स्वरोजगार का सुनहरा मौका: ग्रामीण महिलाओं के लिए 5 सरकारी योजनाएं

ग्रामीण विकास मंत्रालय के द्वारा  दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत कई योजनाएँ चलाई जा रही है

स्वरोजगार का सुनहरा मौका: ग्रामीण महिलाओं के लिए 5 सरकारी योजनाएं
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 09:43 AM
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National Rural Livelihood Mission : भारत की कुल आबादी का 65 फ़ीसदी अभी भी गांव में रहता है, जिसमें महिलाओं की भागीदारी बहुत ज्यादा है। एक ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महिलाएं अपनी बड़ी भूमिका निभाती हैं। ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और स्वरोजगार से जोड़ने के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत कई योजनाएँ चलाई जा रही है। 

ग्रामीण महिलाओं के लिए 5 सरकारी योजनाएं

महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना (MKSP) :  इसका मकसद ऐसे कृषि योजनाओं को बढ़ावा देना है जो महिला किसानों की आय में बढ़ोतरी करें और साथ ही उनमें लागत भी कम आए और जोखिम भी कम रहे । यह योजना राष्ट्रीय किसान नीति के तहत ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा उन महिलाओं के लिए चलाई गई है जो महिलाएं किसान हैं । उनके लिए विशेष रूप से महिला सशक्तिकरण योजना (MKSP Scheme) की शुरुआत की गई है.  केंद्र सरकार द्वारा इस योजना के लिए राज्यों के लिए 60% फंड दिया जाता है पूर्वोत्तर के राज्यों के लिए 90% दिया जाता है. स्टार्टअप ग्राम उद्यमिता कार्यक्रम (SVEP) : इसका उद्देश्य स्थानीय उद्योगों को लगाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमियों को मदद पहुंचाना है ।स्टार्ट-अप ग्राम उद्यमिता कार्यक्रम (एसवीईपी), दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्‍ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम), ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा 2016 से एक उप-योजना के रूप में लागू किया गया है। इसका उद्देश्‍य ग्रामीणों को उनकी उद्यम स्‍थापना में मदद करना और उद्यमों के स्थिर होने तक सहायता उपलब्‍ध कराना है। एसवीईपी ने 23 राज्यों के 153 ब्लॉकों में व्यवसाय सहायता सेवाओं और पूंजी को बढ़ावा दिया है जिनमें 75 % महिलाओं के स्वामित्व और प्रबंधन में हैं।  आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना (AGEY) :  यह योजना अगस्त 2017 में शुरू की गई थी जिसके तहत दूर दराज के ग्रामीण गांव को जोड़ने के लिए कम कीमत की सुरक्षित और सामुदायिक निगरानी वाली ग्रामीण परिवहन सेवाएं प्रदान की जाती हैं।लाभार्थी सदस्य को वाहन की खरीदने के लिए सीबीओ द्वारा अपने सामुदायिक निवेश कोष से 6.50 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया जाता है । दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (DDUGKY) : इसका उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को प्लेसमेंट से जुड़े कौशल प्रदान करना है ताकि वे अपनी आय बढ़ा सके तथा अच्छी आय वाले रोजगार हासिल कर सकें। ग्रामीण स्वरोजगार संस्थान (RSETIs) : इसके तहत  31 बैंकों और राज्य सरकारों के साथ साझेदारी में ग्रामीण युवाओं को लाभकारी स्वरोज़गार स्थापित करने हेतु कुशल बनाने के लिये ग्रामीण स्वरोज़गार संस्थानों (RSETIs) को सहायता प्रदान की जा रही है।

आखिर अभियान की जरूरत क्यों पड़ी

यह अभियान आज़ादी का अमृत महोत्‍सव समावेशी विकास के अंतर्गत लॉन्‍च किया गया है और इसका उद्देश्‍य पात्र ग्रामीण परिवारों की 10 करोड़ महिलाओं को संगठित करना है इसका उद्देश्‍य स्वयं सहायता समूह के अंतर्गत सभी कमज़ोर और सीमांत ग्रामीण परिवारों को लाना है, ताकि वे ऐसे कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदान किये जा रहे लाभों को प्राप्त कर सकें। जब इतनी बड़ी संख्या में महिलाएं स्वयं सहायता समूह का हिस्सा बनेंगी तो ये न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी ऊंचाई पर ले जाएगा।

