यूपी में बिजली निजीकरण बना राष्ट्रीय मुद्दा, कल देशभर में 27 लाख कर्मचारी करेंगे हड़ताल

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calendar08 Jul 2025 10:17 PM
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यूपी का फैसला बना राष्ट्रव्यापी चिंता: उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों को निजी हाथों में देने के फैसले ने देशभर के बिजली कर्मचारियों को आंदोलित कर दिया है। बीते कई दिनों से यूपी में बिजली विभाग के कर्मचारी इस फैसले के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन अब यह विरोध प्रदेश की सीमाओं से बाहर निकल चुका है।

9 जुलाई को सांकेतिक हड़ताल

नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स के आह्वान पर मंगलवार को घोषणा की गई कि बुधवार, 9 जुलाई को पूरे देश में एक दिन की सांकेतिक हड़ताल की जाएगी। इस हड़ताल में लगभग 27 लाख बिजली कर्मचारी, संविदा कर्मी, अभियंता और जूनियर इंजीनियर भाग लेंगे। उत्तर प्रदेश के एक लाख से अधिक बिजलीकर्मी पूरे दिन कार्यालयों और कार्यस्थलों के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे।

केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों पर सवाल

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि यह हड़ताल केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश में केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा अपनाई जा रही निजीकरण की नीति के विरोध में हो रही है। उनका कहना है कि सार्वजनिक सेवाओं को निजी हाथों में देने से आम जनता पर सीधा असर पड़ेगा और कर्मचारियों की नौकरी की सुरक्षा भी खतरे में पड़ जाएगी।

निजीकरण पर रोक की मांग

नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ने केंद्र सरकार से मांग की है कि वह हस्तक्षेप कर उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दे कि पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण का फैसला वापस लिया जाए। यह मांग देश की 10 प्रमुख ट्रेड यूनियनों के साझा मांगपत्र में भी शामिल है।

जेल भरो आंदोलन की तैयारी

हड़ताल से पहले बिजली कर्मचारियों ने जेल भरो आंदोलन की चेतावनी भी दी थी। इसके बाद पावर कॉरपोरेशन चेयरमैन डॉ. आशीष गोयल ने सभी डिस्कॉम को निर्देश दिया कि जो भी कर्मचारी जेल भरो आंदोलन में भाग लेना चाहता है, उसकी जानकारी एक निर्धारित फॉर्मेट में भरवाकर भेजी जाए। इससे कर्मचारियों में और अधिक आक्रोश फैल गया। उत्तर प्रदेश ने लगाई विकास की छलांग, SDG इंडेक्स में हासिल किया बड़ा स्थान
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नई ट्रेनों से जुड़ेगा बिहार, टेक पार्क से खुलेगा तकनीकी विकास का रास्ता

Amrit Bharat Express
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calendar08 Jul 2025 07:58 PM
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Amrit Bharat Express :  चुनावी साल में केंद्र सरकार ने बिहार को विकास की सौगातें देना शुरू कर दिया है। राज्य के दौरे पर पहुंचे केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक साथ पांच नई ट्रेनों की घोषणा की, जिनमें चार अमृत भारत एक्सप्रेस और एक डेली एक्सप्रेस ट्रेन शामिल है। इसके अलावा बिहार में रेलवे ढांचे को और मजबूत बनाने के लिए कई अहम परियोजनाओं को मंजूरी देने की योजना है। वहीं, सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी राज्य को दो अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर टेक पार्क के रूप में बड़ा तोहफा मिलने वाला है, जो तकनीकी विकास और रोजगार के नए रास्ते खोलेंगे।

रेल मंत्री ने जानकारी दी कि पटना से दिल्ली के बीच अब अमृत भारत एक्सप्रेस रोजाना चलेगी, जिससे राजधानी से देश की राजधानी के बीच यात्रा और भी सुगम हो जाएगी। इसी श्रृंखला में दरभंगा से लखनऊ के बीच साप्ताहिक अमृत भारत ट्रेन की भी घोषणा की गई है। इसके अलावा मालदा टाउन से लखनऊ के लिए चलाई जाने वाली अमृत भारत एक्सप्रेस बिहार होकर गुजरेगी, जिससे राज्य के लोगों को भी इस ट्रेन का लाभ मिलेगा। चौथी अमृत भारत ट्रेन सहरसा से अमृतसर के लिए प्रस्तावित है। वहीं जोगबनी से तमिलनाडु के ईरोड तक एक नई दैनिक एक्सप्रेस ट्रेन शुरू करने की भी बात कही गई।

