Balasore Train Accident : 52 मृतकों की अब तक पहचान नहीं, दो शवों का अंतिम संस्कार




Delhi Latest News / नई दिल्ली। पाठक शायद यकीन ना करें किंतु यह सत्य है कि एक 10वीं पास युवक 'नटवरलाल' से भी बड़ा ठग निकला। उसने एक से एक पढ़े लिखे बुद्धिजीवीको ठग लिया। उसका आखरी शिकार एक उच्च शिक्षा प्राप्त साफ्टवेयर इंजीनियर बन गया है।
आपको बता दें कि 1000 लोगों को ठगने वाले इस शातिर ठग का नमा ललित शर्मा है। यह 24 साल का है और मूल रुप से हरियाणा के भिवानी जिले के धांगेर गांव का रहने वाला है। इन दनों यह पुणे की एक पॉश कालोनी में रईसजादों की तरह रह रहा था। एक साफ्टवेयर इंजीनियर को ठगने के बाद हुई शिकायत पर इस ठग को दिल्ली पुलिस ने इसे इसकी पुणे की एशगाह से बंदी बनाया है।
आपको बता दें कि 1000 लोगों को ठगने वाला यह ठग पकड़ में कैसे आया ? इस विषय में दिल्ली पुलिस के दक्षिण जिला पुलिस उपायुक्त चंदन चौधरी ने बताया कि पोर्टल के जरिये साइबर पुलिस स्टेशन प्रभारी अरुण कुमार वर्मा को शिकायत प्राप्त हुई। साफ्टवेयर इंजीनियर जितेंद्र ने बताया कि वह बंगलूरू में एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करते हैं। उन्हें दिल्ली में अपना सामान पहुंचाना था। इस कारण उन्होंने पैकर्स एंड मूवर्स सर्विसेज के लिए ऑनलाइन सर्च करना शुरू किया।
उसके पास गति पैकर्स एंड मूवर्स के नाम से फोन आया। इंजीनियर ने क्विड रेनॉल्ट कार और कुछ घरेलू सामान के परिवहन के लिए बुकिंग की। दो हजार रुपये एडवांस में जमा करा दिए और 13 हजार रुपये बाद में देना तय हुआ। बाद में आरोपी ने व्हाट्सएप कॉल की और राज्य बॉर्डर कस्टम शुल्क, जीएसटी शुल्क, बीमा शुल्क, राज्य आरटीओ क्लीयरेंस आदि के नाम पर उनसे 7.12 लाख रुपये ठग लिए।
Delhi Latest Newsकॉल डिटेल रिकॉर्ड्स (सीडीआर) और मनी ट्रेल के तकनीकी विश्लेषण से पता लगा कि आरोपी पहले हैदराबाद में था और अब पुणे में है। पता लगा कि आरोपी फर्जी आईडी से खरीदे गए मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल कर रहा है। आरोपी के बैंक खातों की डिटेल भी खंगाली गई। इसके बाद एसआई संजय सिंह की टीम ने 28 जून को पुणे में दबिश देकर ललित शर्मा को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी पुणे की पॉश कॉलोनी में किराए के फ्लैट नंबर 902, ब्लॉक-सी, सेंट्रल पार्क रेजीडेंसी, मौसी, पिपरी चिन्धवड़ में पत्नी के साथ रह रहा था। इस फ्लैट के लिए वह 25 हजार रुपये महीना किराया चुका रहा था।
Delhi Latest News / नई दिल्ली। पाठक शायद यकीन ना करें किंतु यह सत्य है कि एक 10वीं पास युवक 'नटवरलाल' से भी बड़ा ठग निकला। उसने एक से एक पढ़े लिखे बुद्धिजीवीको ठग लिया। उसका आखरी शिकार एक उच्च शिक्षा प्राप्त साफ्टवेयर इंजीनियर बन गया है।
आपको बता दें कि 1000 लोगों को ठगने वाले इस शातिर ठग का नमा ललित शर्मा है। यह 24 साल का है और मूल रुप से हरियाणा के भिवानी जिले के धांगेर गांव का रहने वाला है। इन दनों यह पुणे की एक पॉश कालोनी में रईसजादों की तरह रह रहा था। एक साफ्टवेयर इंजीनियर को ठगने के बाद हुई शिकायत पर इस ठग को दिल्ली पुलिस ने इसे इसकी पुणे की एशगाह से बंदी बनाया है।
आपको बता दें कि 1000 लोगों को ठगने वाला यह ठग पकड़ में कैसे आया ? इस विषय में दिल्ली पुलिस के दक्षिण जिला पुलिस उपायुक्त चंदन चौधरी ने बताया कि पोर्टल के जरिये साइबर पुलिस स्टेशन प्रभारी अरुण कुमार वर्मा को शिकायत प्राप्त हुई। साफ्टवेयर इंजीनियर जितेंद्र ने बताया कि वह बंगलूरू में एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करते हैं। उन्हें दिल्ली में अपना सामान पहुंचाना था। इस कारण उन्होंने पैकर्स एंड मूवर्स सर्विसेज के लिए ऑनलाइन सर्च करना शुरू किया।
उसके पास गति पैकर्स एंड मूवर्स के नाम से फोन आया। इंजीनियर ने क्विड रेनॉल्ट कार और कुछ घरेलू सामान के परिवहन के लिए बुकिंग की। दो हजार रुपये एडवांस में जमा करा दिए और 13 हजार रुपये बाद में देना तय हुआ। बाद में आरोपी ने व्हाट्सएप कॉल की और राज्य बॉर्डर कस्टम शुल्क, जीएसटी शुल्क, बीमा शुल्क, राज्य आरटीओ क्लीयरेंस आदि के नाम पर उनसे 7.12 लाख रुपये ठग लिए।
Delhi Latest Newsकॉल डिटेल रिकॉर्ड्स (सीडीआर) और मनी ट्रेल के तकनीकी विश्लेषण से पता लगा कि आरोपी पहले हैदराबाद में था और अब पुणे में है। पता लगा कि आरोपी फर्जी आईडी से खरीदे गए मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल कर रहा है। आरोपी के बैंक खातों की डिटेल भी खंगाली गई। इसके बाद एसआई संजय सिंह की टीम ने 28 जून को पुणे में दबिश देकर ललित शर्मा को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी पुणे की पॉश कॉलोनी में किराए के फ्लैट नंबर 902, ब्लॉक-सी, सेंट्रल पार्क रेजीडेंसी, मौसी, पिपरी चिन्धवड़ में पत्नी के साथ रह रहा था। इस फ्लैट के लिए वह 25 हजार रुपये महीना किराया चुका रहा था।