किस तरह मदद करती है यह सरकारी योजनाएं

यह योजना स्वयं सहायता समूह में महिला उद्यमियों को छोटे व्यवसाय करने के लिए, छोटे ऋण उपलब्ध कराती हैं।  साथ ही उनके लिए उनके गांव या रहने के स्थान के आसपास ही कौशल विकसित करने के लिए उन्हें मदद भी पहुंचाई जाती है जिसमें उनके लिए ट्रेनिंग और अन्य सहायता प्रदान की जाती है । आपको बता दें कि अकेले सिर्फ महाराष्ट्र में ही 527000 स्वयं सहायता समूह है जहां महिलाएं कुशल नेतृत्व कर रही हैं और छोटे पैमाने में औद्योगिक इकाइयों में अपना योगदान दे रही है। स्वयं सहायता समूह अपने सदस्यों को प्रशिक्षण दे कर  उन्हें तैयार करते हैं ,यहाँ महिलाओं को सिलाई, हस्तशिल्प या खेती की तकनीक जैसे कौशल भी सिखाए जाते हैं। इससे न केवल वह अपनी आय में वृद्धि कर सकती हैं बल्कि उनके आत्मविश्वास और आत्म सम्मान में भी बढ़ोतरी होती है और साथ ही  महिलाओं में एकजुटता की भावना भी बढ़ती हैं और वह अपने समुदाय या घरेलू स्तर पर निर्णय लेने में भी अधिक सक्षम होती हैं।

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बड़ी खबर: NIA  को दी जा सकती है गोगामेडी हत्‍याकांड की जांच

श्री राष्‍ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्‍यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेडी की हत्‍याकांड लगातार उलझता ही जा रहा है

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Jaipur News
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userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 03:06 PM
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जयपुर। श्री राष्‍ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्‍यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेडी की हत्‍याकांड लगातार उलझता ही जा रहा है। ताजा अपडेट यह है कि गोगामेडी के मामले की जांच नेशनल इन्‍वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) को सौंपी जा सकती है। गोगामेडी हत्‍याकांड भारत में ही नहीं विदेशी मीडिया तक में चर्चा का विषय बना हुआ है।

मिल रहा है पाकिस्‍तानी कनेक्‍शन

आपको बता दें कि करणी सेना के नेता सुखदेव सिंह गोगामेडी की हत्‍या के मामले में पाकिस्‍तानी कनेक्‍शन भी सामने आ रहा है। करणी सेना का कहना है कि गोगामेडी ने श्रीनगर के लालचौक पर भारतीय झण्‍डा फहराया था। उसी समय से गोगामेडी पाकिस्‍तान की नजरों में खटक रहा था। गोगामेडी ने पुलिस को पत्र लिख कर पाकिस्‍तान से जान का खतरा होने का अंदेशा जताया था। उसने लिखा था कि उसे भारत के भीतर के कुछ दबंगों के साथ ही साथ पाकिस्‍तान से भी जान का खतरा है। गोगामेडी के हत्‍याकांड में पाकिस्‍तानी कनेक्‍शन सामने आने से भारतीय जांच एजेंसियों की चिंता बहुत बढ़ गई है।

NIA  को जांच

भारत सरकार के गृह मंत्रालय के सूत्रों ने दावा किया है कि राजस्‍थान के गोगामेडी हत्‍याकांड की जांच जल्‍दी ही NIA  को सौंपी जा सकती है। NIA  को मुश्किल से मुश्किल जांच करने का अनुभव प्राप्‍त है। इसी कारण गोगामेडी के सनसनीखेज हत्‍याकांड की जांच को भी NIA  को सौंपने पर गंभीरता से विचार चल रहा है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया है कि पूरे तथ्‍य गृह मंत्री अमित शाह के सामने रखे जा चुके हैं। गृह मंत्री अमित शाह जल्‍दी ही इस मामले में कोई बड़ा व कड़ा निर्णय ले सकते हैं। इस बीच राजस्‍थान पुलिस ने हत्‍याकांड की जांच को लेकर अपने सारे हुनर इस्‍तेमाल करना शुरू कर दिया है।

