Chandrayaan 3: चंद्रयान 3 पर आई बड़ी अपडेट, चंद्रमा की कक्षा में पहुँचते ही इस तरह किया रिएक्ट

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Chandrayaan 3 Landing Time
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 02:15 AM
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Chandrayaan 3: मिशन चंद्रयान 3 को लेकर एक बड़ी खबर आई है। इसरो ने अपडेट दी है कि चंद्रयान 3 शनिवार, 5 अगस्त की शाम 7 बजे चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर गया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान एजेंसी (ISRO) के अनुसार स्पेस क्राफ्ट एकदम सही है और भलीभाँति काम कर रहा है। अब तक सब कुछ हमारी योजनानुसार चल रहा है। Chandrayaan 3: चंद्रयान 3 ने किया चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश चंद्रयान 3 शनिवार 5 अगस्त को भारतीय समय अनुसार शाम 7 बजे चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर गया है। इसके बाद चंद्रयान 3 का रिएक्शन भी सामने आया है। चंद्रयान 3 ने संदेश भेजा है कि 'मैं चंद्रमा की ग्रेविटी महसूस कर रहा हूँ।' इस प्रक्रिया को लूनर ऑर्बिट इंजेक्‍शन (LOI) कहते हैं। इससे पहले चंद्रयान 3 ने धरती की ऑर्बिट के 5 चक्कर लगाए थे। इसके जरिए स्पेस क्राफ्ट को पृथ्वी से दूर भेजा जा रहा था। अब शनिवार से यह चंद्रमा के चक्कर लगाता हुआ, चंद्रमा के पास पहुंचेगा। इसरो की ओर से बताया गया है कि यदि सारे अनुमान सही रहे तो 23 अगस्त को चंद्रयान 3 चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। अब करीब अगले 18 दिन तक चंद्रयान 3 धीरे-धीरे चंद्रमा की ओर बढ़ेगा, ठीक उसी तरह जैसे यह धीरे-धीरे पृथ्वी से दूर गया था। Chandrayaan 3: कब और कहाँ लैंड करेगा चंद्रयान 3 [caption id="attachment_106209" align="aligncenter" width="1200"]Chandrayaan 3 Chandrayaan 3[/caption] चंद्रयान 3 मिशन 2023 श्रीहरिकोटा से लॉचिंग के बाद 45 दिन तक अंतरिक्ष में घूमने के बाद चंद्रमा के दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र में लैंड करेगा। इसके दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र में ही लैंडिंग की विशेष वजह है, क्योंकि यहाँ सूर्य की किरणें सीधी नहीं, बल्कि तिरछी पड़ती हैं, इस कारण यहाँ अंधेरा रहता है और यहाँ का तापमान भी -180 डिग्री (माइनस 180 डिग्री) के आसपास रहता है। इसलिए इस स्थान पर पानी मिलने की संभावनाएं अधिक हैं। यही वजह है की इस जगह को ही चंद्रयान 3 की लैंडिंग के लिए चुना गया है। इस मिशन का उद्देश्य भी यही है कि चंद्रमा पर क्या-क्या संभावनाएं हैं, उनके बारे में जानकारी प्राप्त करना। जिससे भविष्य के मिशन की योजनाएं तैयार की जा सकें। Chandrayaan 3: दुनिया में बढ़ेगा भारत का मान मिशन चंद्रयान 3 के सफल होते ही भारतीय अंतरिक्ष अभियान में एक सुनहरा अध्याय जुड़ जाएगा। चंद्रयान 3 मिशन के सफल होते ही भारत चंद्रमा पर अपना यान उतारने वाला चौथा देश बन जाएगा। दुनिया में अभी तक केवल 3 देशों को ही चांद पर अपने अंतरिक्ष यान उतारने में सफलता मिली है। ये 3 देश हैं अमेरिका, रूस और चीन। भारत के इस मिशन के सफल होते ही भारत का लोहा सारी दुनिया मानेगी।
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Online Marriage : पाकिस्तानी महिला ने की इंडिया के लड़के से शादी, नहीं मिला वीजा तो वीडियो कॉल पर हुआ निकाह