रेल अधोसंरचना को मिलेगा नया बल

ट्रेनों की सौगात के साथ ही रेल मंत्री ने बिहार में अधोसंरचना विकास से जुड़े तीन प्रमुख प्रोजेक्टों की भी जानकारी दी। इनमें भागलपुर-जमालपुर के बीच 53 किलोमीटर लंबी तीसरी रेल लाइन का निर्माण शामिल है, जिस पर 1156 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। इसके अतिरिक्त बख्तियारपुर-राजगीर-तिलैया रेलखंड को दोहरीकरण की स्वीकृति मिलने की उम्मीद है, जिसकी लंबाई 104 किलोमीटर है और अनुमानित लागत 2017 करोड़ रुपये बताई गई है। वहीं 177 किलोमीटर लंबा रामपुरहाट-भागलपुर दोहरीकरण प्रोजेक्ट भी 3000 करोड़ रुपये की लागत से क्रियान्वित किया जाएगा।

दो नए सॉफ्टवेयर टेक पार्क तैयार

रेलवे परियोजनाओं के अलावा राज्य को सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भी बड़ी सौगात मिलने जा रही है। पटना और दरभंगा में दो नए सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क लगभग बनकर तैयार हैं। पटना के पाटलिपुत्र स्थित STPI बिल्डिंग की अनुमानित लागत 53 करोड़ रुपये है, जबकि दरभंगा की STPI इकाई पर लगभग 10 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इन टेक पार्कों के शुरू होने से राज्य में रोजगार और स्टार्टअप्स को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

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भारत बंद अलर्ट! 9 जुलाई को देशभर में ठप रहेंगी ये सेवाए- पूरी लिस्ट पढ़ें

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calendar01 Dec 2025 02:09 PM
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9 जुलाई 2025, बुधवार को पूरे देश में भारत बंद का ऐलान किया गया है। इस बंद का आह्वान देश की प्रमुख ट्रेड यूनियनों ने मिलकर किया है। यूनियनों का कहना है कि केंद्र सरकार की श्रम विरोधी नीतियां और कॉरपोरेट समर्थक सुधार उनके हितों के खिलाफ हैं। यूनियन नेताओं के अनुसार, सरकार लगातार उनकी 17 सूत्रीय मांगों की अनदेखी कर रही है।

कौन-कौन शामिल है इस हड़ताल में?

देश की 10 प्रमुख केंद्रीय ट्रेड यूनियनों—जैसे AITUC, CITU, INTUC, HMS, AIUTUC, TUCC, SEWA, AICCTU, LPF और UTUC—ने अपने सहयोगी संगठनों के साथ मिलकर इस हड़ताल में भाग लेने का फैसला किया है। इसके अलावा, अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ, बीईएफआई और बंगाल प्रांतीय बैंक कर्मचारी संघ भी हड़ताल में शामिल हैं। यूनियनों के मुताबिक, इस हड़ताल में 25 से 30 करोड़ कर्मचारी शामिल हो सकते हैं।

9 जुलाई को कौन-कौन सी सेवाएं रहेंगी ठप?

इस हड़ताल का असर कई सेक्टर्स में देखने को मिलेगा। खासकर सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्रों की सेवाएं प्रभावित होंगी।

 बंद रहने वाली प्रमुख सेवाएं:

बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विसेस (जैसे नकद निकासी, चेक क्लियरेंस, कस्टमर सर्विस) बीमा कंपनियों के दफ्तर पोस्ट ऑफिस में डाक सेवाएं कोल माइनिंग और फैक्ट्रियों का कामकाज स्टेट ट्रांसपोर्ट सेवाएं (कुछ राज्यों में) पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेज (PSUs) अगर आप 9 जुलाई को बैंक या बीमा कार्यालय जाने की सोच रहे हैं, तो अपना काम पहले ही निपटा लें, क्योंकि इन सेवाओं पर कामकाज पूरी तरह से रुक सकता है।

क्या खुला रहेगा?

अब तक की जानकारी के अनुसार, कुछ जरूरी सेवाएं सामान्य रूप से जारी रहेंगी। इनमें शामिल हैं: स्कूल और कॉलेज सरकारी ऑफिस रेलवे, बस, एयरपोर्ट सेवाएं अस्पताल और मेडिकल सेवाएं निजी दफ्तर, मॉल और बाजार डिजिटल बैंकिंग सेवाएं जैसे मोबाइल बैंकिंग, नेट बैंकिंग और यूपीआई पहले की तरह चालू रहेंगी। हालांकि, कस्टमर सर्विस से जुड़ा सहयोग सीमित हो सकता है।

नागरिकों के लिए अलर्ट

अगर आपके पास कोई जरूरी बैंकिंग, बीमा या पोस्टल से जुड़ा काम है, तो उसे 9 जुलाई से पहले पूरा करने की कोशिश करें। भारत बंद के दिन इन सेवाओं में देरी या असुविधा का सामना करना पड़ सकता है। भारत बंद का असर पूरे देश में बड़े स्तर पर महसूस किया जाएगा। यह हड़ताल केवल कर्मचारी हितों के लिए नहीं बल्कि आम नागरिकों की रोज़मर्रा की सेवाओं पर भी असर डाल सकती है। ऐसे में जरूरी है कि लोग पहले से योजना बनाएं और वैकल्पिक व्यवस्था करें। अवैध धर्मांतरण का ATM! कौन है छांगुर बाबा का फाइनेंसर खान?