एसआईटी का हुआ गठन

इस बीच राजस्‍थान के पुलिस महानिदेशक (DGP) उमेश मिश्रा ने सुखदेव सिंह गोगामेडी हत्‍याकांड की जांच के लिए विशेष जांच टीम (SIT) का गठन कर दिया है। गोगामेडी की हत्‍या की जांच के लिए बनाई गई एसआईटी का मुखिया राजस्‍थान पुलिस के एडीजी, क्राइम के पद पर तैनात दिनेश एन एम को बनाया गया है। उधर राजस्‍थान पुलिस ने गोगामेडी के हत्‍यारों की गिरफ्तारी पर पांच-पांच लाख का ईनाम भी घोषित कर दिया है।

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सफलता की गजब कहानी है छोटे से व्हाटसएप ग्रुप से 6300 करोड़ की कंपनी बनाने की

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Kabir Viswas
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 07:20 AM
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Kabir Viswas success story : एक छोटा सा विचार न जाने कब आपके जीवन को बदल दे। आज हम आपको ऐसे ही एक विषय में बताएंगे। सफलता की यह कहानी है Dunzo कंपनी के फाउंडर कबीर बिश्वास (Kabir Viswas) की। कबीर ने एक छोटा सो व्हाटसएप् ग्रुप बनाकर उसी के बलबूते पर 6300 करोड़ रूपये की कंपनी खड़ी कर दी। बस एक आईडिया यानि विचार और बदल गई Dunzo के मालिक कबीर बिश्वास की पूरी जिंदगी।

Kabir Viswas success story

कैसे हुआ चमत्कार

आपको बता दें कि Dunzo एप का मालिक कबीर बिश्वास एक गरीब घर में पैदा हुआ था। कंप्यूटर साइंस में ग्रेजुएट होने के बाद कबीर बिश्वास ने सोचा कि लोगों को घर बैठे-बैठे जरूरत का हर सामान मिल जाना चाहिए। इसी आइडिया को कबीर बिश्वास ने अपने एक दोस्त से साझा किया। फिर दोनों ने मिलकर एक व्हाटसएप ग्रुप बनाया। इस ग्रुप पर लोग अपनी जरूरत बताते थेे और उनका जरूरी सामान घर पहुंचा दिया जाता था। यह आईडिया इतना सुपर हिट हो गया कि आज कबीर बिश्वास की कंपनी Dunzo पूरे 6300 करोड़ रूपये की कंपनी बन गई है।

विस्तार से जान लीजिए पूरी सफलता को

कंप्यूरटर साइंस की पढ़ाई करने वाले कबीर बिश्वास ने स्थित एक प्ला0स्टिक फैक्ट्री में काम करना शुरू कर दिया। इसके बाद उन्होंनने एमबीए किया और बिजनेस के कुछ गुर सीखने के बाद एयरटेल के सेल्सन डिपार्टमेंट में काम किया। फिर कबीर ने अपना पहला स्टोर्टअप बनाया Hoppr इसे बाद में Hike ने खरीद लिया।

Dunzo ऐप को शुरुआत में एक वॉट्सऐप ग्रुप के रूप में शुरू किया गया था। इसमें कस्टवमर अपना ऑर्डर पोस्टप करते थे और Dunzo की ओर से उन्हेें प्रोडक्टल की डिलीवरी की जाती थी। धीरे-धीरे मेट्रो शहरों में Dunzo काफी पॉपुलर होता गया और ग्रोथ के साथ इसमें निवेश भी आना शुरू हो गया। हाल में देश की एक बड़ी कंपनी ने करीब 1600 करोड़ रुपये का निवेश किया और इसके बाद ऐप का मार्केट वैल्यूकएशन 6,300 करोड़ रुपये पहुंच गया। इस प्रकार एक आईडिया यानि विचार ने कर दी पूरी की पूरी क्रांति और सब कुछ बदल गया कबीर बिश्वास के जीवन में।

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