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Online Marriage in india
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 10:23 AM
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Online Marriage : कहते हैं कि प्यार का ना कोई मजहब होता ना ही कोई जाति होती है। यहां तक कि प्यार देश-दुनिया की सीमाएं भी नहीं देखता है। हाल ही में पाकिस्तान की सीमा हैदर अपने चार बच्चों के साथ नोएडा के एक व्यक्ति सचिन से शादी करने के लिए भारत में घुस आई है। उनकी दोस्ती मोबाइल गेम के दौरान हुई थी। सीमा हैदर के नोएडा आने के बाद से सीमा पार संबंधों पर चर्चा होने लगी है। अब एक बड़ी खबर सामने आई है कि एक पाकिस्तानी महिला ने भारतीय वीजा मिलने में विफल रहने के बाद जोधपुर के एक व्यक्ति से शादी कर ली है। कराची निवासी अमीना ने अपनी शादी के लिए वीजा प्राप्त करने में विफल रहने के बाद अपने भारतीय मंगेतर अरबाज खान के साथ ऑनलाइन की शादी करने का फैसला किया।

Online Marriage in india

अमीना वीजा के लिए आवेदन करेंगी। अरबाज ने बुधवार को समारोह के बाद कहा, ‘मैंने पाकिस्तान में शादी नहीं की, क्योंकि इसे मान्यता नहीं मिलेगी और हमें भारत पहुंचने पर दोबारा शादी करनी पड़ेगी।’ चार्टर्ड अकाउंटेंट अरबाज खान बुधवार को शादी के लिए अपने दोस्तों और परिवार के साथ जोधपुर के ओसवाल समाज भवन पहुंचे। यहां न केवल 'निकाह' वर्चुअली आयोजित किया गया, बल्कि परिवार ने उत्सव भी मनाया और अरबाज से शादी की सभी रस्में भी निभाईं। समारोह का संचालन जोधपुर काजी ने किया, जिन्होंने जोड़े को सुखी वैवाहिक जीवन की शुभकामनाएं दीं।

कपल ने क्यों की ऑनलाइन शादी

पकिस्तानी महिला अमीना के साथ अपने रिश्ते के बारे में बात करते हुए अरबाज ने कहा कि यह एक अरेंज मैरिज है, जिसकी बातचीत पाकिस्तान में उनके रिश्तेदारों ने शुरू की थी। उन्होंने बताया, ‘हमारे परिवार वालों ने यह शादी तय की थी। ऑनलाइन निकाह करने का कारण यह है कि इन दिनों भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते ठीक नहीं चल रहे हैं।’

आपको बता दें, सीमा हैदर और सचिन के रिश्ते ने देशभर में खलबली मचाई हुई है। दोनों की शादी को लेकर तरह-तरह से सवाल किए जा रहे हैं। यहां तक कि सीमा पर कई तरह की जांचे भी की जा रही हैं।

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National Handloom: राष्ट्रीय हैंडलूम प्रदर्शनी हर वर्ग के दर्शकों के आकर्षण का केंद्र

