि आप जिम जितनी कैलोरी घर पर ही बर्न कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर आप दो भारी-भरकम किताबें अपने दोनों हाथों पकड़ कर आर्म मसल्स एक्सरसाइज कर सकते हैं।

5. साफ-सफाई कई मायनों से बहुत ही जरूरी मानी जाती है। जिस तरीके से कोविड के खतरे को कम करने के लिए हाथों की साफ-सफाई जरूरी होती है ठीक उसी तरह साफ-सफाई रखने से आपको अपने शरीर को बाहरी बैक्टीरिया से बचाने में भी मदद मिलती है। निमोनिया, फ्लू और दूसरे संचारी रोग भी आपके ह्रदय स्वास्थ्य को खराब करने का काम कर सकते हैं इसलिए साफ-सफाई जरूर रखें।

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Health : सेहत के लिए वरदान है किशमिश

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calendar28 Nov 2025 03:35 AM
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विनय संकोची Health : (Raisin)किशमिश अंगूर(Grapes)  को सुखाकर तैयार किया जाता है। मानव ने किशमिश का आविष्कार तब किया, जब अंगूर को बेल पर ही सूखते हुए देखा। 1490 बी.सी. से ही यह निश्चित हुआ कि धूप में अंगूर सूखने पर किशमिश बनता है। किशमिश के सेवन से रस, रक्त, शुक्र आदि धातुओं तथा ओज की मात्रा बढ़ती है। जीवनी शक्ति कमजोर करने वाली ऋतु गर्मी और बारिश में यह वरदान है। किशमिश का स्वाद मधुर है। परिणाम शीतल है। वायु पित्त और कफ इन तीनों दोषों का शमन करने की शक्ति इसमें है। इसमें दूध के सारे गुण हैं, लेकिन वायु का दोष नहीं है। किशमिश में अधिक मात्रा में आयरन, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम और फाइबर पाया जाता है, जो कि सेहत के लिए फायदेमंद है। किशमिश का इस्तेमाल मुख्य रूप से मिठाई, खीर और दूसरी मीठी चीजों को सजाने और स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है। बेहतरीन स्वाद के अलावा इसमें सेहत का भी खजाना है। किशमिश खाना स्वास्थ्य के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। • किशमिश में भारी मात्रा में आयरन होता है, जो कि सीधे एनीमिया (Anemia) से लड़ने की शक्ति रखता है। खून को बनाने के लिए विटामिन बी कांपलेक्स की जरूरत को भी यही किशमिश पूरी करती है। कॉपर भी खून में लाल रक्त कोशिका को बनाने का काम करता है। • • किशमिश में बोरोन नामक माइक्रो न्यूट्रिएंट पाया जाता है, जो हड्डी को कैल्शियम सोखने में मदद करता है। बोरोन की वजह से ओस्टियोपोरोसिस से बड़ी राहत मिलती है। साथ ही किशमिश खाने से घुटनों की भी समस्या पैदा नहीं होती। • किशमिश पूरी तरह से कोलेस्ट्रॉल (cholesterol) मुक्त होता है। इसमें घुलनशील फाइबर बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है। यह घुलनशील फाइबर बुरे कोलोस्ट्रोल का विरोध करता है। प्रतिदिन किशमिश का सेवन करने से हाजमा ठीक रहता है और पाचन तंत्र भी सुचारू रूप से कार्य करता है। यह पेट में जाकर पानी को सोखती है, जिसके फलस्वरूप कब्ज़ से राहत मिलती है। • किशमिश में विटामिन-ए, ए-बीटा कैरोटीन और ए-केरोटिनॉयड आदि होते हैं, जो कि आंखों के लिए अच्छे होते हैं। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट प्रॉपर्टी पाई जाती है, जो कि आंखों की फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करती है। किशमिश खाने से मोतियाबिंद, उम्र बढ़ने की वजह से आंखों की कमजोरी, मसल्स डैमेज आदि नहीं होता है। • अगर किसी का वजन बहुत कम है और वह वजन बढ़ाने के लिए फायदेमंद है, तो किशमिश के सेवन से बहुत फायदा होगा। • ज्यादा मानसिक तनाव, क्षमता से ज्यादा शारीरिक काम करने से अक्सर कम रक्तचाप की शिकायत होने लगती है। आयुर्वेद में इसे कंट्रोल करने के लिए किशमिश का सेवन कारगर इलाज बताया गया है। चीनी के एक बाउल में पानी में किशमिश डालकर रात भर भिगो दें। सुबह उठकर खाली पेट 11 किशमिश को खूब चबा चबाकर खाएं। पूरे फायदे के लिए हर किशमिश को 32 बार चबा कर खाएं। नियमित 32 दिन इस प्रयोग को करने से लो ब्लड प्रेशर की शिकायत नहीं होगी। • किशमिश में मौजूद फेनोलिक पायथोन्यूट्रिएंट्स, जो कि जर्मीसाइडल एंटीबायोटिक और एंटी ऑक्सीडेंट तत्वों की वजह से जाने जाते हैं, वह वायरल तथा बैक्टीरियल इंफेक्शन से लड़कर बुखार को जल्दी से जल्दी ठीक कर देते हैं। • किशमिश की मदद से शराब से छुटकारा पाया जा सकता है। शराब पीने की इच्छा होने पर शराब की जगह 10 से 12 ग्राम किशमिश को चबाकर खाएं या किशमिश का शरबत पिएं। यह प्रयोग लगातार करने से कुछ ही दिनों में शराब छूट जाती है। • जब रक्त में एसिड की मात्रा बढ़ जाती है, तो त्वचा रोग, फोड़े-फुंसियां, गठिया, गाउट गुर्दे की पथरी, बाल झड़ना, हृदय रोग, ट्यूमर और यहां तक कि कैंसर होने की संभावना पैदा हो जाती है। किशमिश में अच्छी मात्रा में पोटेशियम और मैग्नीशियम पाया जाता है, जिसको खाने से अम्लरक्तता की परेशानी दूर हो जाती है। इसमें कैटाचीन, फिनोलिक, एंटी ऑक्सीडेंट मौजूद रहता है, जो ट्यूमर और कोलोन कैंसर को रोकने में मदद करता है। इसमें जो फाइबर रहता है, वह कोलस्ट्रोल को जलाने और हृदय के स्वास्थ्य को अच्छा करने में मदद करता है। • किशमिश को पानी के साथ खाने से अचूक लाभ होते हैं। किशमिश के पानी को बनाने के लिए थोड़ा पानी लेकर थोड़ी किशमिश डाल कर कम से कम 20 मिनट तक उबालें। इसके बाद इस पानी को एक गिलास में रात भर के लिए रख दें और उसे सुबह पी लें। कब्ज एसिडिटी और थकान की समस्या से निजात मिल जाएगी। किशमिश के पानी को रोजाना पीने से कोलेस्ट्रॉल का लेवल भी ठीक रहता है। किशमिश मुंह में हानिकारक बैक्टीरिया की वृद्धि को रोकता है, जिससे कैविटी और दांत को रोकने में मदद मिलती है। औषधि के रूप में किशमिश का उपयोग किसी योग्य चिकित्सक से परामर्श से ही करें।