PMC चुनाव: शरद पवार गुट MVA में लौटने को तैयार
पुणे महानगरपालिका (PMC) चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP-SP) ने अजित पवार गुट के साथ संभावित गठबंधन की बातचीत विफल होने के बाद फिर से महाविकास आघाड़ी (MVA) के साथ बातचीत शुरू कर दी है।

पिछले सात दिनों से दोनों एनसीपी गुटों के बीच पीएमसी चुनाव को लेकर गठबंधन पर चर्चा चल रही थी, लेकिन ये वार्ता सफल नहीं हो पाई। सूत्रों के मुताबिक, अजित पवार ने कोई अंतिम निर्णय नहीं दिया और शरद पवार गुट की प्रमुख मांगों को ठुकरा दिया। अजित पवार का कहना था कि शरद पवार गुट के समर्थित उम्मीदवार केवल 'घड़ी' चुनाव चिह्न पर ही चुनाव लड़ें। साथ ही उन्होंने NCP-SP की 68 सीटों की मांग को भी अस्वीकार कर दिया।
अजित पवार ने 68 सीटों का प्रस्ताव ठुकराया
बता दें कि अजित पवार का तर्क था कि 2017 के पीएमसी चुनाव में एनसीपी एकजुट थी, तब केवल 43 सीटें ही जीत पाई थीं, इसलिए 68 सीटें देना व्यावहारिक नहीं है। शरद पवार गुट के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि अगर हम अजित पवार की शर्त मान लेते, तो पुणे शहर में शरद पवार गुट की एनसीपी का अस्तित्व ही मिट जाता। इसलिए यह प्रस्ताव अस्वीकार्य था। शरद पवार गुट की शर्तों को अजित पवार द्वारा ठुकराए जाने के बाद सुप्रिया सुले, जयंत पाटिल और अन्य वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई। इसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि पीएमसी चुनाव एमवीए के साथ मिलकर लड़ा जाएगा। इस फैसले के बाद पुणे में कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी-एसपी के बीच नई वार्ता शुरू हो गई है। वहीं, पिंपरी-चिंचवड़ में दोनों एनसीपी गुटों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की संभावना बनी हुई है।
शरद पवार गुट की एमवीए में वापसी
बता दें कि अजित पवार के साथ गठबंधन की संभावनाओं ने पहले पुणे में एमवीए में दरार पैदा कर दी थी। उस समय कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) एक साथ चुनाव लड़ने का विकल्प सोच रहे थे। लेकिन अब एनसीपी-एसपी की एमवीए में वापसी से तीनों दलों के बीच समन्वय बैठकें फिर से शुरू हो गई हैं। वहीं अजित पवार ने शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे से संपर्क साधा है। सूत्रों के मुताबिक एनसीपी की शिंदे गुट के नेताओं के साथ बातचीत चल रही है, और अजित पवार पुणे में समर्थन हासिल करने के लिए सक्रिय हैं।
पिछले सात दिनों से दोनों एनसीपी गुटों के बीच पीएमसी चुनाव को लेकर गठबंधन पर चर्चा चल रही थी, लेकिन ये वार्ता सफल नहीं हो पाई। सूत्रों के मुताबिक, अजित पवार ने कोई अंतिम निर्णय नहीं दिया और शरद पवार गुट की प्रमुख मांगों को ठुकरा दिया। अजित पवार का कहना था कि शरद पवार गुट के समर्थित उम्मीदवार केवल 'घड़ी' चुनाव चिह्न पर ही चुनाव लड़ें। साथ ही उन्होंने NCP-SP की 68 सीटों की मांग को भी अस्वीकार कर दिया।
अजित पवार ने 68 सीटों का प्रस्ताव ठुकराया
बता दें कि अजित पवार का तर्क था कि 2017 के पीएमसी चुनाव में एनसीपी एकजुट थी, तब केवल 43 सीटें ही जीत पाई थीं, इसलिए 68 सीटें देना व्यावहारिक नहीं है। शरद पवार गुट के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि अगर हम अजित पवार की शर्त मान लेते, तो पुणे शहर में शरद पवार गुट की एनसीपी का अस्तित्व ही मिट जाता। इसलिए यह प्रस्ताव अस्वीकार्य था। शरद पवार गुट की शर्तों को अजित पवार द्वारा ठुकराए जाने के बाद सुप्रिया सुले, जयंत पाटिल और अन्य वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई। इसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि पीएमसी चुनाव एमवीए के साथ मिलकर लड़ा जाएगा। इस फैसले के बाद पुणे में कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी-एसपी के बीच नई वार्ता शुरू हो गई है। वहीं, पिंपरी-चिंचवड़ में दोनों एनसीपी गुटों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की संभावना बनी हुई है।
शरद पवार गुट की एमवीए में वापसी
बता दें कि अजित पवार के साथ गठबंधन की संभावनाओं ने पहले पुणे में एमवीए में दरार पैदा कर दी थी। उस समय कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) एक साथ चुनाव लड़ने का विकल्प सोच रहे थे। लेकिन अब एनसीपी-एसपी की एमवीए में वापसी से तीनों दलों के बीच समन्वय बैठकें फिर से शुरू हो गई हैं। वहीं अजित पवार ने शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे से संपर्क साधा है। सूत्रों के मुताबिक एनसीपी की शिंदे गुट के नेताओं के साथ बातचीत चल रही है, और अजित पवार पुणे में समर्थन हासिल करने के लिए सक्रिय हैं।