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National Handloom
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 03:45 AM
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National Handloom: राष्ट्रीय हैंडलूम दिवस पर दिल्ली के प्रगति मैदान के "भारत मंडपम" में देशभर के 3000 कारीगरों और बुनकरों द्वारा साड़ियों, खादी के फैशनेबल कपड़ों , घर की सजावट के लिए अद्वितीय कलाकृतियां में पूरा भारत सिमट आया है। कल दिल्ली के प्रति प्रगति मैदान में 12:00 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय हैंडलूम प्रदर्शनी का उद्घाटन कर रहे हैं। इस मौके पर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी द्वारा भारत भर के वस्त्र उद्योग को देश की जनता के लिए,"भारतीय वस्त्र उद्योग एवं शिल्पकोष का उद्घाटन भी कर रहे हैं। हैंडलूम दिवस पर देश भर के तमाम राज्यों से 3000 बुनकरों और कारीगरों के शिल्प के अनूठे नमूने हर वर्ग के दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। National Handloom: दिल्ली के प्रगति मैदान में स्थित भारत मंडपम के जगमगाते स्टॉल स्टॉलों पर कहीं लखनऊ की चिकनकारी के बने कुर्ते अपनी और अग्रस्त कर रहे हैं तो कहीं दूसरी तरफ उड़ीसा की इक्कत साड़ियां हमें अपनी तरफ बुला रही हैं। नजर जरा सी ऊपर उठती है तो दूसरी तरफ असम एरी सिल्क की साड़ियां हमें ललचा रही हैं, जिन्हें हम पूजा या शादी के अवसर पर पहन कर देवी की तरह से अलौकिक दिखते हैं। National Handloom: भारत में हर पांच किलोमीटर पर संस्कृति बदल जाती है, अलग परिवेश अलग पूजा पाठ के ढंग, अलग पहनावा अलग ही मंदिरों का शिल्प, कपड़े पहनने का स्टाइल भी अलग और संस्कृति के रंगारंग खूबसूरत कलाकृतियां भी अलग। दरअसल भारत के बुनकरों कारीगरों और प्रतिभाओं में अपने स्थानीय संसाधनों से उन्हें अपनी कारीगरी के हुनर से कुछ अनूठा बनाने की रचनात्मकता है । यह शिल्पी छोटे से कीड़े से रेशम निकालकर हमें लाखों लाखों की साड़ियां बनाकर पेश कर देता है। जहां रेशम ना हो वहां मामूली सा जूट से भी हमारे कारीगर भव्य होटल ,घरों और पारंपरिक दीवारों को सजाने के लिए पेंटिंग कलाकृतियां दरियों का खजाना बना देते हैं। आधुनिक घरों के लिए घर के दरवाजे पर प्रवेश करते ही सुंदर सुंदर फूट पैड बनाने में भी माहिर है। National Handloom: घर सजाने के सामान सस्ती कीमत पर अगर आपको घर बैठे देश भर के तमाम राज्यों की साड़ियां दरियां कलाकृतियां देखने और खरीदने का मन हो तो प्रगति मैदान के हैंडलूम प्रदर्शनी में जाना ना भूले। हम यहां से एक से बढ़कर एक घर सजाने के सामान सस्ती कीमत में खरीद सकते हैं। लेकिन अपने व्यक्तित्व में चार चांद लगाने वाले युवाओं के लिए भी स्किन फ्रेंडली वेस्टर्न स्टाइल के कपड़ो का अद्भुत भंडारन है। कहीं आपको इस प्रदर्शनी में फैशन की दुनिया से जुड़ी कपड़ों की दुनिया दिख रही है तो कहीं मुगल काल से ही लोगों के शाही आकर्षण का केंद्र चिड़िया के पंखों से भी हल्की साड़ियों का अद्भुत खजाना यहां पर सिमट आया है। National Handloom: एक से बढ़कर एक कपड़ों के अनूठे रंग  प्रगति मैदान में जहां तक दूर तक निगाहें जाएं वहीं तक एक से बढ़कर एक कपड़ों के अनूठे रंग है किसी में भगवान की मूर्तियां दिखती हैं तो किसी में मंदिर के चक्र दिखते हैं किसी में इमली की फूल पत्तियां दिखाई पड़ रही हैं तो कहीं हैंडलूम का फैशनेबल दुनिया में अनूठा रंग है। हमने अपनी परंपरा को 21वीं शताब्दी के हिसाब से फैशन की दुनिया से भी जोड़ कर रख दिया है लेकिन यह सारे रंग सादगी के साथ उन कारीगरों ने चुराकर अपनी शिल्पकृतियों में भरे हैं, जो कारीगर अपनी दो जून रोटी खाने के लिए भीलाचारसाहैवह एक एक दरी और एक-एक साड़ी बनाने के लिए चार-चार पांच-पांच महीने लगाते हैं। लेकिन फिर भी उनकी उंगलियां थकती नहीं.. उनका दिमाग पूरी रचनात्मकता से अपने शिल्प पर अथक लगा रहता है। उनकी कमर बैठे-बैठे थक जाती है हाथों की उंगलियां ईश्वर की तरह चलती रहती है बिना रुके बिना थके। National Handloom: आजादी के समय महात्मा गांधी ने इन बुनकरों को स्वदेशी आंदोलन से जोड़ा था और उनकी प्रतिभा को स्वदेशी आंदोलन में अमिट बना दिया था। गांधी जी ने स्वयं हाथ में चरखा लेकर ग्रामीण मुक्ति मिट्टी से जुड़े बुनकर शिल्पियों को अलग पहचान थी उनके योगदान को आजादी का हिस्सा बना दिया था। National Handloom: आज फिर से हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के शिल्पियों को उच्च स्थान देने के लिए उन्हें आर्थिक रूप से निर्भर बनाने के लिए कपड़ा उद्योग में तमाम तरह की योजनाएं चला कर सुविधा दी है। आज कपड़ा उद्योग फैशन उद्योग में सिमट कर रोजगार के लिए एक बड़ा अवसर बना है। National Handloom: राष्ट्रीय हैंडलूम दिवस पर राजधानी दिल्ली में आयोजित प्रदर्शन में फैशन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी यानी निफ्ट के स्टाइल पर फैशनेबल दुनिया का अनूठा संसार है भारत की युवती और युवाओं के विशेष आकर्षण का केंद्र है। निफ्ट की प्रतिभाओं के जरिए बनाए एक से बढ़कर एक फैशनेबल कपड़े हैंडलूम में अपनी प्रतिभा की ऊंचाइयां दुनिया भर को दिखा रहे हैं। उल्लेखनीय है राष्ट्रीय हैंडलूम दिवस पर भारत मंडपम में हैंडलूम खड़ी से जुड़े हटाकर का उद्योग के 3000 शिल्पी अपनी कला का प्रदर्शन दिखाने के लिए शिरकत कर रहे हैं आर्थिक दृष्टि से विश्व स्तर पर कपड़ा उद्योग में एक अलग मंच मिलेगा। इस प्रदर्शनी में खादी ग्राम उद्योग, हैंडलूम एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल, राज्य हैंडलूम विभाग इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ हैंडलूम टेक्नोलॉजी के दिग्गज नेशनल हैंडलूम डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के प्रतिनिधि देशभर से हिस्सा ले रहे हैं। National Handloom: परंपराओं से जुड़ा हैंडलूम का यह खजाना  [caption id="attachment_106181" align="aligncenter" width="1056"]National Handloom National Handloom[/caption] परंपराओं से जुड़ा हैंडलूम का यह खजाना देश की सांस्कृतिक आत्मा को समेट कर हमें बता रहा है कि भारत की प्रकृति मंदिरों की संस्कृति मंदिरों की घंटियां फूल पत्ती प्रकृति से प्रेरित बुनकर कारीगरी की रचनात्मक सोच छोटे से छोटे कपास और संसाधन से बेमिसाल नमूने तैयार कर देती है जैसे हम मिट्टी से भगवान बना देते हैं जिसमें भगवान बसते हैं । ठीक इसी तरह हैंडलूम प्रदर्शनी में आप अपनी अपनी पसंद के एक से बढ़कर एक कपड़े, साड़ियां घर को सजाने सुंदर तुम कलाकृतियां, दरिया कालीन खरीद कर ला सकते हैं । हैंडलूम की यह सुंदर दुनिया देखकर हम मन ही मन कर उठते हैं... रचनात्मकता में भारत की आत्मा बसती है। भारत ही तो दुनिया का स्वर्ग है भारत ही तो दुनिया की सोने की चिड़िया है जिसके कारण कारण में अपार सुख है। जो कपास और रेशम के कीड़े से ऐसे शाही लिबास बना देते हैं जिन्हें देखकर आंखें हटती नहीं। National Handloom: इसलिए भारत भर के तमाम राज्यों की हैंडलूम प्रदर्शनी का नजारा लेने आप प्रगति मैदान जरूर जाएं। जहां कपड़ो की एक से बढ़कर एक दुनिया आपके लिए इंतजार कर रही है। हैंडलूम की इस दुनिया में भारत की संस्कृति और परंपरा का नजारा लें और अपने घर को सजा दें अब मां अपने मनचाहे अंदाज में आप उड़ीसा के संस्कृति घर में लाना चाहे या पंजाब की, आप असम की संस्कृति लाना चाहे या फिर गुजरात की। राजस्थान की रंगीलीबेडसीटऔर पटोला साड़ियां खरीदना चाहे, या उत्तर प्रदेश लखनऊ की चिकनकारी। यहां आपका मन चाहा संसार से सिमट सा आया है। कपड़ा उद्योग का यह विस्तार भारत की मिट्टी की सौंधी गंध में आप महसूस कर सकते हैं ,और आप गर्व कर सकते हैं यह है मेरा भारत महान जहां की रंगीली संस्कृति जहां का रचनात्मक शिल्प हमेशा से पूरी दुनिया को आकर्षित करता रहा है। National Handloom: आओ हम कदम बढ़ाएं ! आओ हम कदम बढ़ाएं, प्रगति मैदान की तरफ जहां कपड़ा उद्योग के तमाम खादी ग्राम उद्योग हैंडलूम एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल राज्य हैंडलूम विभाग इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ हैंडलूम टेक्नोलॉजी के प्रतिनिधि नेशनल हैंडलूम डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के प्रतिनिधि देशभर से शिरकत कर रहे हैं। आप परिवार सहित हैंडलूम प्रदर्शनी में जाना ना भूले। क्योंकि यह वह अवसर है जो देश भर के तमाम राज्यों के जाए बिना हमारे बच्चे और हमारा परिवार भारत भर की संस्कृति के नजदीक जाकर वहां का आनंद ले सकता है उन्हें छू सकते हैं उन्हें अपने घर की सजावट का हिस्सा बन सकते हैं। और वहां की जीवंत दुनिया में उतर कर अपने घर को भी उसी के अनुरूप अपनी पसंद में अपना घर सजा सकता है और हैंडलूम के कपड़ों में अपने व्यक्तित्व में चार चांद लगा सकता है ।   Greater Noida News: सपा की दादरी विधानसभा कार्यकारिणी की हुई घोषणा, इन लोगों को सौंपी गई यह जिम्मेदारियां